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कब मिलेगा परिवार को इंसाफ? NCB अधिकारियों की काली करतूत मामले की केंद्रीय टीम कर रही जांच - NCB की फर्जी छापेमारी की जांच

गया में मनु महाराज की ओर से एनसीबी के फर्जी छापेमारी का खुलासा करने के बाद अब अब केंद्रीय टीम इस मामले की जांच कर रही है. जांच के लिए शनिवार को टीम बाराचट्टी थाना क्षेत्र पहुंची है.

केंद्रीय टीम पहुंची बाराचट्टी थाना क्षेत्र
केंद्रीय टीम पहुंची बाराचट्टी थाना क्षेत्र
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Published : Feb 27, 2021, 7:38 PM IST

गया: जिले में एनसीबी अधिकारियों की काली करतूत ने एक परिवार के लिए जीना मुहाल कर दिया है. एनसीबी अधिकारी 2015 में गया के बाराचट्टी में फर्जी छापेमारी करके एक परिवार को फर्जी केस में फंसाना चाह रहा था, लेकिन तत्कालीन एसएसपी और सिटी एसपी ने एनसीबी की पोल खोल दी थी. साथ ही उनकी पूरी कार्रवाई को फर्जी साबित कर दिया. वहीं, पिछले पांच साल से पीड़ित परिवार फर्जी छापेमारी का दंश झेल रहा है. हालांकि, इस मामले में केंद्रीय टीम अब जांच कर रही है.
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जानकारी के मुताबिक बाराचट्टी थाना क्षेत्र के काहूदाग गांव में जीटी रोड स्थित रांची जोन की एनसीबी के अधिकारी कौशल्या देवी के घर में छापेमारी की. एनसीबी की इस छापेमारी को कौशल्या देवी स्थानीय पुलिस को सूचना दी और प्राथमिकी दर्ज करवाई. छापेमारी को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने पर तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने सिटी एसपी को अनुसंधान करने का निर्देश दिया तत्कालीन सिटी एसपी अवकाश कुमार ने अपनी रिपोर्ट ने इस छापेमारी को फर्जी करार दिया. इसके बाद भी आरोपियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं, पीड़ित परिवार पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'शाम के वक्त सादे ड्रेस में कुछ लोग आए और घर मे खोजबीन शुरू कर दी. घर के सामान, कागजात और घर से बाहर खड़ी चारपहिया वाहन को लेकर चले गए. उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया. जब स्थानीय पुलिस से जानकारी प्राप्त की तो उनको भी नहीं मालूम था. इस मामले में पांच साल के अंदर पूरा परिवार तबाह हो गया, अब उनका दबाव भी बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले दिल्ली से भी एक जांच टीम आयी थी.'- कौशल्या देवी, पीड़िता

एनसीबी की वजह से बर्बाद हो गया करियर
कौशल्या देवी के पुत्र दयानंद विश्वकर्मा ने बताया कि एनसीबी अधिकारियों के करतूतों के वजह मेरा एक भाई दारोगा की तैयारी करता था उसका करियर बर्बाद हो गया. इस केस से बचने के लिए एनसीबी ने रांची के नामुकम थाना में कांड संख्या 17/15 दर्ज किया. उसमें दर्ज किया कि बोलोरो गाड़ी झारखंड से जब्त किया गया. जबकि गया पुलिस ने टोल प्लाजा के पास जांच की तो एनसीबी के अधिकारी बोलेरो को उसी दिन बाराचट्टी से लेकर जा रहे थे. मेरे परिवार पर बड़े से बड़े अधिकारियों का दबाव आ रहा है इस केस को वापस लेने के लिए कहा जा रहा. लेकिन हम झुकेंगे नहीं.

ये भी पढ़ें- बोले तारकिशोर प्रसाद- पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार जानी तय

'2015 में बाराचट्टी में एनसीबी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. उस मामले में अनुसंधान चल रहा है. इसमें जो भी साक्ष्य मिलेंगे. उस पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे. इस पूरे मामले को सिटी एसपी देख रहे हैं.'- आदित्य कुमार, एसएसपी

Gaya
केंद्रीय टीम पहुंची बाराचट्टी थाना क्षेत्र

फर्जी छापेमारी का खुलासा
बता दें कि इस फर्जी छापेमारी का खुलासा तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने किया था. उसके बाद इस मामले कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, इस मामले में एनसीबी ने तीन लोगों को साथ ले गई थी उसमें से दो लोग अभी भी झारखंड जेल में बंद हैं. इस पूरे मामले की जांच करने केंद्र से एक टीम आयी थी. टीम ने कई दिनों तक इस मामले गहनता से जांच की है.

गया: जिले में एनसीबी अधिकारियों की काली करतूत ने एक परिवार के लिए जीना मुहाल कर दिया है. एनसीबी अधिकारी 2015 में गया के बाराचट्टी में फर्जी छापेमारी करके एक परिवार को फर्जी केस में फंसाना चाह रहा था, लेकिन तत्कालीन एसएसपी और सिटी एसपी ने एनसीबी की पोल खोल दी थी. साथ ही उनकी पूरी कार्रवाई को फर्जी साबित कर दिया. वहीं, पिछले पांच साल से पीड़ित परिवार फर्जी छापेमारी का दंश झेल रहा है. हालांकि, इस मामले में केंद्रीय टीम अब जांच कर रही है.
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जानकारी के मुताबिक बाराचट्टी थाना क्षेत्र के काहूदाग गांव में जीटी रोड स्थित रांची जोन की एनसीबी के अधिकारी कौशल्या देवी के घर में छापेमारी की. एनसीबी की इस छापेमारी को कौशल्या देवी स्थानीय पुलिस को सूचना दी और प्राथमिकी दर्ज करवाई. छापेमारी को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने पर तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने सिटी एसपी को अनुसंधान करने का निर्देश दिया तत्कालीन सिटी एसपी अवकाश कुमार ने अपनी रिपोर्ट ने इस छापेमारी को फर्जी करार दिया. इसके बाद भी आरोपियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं, पीड़ित परिवार पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'शाम के वक्त सादे ड्रेस में कुछ लोग आए और घर मे खोजबीन शुरू कर दी. घर के सामान, कागजात और घर से बाहर खड़ी चारपहिया वाहन को लेकर चले गए. उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया. जब स्थानीय पुलिस से जानकारी प्राप्त की तो उनको भी नहीं मालूम था. इस मामले में पांच साल के अंदर पूरा परिवार तबाह हो गया, अब उनका दबाव भी बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले दिल्ली से भी एक जांच टीम आयी थी.'- कौशल्या देवी, पीड़िता

एनसीबी की वजह से बर्बाद हो गया करियर
कौशल्या देवी के पुत्र दयानंद विश्वकर्मा ने बताया कि एनसीबी अधिकारियों के करतूतों के वजह मेरा एक भाई दारोगा की तैयारी करता था उसका करियर बर्बाद हो गया. इस केस से बचने के लिए एनसीबी ने रांची के नामुकम थाना में कांड संख्या 17/15 दर्ज किया. उसमें दर्ज किया कि बोलोरो गाड़ी झारखंड से जब्त किया गया. जबकि गया पुलिस ने टोल प्लाजा के पास जांच की तो एनसीबी के अधिकारी बोलेरो को उसी दिन बाराचट्टी से लेकर जा रहे थे. मेरे परिवार पर बड़े से बड़े अधिकारियों का दबाव आ रहा है इस केस को वापस लेने के लिए कहा जा रहा. लेकिन हम झुकेंगे नहीं.

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'2015 में बाराचट्टी में एनसीबी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. उस मामले में अनुसंधान चल रहा है. इसमें जो भी साक्ष्य मिलेंगे. उस पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे. इस पूरे मामले को सिटी एसपी देख रहे हैं.'- आदित्य कुमार, एसएसपी

Gaya
केंद्रीय टीम पहुंची बाराचट्टी थाना क्षेत्र

फर्जी छापेमारी का खुलासा
बता दें कि इस फर्जी छापेमारी का खुलासा तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने किया था. उसके बाद इस मामले कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, इस मामले में एनसीबी ने तीन लोगों को साथ ले गई थी उसमें से दो लोग अभी भी झारखंड जेल में बंद हैं. इस पूरे मामले की जांच करने केंद्र से एक टीम आयी थी. टीम ने कई दिनों तक इस मामले गहनता से जांच की है.

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