गया: सेना के जवान शहीद पुरुषोत्तम का शव उनके घर पहुंचा. जिसके बाद परिजनों की चित्कार से पूरा क्षेत्र गमगीन हो उठा. इस मौके पर परिजनों का बिहार सरकार के खिलाफ भी काफी आक्रोश देखा गया. स्थानीय लोग कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और जिला प्रशासन के खिलाफ घंटों नारेबाजी करते रहे.
शहीद के पिता ने सरकार को कोसा
अपने बेटे को अंतिम विदाई देने के समय शहिद के पिता श्रीराम ठाकुर काफी आक्रोशित थे. उन्होंने कहा कि हमारा बेटा देश के लिए शहीद हो गया. इस दुख की घड़ी में प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार को आना चाहिए था, लेकिन वे मानव श्रृंखला कार्यक्रम में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि इससे अच्छी तो लालू यादव की सरकार थी, जो शहीदों के शहादत पर अपने सभी कार्य छोड़कर उनको नमन करने के लिए आया करते थे. श्रीराम ठाकुर ने कहा कि श्रृंखला बनाने से वोट नहीं मिलता है, इसके लिए जनभावनाओं का आदर करना पड़ता है.
'बेटे की शहादत पर गर्व'
शहीद के पिता श्रीराम ठाकुर बताते हैं कि देश के लिए उनके बेटे की इस शहादत पर उन्हें गर्व है. उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम ने आर्मी को 13 जनवरी 2003 को ज्वाइन की थी और 13 जनवरी 2020 को वे देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि वे घर के मुखिया थे. घर की जिम्मेदारी वही संभालते थे. उनके जाने से हम लोगों को गहरा सदमा लगा है. परिजन बताते हैं कि पुरुषोत्तम हाल ही में 8 दिसम्बर को छुट्टी पूरा करके ड्यूटी जॉइन करने गए थे.
'बड़ा होकर बनूंगी सेना की डॉक्टर'
मौके पर शहीद की बेटी ने कहा कि 'पापा हम सबको छोड़कर चले गए, उनका सपना था कि मैं बड़ी होकर सेना में डॉक्टर बनूं. उनके सपने को मैं पूरा करूंगी. वहीं, सरकार की उपेक्षा पर शहीद जवान की बेटी ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई भी नहीं आया है. सरकार से गुहार लगाते हुए शहीद की बेटी ने कहा कि उसे पढ़ने-लिखने के लिए मदद की जाए. जिससे वो अपने पिता का सपना पूरा कर सके.
राजद विधायक ने नीतीश सरकार पर कसा तंज
वहीं, इस दौरान बेलागंज से राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने शहीद के परिजनों के घर पहुंच कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया. राजद विधायक ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि मानव श्रृंखला के लिए सरकार ने 18 हेलीकॉप्टर लगा रखा है. वे जनता के पैसों को बर्बाद कर रहे है. लेकिन जब हमारे प्रदेश का बेटा देश के लिए शहीद हो गया, तो ऐसे समय में ना तो सरकार के पास समय और ना ही किसी तरह का कोई संसाधन. शहीद के परिजनों को हमने 1 लाख रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिया है. उन्होंने सरकार से शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की.
6 दिन बाद आया शहीद शव
गौरतलब है कि शहीद जवान पुरुषोत्तम कुमार जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आर्मी के जवान के रूप में तैनात थे. पिछले 13 जनवरी को हिमस्खलन के दौरान वे शहीद हो गए थे. जिसके बाद उनका शव 6 दिन बाद उनके पैतृक आवास पर पहुंचा. शहीद जवान पुरुषोत्तम शहर के चंदौती थाना क्षेत्र के डीवीसी कॉलनी के रहने वाले श्रीराम ठाकुर के बड़े बेटे थे. उनकी शहादत की खबर जानने के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया.