गया: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के चतरा जिले का रहने वाला चंदन कुमार पैसों के अभाव में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिनों से ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है. बताया जाता है कि ऑपरेशन के लिए अस्पताल कर्मियों ने उससे 25 सौ रुपए की मांग की है. लेकिन मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपने बच्चे का ऑपरेशन पैसे देकर करा सके, हालांकि 20 दिनों बाद आयुष्मान भारत योजना का कार्ड मिलने के बाद डॉक्टरों ने इलाज की हामी भरी.
ऑपेरशन का सामान खरीद कर लाने को कहा
दरअसल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत गोरिया गांव निवासी चंदन कुमार पिछले 20 दिनों से भर्ती है. चंदन का दाहिना पैर फैक्चर है और उसका ऑपरेशन किया जाना है. ऑपेरशन कर पैर में लगने वाला रड मरीज के परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बाजार से खरीदकर लाने को कहा. मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि बाजार से रड खरीदकर लाते और इलाज करवाते.
साइकिल चलाने के दौरान टूटा पैर
मरीज की मां ललिता देवी ने बताया मेरा बेटा साइकिल चला रहा था, इसी क्रम में गिर गया, तो दाहिना पैर टूट गया. इसके बाद इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिन पहले आये थे. डॉक्टर ने प्लास्टर कर दिया और कहा ऑपेरशन करना पड़ेगा. लेकिन 20 दिनों तक ऑपेरशन का कोई डेट नहीं दिया. कुछ दिन पहले एक अस्पताल कर्मचारी आया और बोला रड सहित अन्य सामान खरीदकर ले आओ, तब ऑपेरशन होगा. तब हम लोगों ने आयुष्मान कार्ड दिखाए तो अस्पताल कर्मी डेट देने में आना-कानी करने लगा. लेकिन अब ऑपेरशन के लिए सोमवार का डेट दिया गया है.
'वेटिंग लिस्ट ज्यादा होने के कारण हुआ लेट'
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड लेकर जो भी मरीज आते हैं, उनका इलाज हर स्तर पर मुफ्त होता है. जिनके पास कार्ड नहीं रहता है तो राशन कार्ड लाने पर अस्पताल में उसका आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है. अभी तक लगभग 700 लोगों का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में बनाया गया है. साथ ही उन्होंने चंदन के इलाज के बारे में बताया कि वह हड्डी रोग विभाग का मामला आया है. वहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा है. हर रोज चार से पांच मरीजों का ऑपेरशन होता है. आयुष्मान योजना के तहत ऑपेरशन के सभी समानों के खरीदारी कर ली गई है.