गया: जिला कृषि पदाधिकारी संघ की बैठक शहर के एक निजी भवन में संपन्न हुई. इस दौरान जिला कृषि सलाहकार संघ के सदस्यों ने जिला कृषि पदाधिकारी पर असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है. वहीं पदाधिकारी द्वारा संघ के सदस्य के साथ बातचीत के क्रम में असंसदीय भाषा प्रयोग करने का ऑडियो भी उपलब्ध कराया है.
विभाग ने तकनीकी कर्मी नहीं बनाया
इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार गौतम ने कहा कि हमलोग विगत 10 सालों से कृषि सलाहकार के पद पर कार्य कर रहे हैं. गया जिले में लगभग 263 कृषि सलाहकार पद पर हम लोग तैनात हैं. बावजूद इसके हम लोगों को कृषि विभाग तकनीकी कर्मी नहीं मानता है. जबकि, तकनीकी से जुड़े सारे कार्य हमसे लिए जाते हैं. इतना ही नहीं सरकार के गाइडलाइन के अनुसार जो भी कार्य दिया जाता है, उसे हम लोग पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करते हैं. लेकिन हर खेत जल योजना में पूरी तरह से सर्वे का कार्य तकनीकी मापदंड पर आधारित है.
कृषि पदाधिकारी द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग
जिला कृषि पदाधिकारी हम लोगों को उक्त कार्य कराने को लेकर जबरन दबाव बना रहे हैं. जबकि, वह हम लोगों को तकनीकी कर्मी मानने से इनकार करते हैं. ऐसे में यह किस तरह की कार्यप्रणाली है? उन्होंने कहा कि जब हम लोगों ने तकनीकी कार्य करने से मना कर दिया तो कृषि पदाधिकारी तरह-तरह से हम लोगों पर दबाव बना रहे हैं. इतना ही नहीं गुरूआ प्रखंड के कालोना पंचायत के कृषि सलाहकार अजीम अंसारी को फोन कर कृषि पदाधिकारी के द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया. जिसका ऑडियो भी वायरल हुआ है.
प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें सरकारी कर्मी का दर्जा और उचित मानदेय दिया जाए. साथ ही तकनीकी कर्मी माना जाए. जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक हम लोग कार्य बहिष्कार करेंगे. उन्होंने कृषि पदाधिकारी द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है.