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12 दिन बाद भी चीन से भारत नहीं पहुंचा अमन नागसेन का शव, इंतजार में परिजनों के सूख गए आंसू - नागसेन का शव लाने की मांग

चीन में छात्र की मौत के बाद परिजन शव को भारत लाने की लगातार मांग कर रहे हैं. मृतक छात्र के परिजन पिछले 12 दिनों से छात्र की फोटो लेकर शव आने के इंतजार में बैठे हुए हैं. लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

नागसेन अमन
नागसेन अमन
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Published : Aug 12, 2021, 7:43 AM IST

गया: बिहार के गया (Gaya) जिले के रहने वाले अमन नागसेन (Aman Nagsen) की हत्या 23 जुलाई को चाइना (China) में कर दी गई थी. मृतक छात्र के परिजन बीते 30 जुलाई से सरकार से शव को स्वदेश लाने की गुहार लगा रहे हैं. शव लाने की सही जानकारी अब तक परिजनों को नहीं दी गयी है. परिजनों की मांग है कि अमन नागसेन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए.

इसे भी पढ़ें: Gaya News: अमन नागसेन की मौत पर बवाल, शव को स्वदेश लाने के लिए सड़क पर उतरे छात्र

अमन नागसेन चीन के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था. इस हत्याकांड की घटना की सूचना छात्र के परिजनों को 30 जुलाई को दी गई. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया. परिजन बीते 12 दिन से शव आने के इंतजार में बैठे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: इंडियन एमबेंसी ने की पुष्टि- चीन में अमन नागसेन की हुई थी हत्या, बौद्ध भिक्षुओं ने की शव को भारत लाने की मांग

मृतक छात्र के परिजन सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार शव आने की तिथि और समय बताए. इसके साथ ही शव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ की जाए. मृतक के चाचा पंकज पासवान ने बताया कि उन्हें इंडियन एम्बेसी से जानकारी दी गयी थी 13 अगस्त को शव भारत पहुंचेगा.

इस मामले को लेकर गया जिलाधिकारी ने कहा था कि शव 11 अगस्त को भारत लाया जाएगा. 11 अगस्त को शव पहुंचने की सूचना पर मृतक छात्र के परिजन दूर-दूर से अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें लौटना पड़ रहा है. सरकार या जिला प्रशासन के माध्यम से अब तक सही सूचना नहीं दी गई कि आखिरकार शव कब लाया जाएगा. परिजन सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि शव आने की तिथि और समय बतायी जाए और शव को शहीद का दर्जा देते हुए अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ की जाए.

'सरकार हमलोग की बात नहीं सुन रही है. हमलोग अपने बेटे का शव देखने के लिए पिछले 12 दिनों से बैठे हुए हैं. अब तो आंख का आंसू भी सुख चुका है. लेकिन सरकार तिथि बताने को तैयार ही नहीं है. हमलोग जिलाधिकारी से जब भी अपने खोये हुए बेटे के बारे में बात करने जाते हैं तो धमकाया जाता है कि कानूनी कार्रवाई की जाएगी. क्या हमलोग अपने खोये हुए बच्चों के बारे में पूछ भी नहीं सकते हैं?' -उदय पासवान, मृतक छात्र के पिता

जिला प्रशासन ने बताया है कि चीन के बीजिंग से छात्र का शव वायुयान से लाया जा रहा है. वायुयान ने बीजिंग से उड़ान भर ली है. फ्लाईट दुबई एयरपोर्ट के रास्ते दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचेगी. फिर दिल्ली से छात्र के शव को गया जिला लाया जाएगा. जिसके बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा.

बता दें कि मृतक के शव को भारत लाने को लेकर कैंडल मार्च भी निकाला गया था. आक्रोशित लोगों और छात्रों ने पुलिस लाइन (Police Line ) स्थित मृतक के आवास से विभिन मुख्य मार्ग होते हुए गया समाहरणालय तक कैंडल मार्च (Candle March) निकाला था.

कैंडल मार्च के माध्यम से लोगों ने केंद्र और बिहार सरकार से मृतक के पार्थिव शरीर को भारत लाने की गुहार लगाई थी. कैंडल मार्च को देखते हुए भारी संख्या में जिला प्रशासन की पुलिस मुस्तैदी देखी गई थी. डीएसपी राज कुमार खुद कैंडल मार्च के साथ-साथ चलते नजर आए थे.

