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मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने ऑपरेशन के लिए की पैसों की मांग, 20 दिनों से भर्ती है बच्चा - ऑपरेशन

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड लेकर जो भी मरीज आते हैं, उनका इलाज हर स्तर पर मुफ्त होता है. जिनके पास कार्ड नहीं रहता है तो राशन कार्ड लाने पर अस्पताल में उसका आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है.

चंदन कुमार, मरीज
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Published : Jul 21, 2019, 11:40 AM IST

गया: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के चतरा जिले का रहने वाला चंदन कुमार पैसों के अभाव में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिनों से ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है. बताया जाता है कि ऑपरेशन के लिए अस्पताल कर्मियों ने उससे 25 सौ रुपए की मांग की है. लेकिन मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपने बच्चे का ऑपरेशन पैसे देकर करा सके, हालांकि 20 दिनों बाद आयुष्मान भारत योजना का कार्ड मिलने के बाद डॉक्टरों ने इलाज की हामी भरी.

ऑपेरशन का सामान खरीद कर लाने को कहा

दरअसल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत गोरिया गांव निवासी चंदन कुमार पिछले 20 दिनों से भर्ती है. चंदन का दाहिना पैर फैक्चर है और उसका ऑपरेशन किया जाना है. ऑपेरशन कर पैर में लगने वाला रड मरीज के परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बाजार से खरीदकर लाने को कहा. मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि बाजार से रड खरीदकर लाते और इलाज करवाते.

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया

साइकिल चलाने के दौरान टूटा पैर

मरीज की मां ललिता देवी ने बताया मेरा बेटा साइकिल चला रहा था, इसी क्रम में गिर गया, तो दाहिना पैर टूट गया. इसके बाद इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिन पहले आये थे. डॉक्टर ने प्लास्टर कर दिया और कहा ऑपेरशन करना पड़ेगा. लेकिन 20 दिनों तक ऑपेरशन का कोई डेट नहीं दिया. कुछ दिन पहले एक अस्पताल कर्मचारी आया और बोला रड सहित अन्य सामान खरीदकर ले आओ, तब ऑपेरशन होगा. तब हम लोगों ने आयुष्मान कार्ड दिखाए तो अस्पताल कर्मी डेट देने में आना-कानी करने लगा. लेकिन अब ऑपेरशन के लिए सोमवार का डेट दिया गया है.

'वेटिंग लिस्ट ज्यादा होने के कारण हुआ लेट'

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड लेकर जो भी मरीज आते हैं, उनका इलाज हर स्तर पर मुफ्त होता है. जिनके पास कार्ड नहीं रहता है तो राशन कार्ड लाने पर अस्पताल में उसका आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है. अभी तक लगभग 700 लोगों का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में बनाया गया है. साथ ही उन्होंने चंदन के इलाज के बारे में बताया कि वह हड्डी रोग विभाग का मामला आया है. वहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा है. हर रोज चार से पांच मरीजों का ऑपेरशन होता है. आयुष्मान योजना के तहत ऑपेरशन के सभी समानों के खरीदारी कर ली गई है.

गया: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के चतरा जिले का रहने वाला चंदन कुमार पैसों के अभाव में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिनों से ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है. बताया जाता है कि ऑपरेशन के लिए अस्पताल कर्मियों ने उससे 25 सौ रुपए की मांग की है. लेकिन मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपने बच्चे का ऑपरेशन पैसे देकर करा सके, हालांकि 20 दिनों बाद आयुष्मान भारत योजना का कार्ड मिलने के बाद डॉक्टरों ने इलाज की हामी भरी.

ऑपेरशन का सामान खरीद कर लाने को कहा

दरअसल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत गोरिया गांव निवासी चंदन कुमार पिछले 20 दिनों से भर्ती है. चंदन का दाहिना पैर फैक्चर है और उसका ऑपरेशन किया जाना है. ऑपेरशन कर पैर में लगने वाला रड मरीज के परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बाजार से खरीदकर लाने को कहा. मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि बाजार से रड खरीदकर लाते और इलाज करवाते.

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया

साइकिल चलाने के दौरान टूटा पैर

मरीज की मां ललिता देवी ने बताया मेरा बेटा साइकिल चला रहा था, इसी क्रम में गिर गया, तो दाहिना पैर टूट गया. इसके बाद इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिन पहले आये थे. डॉक्टर ने प्लास्टर कर दिया और कहा ऑपेरशन करना पड़ेगा. लेकिन 20 दिनों तक ऑपेरशन का कोई डेट नहीं दिया. कुछ दिन पहले एक अस्पताल कर्मचारी आया और बोला रड सहित अन्य सामान खरीदकर ले आओ, तब ऑपेरशन होगा. तब हम लोगों ने आयुष्मान कार्ड दिखाए तो अस्पताल कर्मी डेट देने में आना-कानी करने लगा. लेकिन अब ऑपेरशन के लिए सोमवार का डेट दिया गया है.

'वेटिंग लिस्ट ज्यादा होने के कारण हुआ लेट'

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड लेकर जो भी मरीज आते हैं, उनका इलाज हर स्तर पर मुफ्त होता है. जिनके पास कार्ड नहीं रहता है तो राशन कार्ड लाने पर अस्पताल में उसका आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है. अभी तक लगभग 700 लोगों का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में बनाया गया है. साथ ही उन्होंने चंदन के इलाज के बारे में बताया कि वह हड्डी रोग विभाग का मामला आया है. वहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा है. हर रोज चार से पांच मरीजों का ऑपेरशन होता है. आयुष्मान योजना के तहत ऑपेरशन के सभी समानों के खरीदारी कर ली गई है.

Intro:बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के चतरा जिला के रहनेवाला चंदन कुमार पैसे के अभाव में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिनों से ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है। ऑपरेशन के लिए अस्पताल कर्मियों द्वारा 25 सौ रुपए की मांग किया गया है।मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं है अपना बच्चा का ऑपरेशन 25 सौ देकर करा सके, 20 दिनों बाद केंद्र सरकार आयुष्मान योजना गरीब मरीज का सहारा बना।


Body:मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल हड्डी रोग विभाग में बी टू बेड पर झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत गोरिया गांव निवासी चंदन कुमार पिछले 20 दिनों से भर्ती है चंदन का दाहिना पैर फैक्चर है और उसे ऑपरेशन किया जाना है। ऑपेरशन में लगने वाला रड मरीज के परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बाजार से खरीदकर लाने को कहा गया। मरीज के परिजन के पास इतने पैसा नही था बाजार से रड खरीदकर ले आये। मीडिया ने उपाधीक्षक से जवाब तलब करने पड़ने पर मरीज से आयुष्मान कार्ड मांगा गया। गरीब मरीज का सहारा आयुष्मान कार्ड बना।

मरीज के माँ ललिता देवी ने बताया मेरा बेटा साइकिल चला रहा था, इसी क्रम में गिर गया , तो दाहिना पैर टूट गया। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 दिन पहले आये थे,डॉक्टर ने प्लास्टर कर दिया और कहा ऑपेरशन करना पड़ेगा। डॉक्टर ने 20 दिनों तक ऑपेरशन का डेट नही दिया। कुछ दिन पहले एक कर्मचारी आया बोला रड सहित अन्य सामान खरीदकर ले आओ, तब ऑपेरशन होगा। हमलोग सरकारी हॉस्पिटल समझकर आये थे पर यहां पैसा मांगा जा रहा था। फिर आयुष्मान कार्ड दिखाए तो अस्पताल कर्मी डेट देने में आना करने लगा। अब ऑपेरशन का कल का डेट मिला है।

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल ने बताया आयुष्मान कार्ड लेकर जो भी मरीज आते हैं उनका इलाज हर स्तर मुफ्त होता हैं। जिनके पास कार्ड नही रहता राशन कार्ड हैं। उनको अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है। अभी तक लगभग 700 लोगो को आयुष्मान कार्ड अस्पताल में बनाया गया हैं। हड्डी रोग विभाग का मामला आया है वहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा है। हर रोज चार से पांच मरीजो का ऑपेरशन होता हैं। आयुष्मान योजना के तहत ऑपेरशन का सारे समान के खरीददारी कर ली गई हैं। कल चंदन नाम के मरीज का ऑपरेशन होगा।



Conclusion:जानकारी अनुसार अस्पताल कर्मी दुकानदारों के मिलीभगत कर, ऑपेरशन का सारा सामान बाहर से मंगवाते हैं। जिससे उनको कमीशन में पैसा मिलता हैं। अगर कोई मरीज आयुष्मान कार्ड दिखाए तो उसे सच बताने के जगज बरगलाते हैं। अस्पताल कई ऐसे मरीज हैं जो कार्डधारी होने के बावजूद बाहर से दवा खरीदकर लाते हैं
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