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ANMMCH में कोरोना मरीज के इलाज के लिए हुआ मॉक ड्रिल, WHO के डॉक्टर ने दी कर्मियों को ट्रेनिंग

मॉक ड्रिल में कोरोना के संदिग्ध मरीज को एंबुलेंस में बैठाने, एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर उतारने के उपरांत एंबुलेंस को सैनिटाइज करना बताया गया. वहीं, डब्लूएचओ के डॉक्टर विश्वास ने इस प्रोसेस को डेमोंस्ट्रेशन के द्वारा एक-एक इक्विपमेंट पहनने के तरीके को समझाया.

anmch
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल
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Published : Apr 7, 2020, 11:56 PM IST

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल (एएनएमएमसीएच) को मगध प्रमंडल के लिए कोरोना स्पेशल अस्पताल बनाने की कवायद चल रही है. इसके अलावा कैमूर एवं रोहतास के मरीजों को भी यहां रखा जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर मगध प्रमंडल आयुक्त असंगबा चुबा आओ की उपस्थिति में सफलतापुर्वक मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया है.

मॉक ड्रिल में यह भी बताया गया संदिग्ध मरीज के हॉस्पिटल में पहुंचने के उपरांत उसकी जांच की जाएगी. इसके अलावा उसके पते के साथ पिछले दिनों के ट्रैवल हिस्ट्री, ठहरने का पता के साथ किसके संपर्क में रहा है. पॉजिटिव मरीज को अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. इस दौरान कोई भी डॉक्टर कर्मी बिना पीपीइ के आइसोलेशन वार्ड में नहीं जाएगा. इस मौके पर पर्सन प्रोटेक्शन इक्विपमेंट(पीपीइ) पहनने का मॉक ड्रिल कराया गया.

डब्लूएचओ के डॉक्टर ने किट पहनने का बताया तरीका

मॉक ड्रिल के बाद जानकारों ने डॉक्टर और नर्स को बताया पीपीइ किट के बारे में बताया. बॉडी के हर पार्ट को कवर करने के पहले और कवर करने के बाद हैंड सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य है. बॉडी को पीपीइ किट से पूरी तरह कवर करने के बाद ही आइसोलेशन वार्ड में जाना है. डॉ पीके सिन्हा और डब्लूएचओ के डॉक्टर विश्वास ने इस प्रोसेस को डेमोंस्ट्रेशन के द्वारा एक-एक इक्विपमेंट पहनने के तरीके को समझाया.

gaya
अस्पताल में मॉक ड्रिल करते डॉक्टर

अस्पताल सुपरिटेंडेंट फिर दुहरायेंगे मॉक ड्रिल
इस मौके पर आयुक्त ने अस्पताल कर्मियों को सख्त निर्देश दिया कि बिना पीपीई किट के आइसोलेशन वार्ड में कोई नहीं जाएगा. इस मॉक ड्रिल को अस्पताल सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल पुनः दुहराएंगे. इसके पहले रोस्टर बनाया जाएगा. इस दौरान तय किया जाएगा कि कर्मी या डॉक्टर किस समय कहां उपस्थित रहेंगे.

gaya
डॉक्टरों की टीम

सभी कर्मियों की होगी ब्रीफिंग
एंबुलेंस चालक, वार्ड बॉय, सैनिटाइजर करने वाला व्यक्ति, मरीज को लाने वाले वार्ड ब्वॉय और नर्स के लिए अलग-अलग ब्रीफिंग की जाएगी. इसके अलावा जांच करने वाले डॉक्टर के लिए भी अलग ब्रीफिंग होगी. आयुक्त ने कहा कि सभी को अपने प्रोटोकॉल के अनुसार काम करने की जानकारी होनी चाहिए. वर्तमान स्थिति में शिथिलता या लापरवाही से लोगों का विश्वास कम हो जाएगा. मॉक ड्रिल के दौरान डॉक्टरों और नर्सों ने कई सवाल किए. जिनका जवाब देकर संदेह को दूर किया गया.

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल (एएनएमएमसीएच) को मगध प्रमंडल के लिए कोरोना स्पेशल अस्पताल बनाने की कवायद चल रही है. इसके अलावा कैमूर एवं रोहतास के मरीजों को भी यहां रखा जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर मगध प्रमंडल आयुक्त असंगबा चुबा आओ की उपस्थिति में सफलतापुर्वक मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया है.

मॉक ड्रिल में यह भी बताया गया संदिग्ध मरीज के हॉस्पिटल में पहुंचने के उपरांत उसकी जांच की जाएगी. इसके अलावा उसके पते के साथ पिछले दिनों के ट्रैवल हिस्ट्री, ठहरने का पता के साथ किसके संपर्क में रहा है. पॉजिटिव मरीज को अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. इस दौरान कोई भी डॉक्टर कर्मी बिना पीपीइ के आइसोलेशन वार्ड में नहीं जाएगा. इस मौके पर पर्सन प्रोटेक्शन इक्विपमेंट(पीपीइ) पहनने का मॉक ड्रिल कराया गया.

डब्लूएचओ के डॉक्टर ने किट पहनने का बताया तरीका

मॉक ड्रिल के बाद जानकारों ने डॉक्टर और नर्स को बताया पीपीइ किट के बारे में बताया. बॉडी के हर पार्ट को कवर करने के पहले और कवर करने के बाद हैंड सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य है. बॉडी को पीपीइ किट से पूरी तरह कवर करने के बाद ही आइसोलेशन वार्ड में जाना है. डॉ पीके सिन्हा और डब्लूएचओ के डॉक्टर विश्वास ने इस प्रोसेस को डेमोंस्ट्रेशन के द्वारा एक-एक इक्विपमेंट पहनने के तरीके को समझाया.

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अस्पताल में मॉक ड्रिल करते डॉक्टर

अस्पताल सुपरिटेंडेंट फिर दुहरायेंगे मॉक ड्रिल
इस मौके पर आयुक्त ने अस्पताल कर्मियों को सख्त निर्देश दिया कि बिना पीपीई किट के आइसोलेशन वार्ड में कोई नहीं जाएगा. इस मॉक ड्रिल को अस्पताल सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल पुनः दुहराएंगे. इसके पहले रोस्टर बनाया जाएगा. इस दौरान तय किया जाएगा कि कर्मी या डॉक्टर किस समय कहां उपस्थित रहेंगे.

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डॉक्टरों की टीम

सभी कर्मियों की होगी ब्रीफिंग
एंबुलेंस चालक, वार्ड बॉय, सैनिटाइजर करने वाला व्यक्ति, मरीज को लाने वाले वार्ड ब्वॉय और नर्स के लिए अलग-अलग ब्रीफिंग की जाएगी. इसके अलावा जांच करने वाले डॉक्टर के लिए भी अलग ब्रीफिंग होगी. आयुक्त ने कहा कि सभी को अपने प्रोटोकॉल के अनुसार काम करने की जानकारी होनी चाहिए. वर्तमान स्थिति में शिथिलता या लापरवाही से लोगों का विश्वास कम हो जाएगा. मॉक ड्रिल के दौरान डॉक्टरों और नर्सों ने कई सवाल किए. जिनका जवाब देकर संदेह को दूर किया गया.

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