अमन नागसेन के मौत के बाद परिजनों में इस बात की भी नाराजगी है कि अगर किसी बड़े नेता या अन्य लोगों के साथ इस तरह की घटना होती तो सरकार तुरंत एक्शन में आती. परिजनों ने कहा कि इस मामले में गया के डीएम सहित किसी भी प्रकार के नेता और वार्ड पार्षद परिजनों से मिलने तक नहीं पहुंचे.

गया: बिहार के गया (Gaya) जिले के रहने वाले अमन नागसेन (Aman Nagsen) की हत्या 23 जुलाई को चाइना (China) में कर दी गई थी. मृतक छात्र के परिजन बीते 30 जुलाई से सरकार से शव को स्वदेश लाने की गुहार लगा रहे हैं. शव लाने की सही जानकारी अब तक परिजनों को नहीं दी गयी है. परिजनों की मांग है कि अमन नागसेन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए.

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अमन नागसेन चीन के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था. इस हत्याकांड की घटना की सूचना छात्र के परिजनों को 30 जुलाई को दी गई. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया. परिजन बीते 12 दिन से शव आने के इंतजार में बैठे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट.

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मृतक छात्र के परिजन सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार शव आने की तिथि और समय बताए. इसके साथ ही शव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ की जाए. मृतक के चाचा पंकज पासवान ने बताया कि उन्हें इंडियन एम्बेसी से जानकारी दी गयी थी 13 अगस्त को शव भारत पहुंचेगा.

इस मामले को लेकर गया जिलाधिकारी ने कहा था कि शव 11 अगस्त को भारत लाया जाएगा. 11 अगस्त को शव पहुंचने की सूचना पर मृतक छात्र के परिजन दूर-दूर से अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें लौटना पड़ रहा है. सरकार या जिला प्रशासन के माध्यम से अब तक सही सूचना नहीं दी गई कि आखिरकार शव कब लाया जाएगा. परिजन सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि शव आने की तिथि और समय बतायी जाए और शव को शहीद का दर्जा देते हुए अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ की जाए.

'सरकार हमलोग की बात नहीं सुन रही है. हमलोग अपने बेटे का शव देखने के लिए पिछले 12 दिनों से बैठे हुए हैं. अब तो आंख का आंसू भी सुख चुका है. लेकिन सरकार तिथि बताने को तैयार ही नहीं है. हमलोग जिलाधिकारी से जब भी अपने खोये हुए बेटे के बारे में बात करने जाते हैं तो धमकाया जाता है कि कानूनी कार्रवाई की जाएगी. क्या हमलोग अपने खोये हुए बच्चों के बारे में पूछ भी नहीं सकते हैं?' -उदय पासवान, मृतक छात्र के पिता

जिला प्रशासन ने बताया है कि चीन के बीजिंग से छात्र का शव वायुयान से लाया जा रहा है. वायुयान ने बीजिंग से उड़ान भर ली है. फ्लाईट दुबई एयरपोर्ट के रास्ते दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचेगी. फिर दिल्ली से छात्र के शव को गया जिला लाया जाएगा. जिसके बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा.

बता दें कि मृतक के शव को भारत लाने को लेकर कैंडल मार्च भी निकाला गया था. आक्रोशित लोगों और छात्रों ने पुलिस लाइन (Police Line ) स्थित मृतक के आवास से विभिन मुख्य मार्ग होते हुए गया समाहरणालय तक कैंडल मार्च (Candle March) निकाला था.

कैंडल मार्च के माध्यम से लोगों ने केंद्र और बिहार सरकार से मृतक के पार्थिव शरीर को भारत लाने की गुहार लगाई थी. कैंडल मार्च को देखते हुए भारी संख्या में जिला प्रशासन की पुलिस मुस्तैदी देखी गई थी. डीएसपी राज कुमार खुद कैंडल मार्च के साथ-साथ चलते नजर आए थे.

अमन नागसेन के मौत के बाद परिजनों में इस बात की भी नाराजगी है कि अगर किसी बड़े नेता या अन्य लोगों के साथ इस तरह की घटना होती तो सरकार तुरंत एक्शन में आती. परिजनों ने कहा कि इस मामले में गया के डीएम सहित किसी भी प्रकार के नेता और वार्ड पार्षद परिजनों से मिलने तक नहीं पहुंचे.

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