गया: जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने बिहार में लगातार हो रही मौतों पर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में अबतक चमकी बुखार और लू से 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है. वहीं विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुये उन्होंने कहा कि मगध की जनता ने आजतक ऐसे सांप को पाला जो जरूरत के वक्त उनके लिये आवाज भी न उठा सका. साथ ही उन्होंने कहा कि ये बच्चे मरे नहीं मारे गये हैं.
बिहार में लू और चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 600 बताते हुये पूर्व सांसद ने कहा कि इतनी मौत पर तो अबतक विद्रोह हो जाना चाहिए था. लेकिन एक कैंडिल तक नहीं जला. एक तरफ सत्ता पक्ष जनता को गुमराह कर रही है तो दूसरी ओर विपक्ष भी लापता है. पप्पू यादव ने कहा कि इन मौतों पर संवेदना की जगह नेताओं के अजीबोगरीब बयान आ रहे हैं. कोई कह रहा है ये लीची के कारण हो रहा है. मेरा सवाल है कि लीची 100 साल पहले भी था. लीची सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही नहीं होता. बिहार के अन्य हिस्सों में भी लीची के बागान है. 10 साल के अंदर 1200 आदमी इस तरह की बीमारी से क्यों मरे और अगर मरे तो अभी तक इसकी रोकथाम के लिये कुछ क्यों नहीं किया गया. रिसर्च सेंटर क्यों नहीं खोला गया.
नीतीश कुमार के सामने तीन मांग
पप्पू यादव ने नीतीश सरकार के सामने तीन मांगें रखीं. पहली मांग लू और चमकी बुखार से मृत के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाये. दूसरा, मुख्यमंत्री वादा करें कि आगे लू और चमकी बुखार के मामलों में अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से किसी की मौत नहीं होगी और तीसरी मांग, जिलेवार ट्रॉमा सेंटर, आईसीयू और एसी रूम का वार्ड बनाने की योजना बने. साथ ही जाप प्रमुख ने कहा कि अगर 1 सप्ताह के अंदर इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो पार्टी भूख हड़ताल करेगी.
विपक्ष पर भी उठाया सवाल
पप्पू यादव ने आगे कहा कि यह मौत नियती नहीं है, नियत में खोट की वजह से हुई है. बच्चे मर नहीं रहे हैं उन्हें मारा जा रहा है. इतने साल में भी राज्य में बेहतर स्वास्थ्य के लिए रिसर्च और इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर केवल बातें हुई और घोटाला हुआ. मगध के लोगों ने जिन नेताओं को दूध पिलाया आज वही नेता सांप बनकर उन्हें डस रहे हैं. इतनी मौत के बाद भी स्थानीय विधायक, सांसद और नेताओं को जनता की कोई फिक्र नहीं है.