गया: खरमास काल में पौष पितृपक्ष होता है जिसे मिनी पितृपक्ष भी कहा जाता है. इन दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु पिंडदान करने पहुंच रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड भी अपने पूरे शबाब पर है. श्रद्धालुओं को ठंड से बचने के लिये जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से किये गये इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.
श्रद्धालुओं का कहना है कि कड़ाके की ठंड में सुबह खुले आसमान के नीचे पिंडदान करना पड़ रहा है. अहले सुबह से ही पिंडदान की विधि शुरू हो जाती है. ऐसे में श्रद्धालुओं को अलाव की जरूरत पड़ती है लेकिन जिला प्रशासन और नगर निगम ने कहीं भी इसकी व्यवस्था नहीं की है.
ठंड से बचाव के नहीं है मुकम्मल व्यवस्था
जिला प्रशासन ने दावा किया था कि लोगों की सुविधा के लिये हर चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की गई है लेकिन कुछ चुनिंदा जगहों को छोड़ दें तो अलाव कहीं नहीं दिखती. ईटीवी भारत ने जब विष्णुपद मंदिर परिसर में ठहरे लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि पितृपक्ष मेला में आये श्रद्धालुओं के लिए इस ठंड से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां गरीब श्रद्धालु भी आते हैं. लोगों को सुबह से ही खुले आसमान के नीचे ठंड में बैठे रहना पड़ता है.
रैन बसेरा बनाये जाने की मांग
विष्णुपद मंदिर परिसर में अलाव के पास बैठे स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर के इर्द-गिर्द अस्थायी रैन बसेरा बनना चाहिए. सुबह से पिंडदान का कर्मकांड शुरू हो जाता है इसलिये सुबह में देवघाट के पास भी अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिये.