गया: बिहार (Bihar) के टिकारी-मउ मार्ग स्थित जमुआरा मोड़ के पास एक बार फिर सड़क हादसे का कहर (Road Accident) देखने को मिला. जहां दो वाहनों की आमने-सामने टक्कर (Collision of two vehicle ) में एक की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गये. मृतक की पहचान कर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया है और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
ये भी पढ़ें...बेगूसरायः अज्ञात वाहन की टक्कर से 1 युवक की मौत, परिजनों ने किया हंगामा
'शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए गया मेडिकल भेजा गया है. पुलिस ऑटो चालक की तलाश कर रही है. दोनों वाहन को जब्त कर लिया गया है. मृतक के पिता ने ऑटो चालक के खिलाफ लिखित शिकायत की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है'.- राहुल रंजन, टिकारी प्रभारी थानाध्यक्ष
ये भी पढ़ें...सिवान:सगाई समारोह से लौट रहे दंपति को बस ने रौंदा, पति की मौत
क्या था मामला ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना (Patna) के खीरी थाना क्षेत्र के रूपापुर निवासी 30 वर्षीय भूषण कुमार, अपनी पत्नी विभा देवी और दो बच्चों आरोही और आशु संग अपने ससुराल परैया से अपने घर लौट रहे थे. लौटने के क्रम में विपरीत दिशा मउ की तरफ से आ रही तेज रफ्तार ऑटो ने विपरीत दिशा में जाकर स्कूटी को टक्कर मार दी. स्कूटी और ऑटो की हुई टक्कर में भूषण ऑटो के नीचे दब गये जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
सड़क हादसे में कई लोग घायल
वहीं, स्कूटी पर सवार भूषण की पत्नी और एक बच्चा, ऑटो पर सवार चार लोग बुरी तरह घायल हो गये. घटना में एक बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है. घटना की जानकारी टिकारी थाना की पुलिस को दी गई. टिकारी थाना की पुलिस मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया.
प्राथमिक उपचार कर किया गया रेफर
ऑटो सवार घायलों की पहचान टिकारी थाना क्षेत्र के भट्ट बिगहा ग्राम के 65 वर्षीय निवासी राजाराम राय , 63 वर्षीय हरि राय, 65 वर्षीय नागा राय और 43 वर्षीय मिथिलेश राय के रूप में हुई है. सभी घायलों का प्राथमिक उपचार कर गया रेफर कर दिया गया है.
क्या है सड़क हादसे की खास वजह : 5 साल में सड़क हादसों में गई 30292 लोगों की जान
अनट्रेंड ड्राइवर हादसों की बड़ी वजह
बिहार में हर साल हजारों लोगों की जान सड़क पर चली जाती है. इसकी बड़ी वजह सड़क पर बेतहाशा बेलगाम दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियां और अनट्रेंड ड्राइवर है. लोग बिना ट्रेनिंग और पर्याप्त प्रैक्टिस के सड़क पर वाहन चलाना शुरू कर देते हैं. इसकी बड़ी वजह बिहार में ड्राइवर को ट्रेनिंग देने वाले सरकारी संस्थान की कमी भी है. लाइसेंस जारी करने में भी लाइसेंसिंग अथॉरिटी की तरफ से लापरवाही बरती जाती है. इसके कारण धड़ल्ले से बिना ड्राइविंग टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत कर दिए जाते हैं.
78% हादसों की वजह ड्राइवर की गलती
सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि 78% हादसे ड्राइवर की गलती से होते हैं. इनकी मुख्य वजह वाहनों को तेज रफ्तार से चलाना और ओवरलोडिंग है. बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़े के अनुसार 2016 से नवंबर 2020 तक 30,292 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. इसके साथ ही हजारों लोग घायल हुए हैं.
हर जिले में खुल रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
परिवहन विभाग हर जिले में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल रहा है, जिनमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग सीखने की पूरी व्यवस्था होगी. औरंगाबाद में पहले से ही भारी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुल चुका है. इसके अलावा पटना के फुलवारी शरीफ में ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण चल रहा है, जिसमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग स्किल्स सिखाया जाएगा.
ये भी पढ़ें...बेगूसरायः अज्ञात वाहन की टक्कर से 1 युवक की मौत, परिजनों ने किया हंगामा
ये भी पढ़ें...Patna Road accident: खगौल एम्स रोड़ पर सड़क हादसे में 3 की मौत, 2 घायल
ये भी पढ़ें...मुजफ्फरपुर: NH-77 पर अनियंत्रित ट्रक ने ऑटो में मारी टक्कर, मौके पर ही 2 लोगों की मौत
ये भी पढ़ें...औरंगाबाद में दर्दनाक सड़क हादसा, दो की मौत, एक घायल