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साहित्य के क्षेत्र में उभरता सितारा हैं मुकेश, पहली रचना से ही जीता लोगों का दिल - साहित्यकार मुकेश कुमार सिन्हा

मुकेश कुमार की पहली रचना 'तेरा मजहब क्या है चांद' के लिए नवाजा गया है. यह 70 कविताओं का संकलन है. जिसे लोगों ने काफी पंसद किया है.

मुकेश कुमार
मुकेश कुमार
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Published : Dec 31, 2019, 8:16 AM IST

गया: साल 2019 में बिहार ने कई उपलब्धियां हासिल की. जिले के युवा साहित्यकार मुकेश कुमार सिन्हा को उनकी लेखनी के लिए इस साल साहित्य शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया गया. मुकेश कुमार की इस उपलब्धि से गया ही नहीं बल्कि पूरा बिहार गौरवान्नवित है. युवा कवि सह युवा साहित्यकार मुकेश कुमार की पहली रचना 'तेरा मजहब क्या है चांद' के लिए नवाजा गया है.

बता दें कि इनकी पहली पुस्तक 'तेरा मजहब क्या है चांद' 70 कविताओं का संकलन है. जिसे लोगों ने काफी पंसद किया है. वे बताते हैं कि ये किताब एक संदेश परक किताब है, जो जीवन के हर पहलू को छू जाती है. लोग इसे पढ़ेंगे तो अवश्य ही पसंद करेंगे.

gaya
मुकेश कुमार सिन्हा, साहित्यकार

'बचपन से ही रही साहित्य में रूचि'
मुकेश कुमार बताते हैं कि वे विज्ञान के छात्र हैं. लेकिन, बचपन से ही उन्हें साहित्य में काफी रूचि थी. उनके कमरे में सैकड़ों साहित्य की किताबें मौजूद हैं. मुकेश बताते हैं कि उनके घरवाले उन्हें काफी प्रोत्साहित करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि उनके ऑफिस में भी लोग उन्हें काफी सराहते हैं. मौजूदा समय में मुकेश जिला भविष्य निधि कार्यालय में काम करते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आगे भी साहित्य जगत में देंगे योगदान
आने वाले साल की योजनाओं के बारे में पूछने पर मुकेश कुमार ने बताया कि इन दिनों मुकेश समीक्षा विधा पर काम कर रहे हैं. साल 2020 में वे साहित्य जगत के लिए और भी कई योगदान देंगे. उनकी योजना है कि वे समीक्षा विधा पर दो पुस्तक और काव्य संग्रह का एक पुस्तक आगामी साल में लिखें.

गया: साल 2019 में बिहार ने कई उपलब्धियां हासिल की. जिले के युवा साहित्यकार मुकेश कुमार सिन्हा को उनकी लेखनी के लिए इस साल साहित्य शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया गया. मुकेश कुमार की इस उपलब्धि से गया ही नहीं बल्कि पूरा बिहार गौरवान्नवित है. युवा कवि सह युवा साहित्यकार मुकेश कुमार की पहली रचना 'तेरा मजहब क्या है चांद' के लिए नवाजा गया है.

बता दें कि इनकी पहली पुस्तक 'तेरा मजहब क्या है चांद' 70 कविताओं का संकलन है. जिसे लोगों ने काफी पंसद किया है. वे बताते हैं कि ये किताब एक संदेश परक किताब है, जो जीवन के हर पहलू को छू जाती है. लोग इसे पढ़ेंगे तो अवश्य ही पसंद करेंगे.

gaya
मुकेश कुमार सिन्हा, साहित्यकार

'बचपन से ही रही साहित्य में रूचि'
मुकेश कुमार बताते हैं कि वे विज्ञान के छात्र हैं. लेकिन, बचपन से ही उन्हें साहित्य में काफी रूचि थी. उनके कमरे में सैकड़ों साहित्य की किताबें मौजूद हैं. मुकेश बताते हैं कि उनके घरवाले उन्हें काफी प्रोत्साहित करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि उनके ऑफिस में भी लोग उन्हें काफी सराहते हैं. मौजूदा समय में मुकेश जिला भविष्य निधि कार्यालय में काम करते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आगे भी साहित्य जगत में देंगे योगदान
आने वाले साल की योजनाओं के बारे में पूछने पर मुकेश कुमार ने बताया कि इन दिनों मुकेश समीक्षा विधा पर काम कर रहे हैं. साल 2020 में वे साहित्य जगत के लिए और भी कई योगदान देंगे. उनकी योजना है कि वे समीक्षा विधा पर दो पुस्तक और काव्य संग्रह का एक पुस्तक आगामी साल में लिखें.

Intro:गया को साहित्य जगत में 2019 में एक से एक उपलब्धि हासिल हुआ है। गया के युवा कवि सह साहित्यकार मुकेश कुमार को बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान से नवाजा गया ये सम्मान पाकर मुकेश को खुशी है वही गया वासी को गर्व हो रहा है।


Body:'तेरा महजब क्या है चांद' पुस्तक से अपनी पहचान को गया ही नही पूरे देश तक मुकेश कुमार सिन्हा ने पहुचाया है। गया के मुकेश कुमार अपनी छोटी उम्र में बड़ा पहचान बनाकर गया के साहित्यिक परंपरा को आगे बढ़ाया है। ईटीवी भारत 2019 के साहित्य जगत का उभरता सितारा से रुबरु हुआ ।

मुकेश के नाम किताबो की श्रृंखला नही है लेकिन एक पुस्तक से उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराया है। मुकेश कुमार बताते हैं मेरी कविताओं में काव्य तत्व नहीं है लेकिन कविताओं में दर्द है बेचैनी है छटपटाहट है यह दर्द यह बेचैनी और छटपटाहट केवल मेरी ही नहीं है समाज से जुड़ी हैं।

मैं विज्ञान का छात्र रहा हूं लेकिन साहित्य से सीधा जुड़ा रहा है मेरा परिवार साहित्य से दूर है पर निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं मेरे पूर्वजों का सरोकार साहित्य से रहा होगा तभी तो मुझे में साहित्य समाहित हो गया।

मैं बड़ा कवि नहीं हूं लेकिन काव्य क्षेत्र में लड़खड़ाते पांव से कुछ सीढ़ियां चल पाया हूं फिर भी एक कोशिश है कि मैं अपनी बात को आप तक पहुंचाने की प्रयास कर रहा हूं।

मुझे कई अवार्ड से सम्मानित किया गया इस वर्ष हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा साहित्य सम्मेलन शताब्दी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

मेरे घर वाले और मैं नवादा में कार्यरत हूं वहां के सभी अधिकारी मुझे काफी सहयोग करते हैं। मेरा लेखनी काव्य संग्रह का है अब समीक्षा विधा पर काम कर रहा हूँ।






Conclusion:मुकेश का साहित्य में रुचि बचपन से था बाल कथा पढ़ते पढ़ते मनीष ने गया का नाम रौशन कर दिया , मुकेश 2019 के सफलता के बाद अब 2020 में समीक्षा विधा पर दो पुस्तक और काव्य संग्रह का एक पुस्तक का लाने का योजना है।
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