गयाः बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर में आस्था का साक्षात समागम देखा जा सकता है. एक तरफ जहां तपती गर्मी से जल सूख गए हैं तो वहीं, दूसरी तरफ विष्णुपद मंदिर (People Faith On Akashganga In VishnuPad Temple) में गर्भ गृह के समीप ऊपरी सतह के गुंबद से जल की बूंदे टपक रही हैं. मन से भगवान का ध्यान करके हाथ लगाने पर तुरंत ही पानी की बूंद टपकती है. धार्मिक दृष्टि से इसे चमत्कार तो विज्ञान की दृष्टि से इसे शोध का विषय कहा जा सकता है. हालांकि यहां के पंडा समाज का दावा है कि आज तक इस संबंध में कोई भी पता नहीं लगा सका है.
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श्रद्धालुओं की लगी रहती है भीड़ः इस चमत्कार का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, जिसके हाथ में पानी की बूंदे टपकती है, तो वह खुद को सौभाग्यशाली समझता है. इसके लिए लोग कतार में भी खड़े रहते हैं. देश के विभिन्न प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं में इसे लेकर काफी जिज्ञासा रहती है. पानी की बूंद गिरते ही वे खुश हो जाते हैं.
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भगवान का मिलता है आशीर्वादः विष्णुपद प्रबंधकारिणी के शंभू पंडा जी बताते हैं कि विष्णुपद में अद्भुत आकाशगंगा है. इसे भगवान का आशीर्वाद कहते हैं. गंगा की उत्पत्ति भगवान विष्णु के दाहिने अंगूठे से हुई थी. वैसे भी विष्णुपद में भगवान का चरण जहां है, वही गंगा है. विष्णुपद गर्भगृह से सटे छत के ऊपर गुंबद के समीप से जल टपकता है, कहां से जल आता है, पता नहीं चल सका है. पानी के स्त्रोत का भी पता नहीं चल सका है. यह धर्म की आकाशगंगा है, जो प्रभु का ध्यान लगाकर खड़े होते ही ऊपर से पानी की बूंदें टपककर आशीर्वाद के रूप में मिल जाती हैं. यह भगवान विष्णु का आशीर्वाद है.
छत पर जलजमाव का नहीं है कोई साधनः बताते हैं कि विष्णुपद गर्भ गृह विष्णु चरण से सटे पूरब गेट के छत की सतह से ऐसा होता है. पंडा कहते हैं कि पृथ्वी से जल सूख रहा है तो दूसरी ओर पानी की बूंदे टपक रही हैं. यह चमत्कार ही है. ऐसा कैसे होता है आज तक कोई पता नहीं लगा सका है. ऊपर छत पर सफाई करते हैं, लेकिन जल जमाव का कोई साधन भी नहीं है और उस पर भी तपती गर्मी है, तो ऐसे में यह पानी की बूंदे जो टपकती हैं, भगवान का आशीर्वाद ही हैं.
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