गया: गया जी को बिहार की धार्मिक नगरी कहा जाता है. लेकिन यहां की बुनियादी सुविधाओं के अभाव की तस्वीर ऐसी है कि आप भी देखकर हैरान रह जाएंगे. जिले के मधुसूदन कॉलोनी, पंतनगर और अशोक विहार में बाढ़ (Flood In Gaya) के पानी से लोग परेशान हो गए हैं. नगर-निगम (Municipal Corporation) ने दावा किया था कि मनसरवा नाले की सफाई कर दी गई है, लेकिन बारिश ने नगर-निगम की पोल-पट्टी खोल कर रख दी है.
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दरअसल, साल 2016 में भारी बारिश और मनसरवा नाला बंद होने से बाईपास रोड और माड़नपुर इलाकों में भीषण बाढ़ आ गयी थी. इस बाढ़ का जायजा लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के आदेश को 5 साल बीत जाने के बाद भी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया. जिसके कारण शहर के मधुसूदन कॉलोनी, पंतनगर और अशोक विहार कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं.
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अशोक विहार कॉलोनी निवासी घनश्याम पांडेय बताया कि वे इस मोहल्ले में पिछले 10 साल से रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2016 में भीषण बाढ़ आ गयी थी. जिसकी वजह से लोगों को छत पर जीवन व्यतीत करना पड़ा था. इस साल भी बिल्कुल 2016 वाला ही दृश्य है. इस मोहल्ले में चार से पांच फीट तक पानी भर गया है. जिसके कारण कई घरों के ग्राउंड फ्लोर डूब (Drain Water Entered In House) गए हैं.
'साल 2016 में मनसरवा नाला जाम था. इस साल स्थिति उस तरह की नहीं है. इस साल बेलवाटांड़ के पास बना एक छोटा बांध टूट गया है. जिससे बोधगया तक के खेतों, आहर और पोखर का पानी इसी नाला से होकर फल्गु में जा रहा है. जिसके कारण जलजमाव की स्थिति हो गयी है. नगर निगम कई स्थानों पर जेसीबी लगाकर सफाई करवा रहा है, जिससे नाला जाम न हो सके.' -मोहन श्रीवास्तव, डिप्टी मेयर, नगर निगम
बता दें कि इससे पहले भी जिले में बाढ़ ने त्राहिमाम मचा कर रख दिया था. गया जिले के माड़नपुर क्षेत्र के मोहल्ले में बारिश के पानी का ठहराव होने से लोग घरों में कैद हो गए थे. यहां तक कि घर का मुख्य दरवाजा नाले के पानी में डूब चुका था. घर के लोग जरूरी सामान लाने के लिए खिड़कियों से आवाजाही करने को मजबूर हो गए थे. घर की खिड़की में बांस की सिढ़ी लगाकर रास्ता बनाना पड़ा.
गौरतलब है कि साल 2016 में बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहुंचने के बाद अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया था. लेकिन बाढ़ का पानी निकलते ही सारे अभियान को बन्द कर दिया गया. लगभग 4 साल बीतने के बाद भी मनसरवा नाला फिर से अतिक्रमण का शिकार हो गया है. इस नाले को लेकर न बिहार सरकार ध्यान दे रही है और ना ही गया नगर निगम. ऐसे में मनसरवा नाला के पास स्थित मोहल्ला वासियों के बीच मानसून के दस्तक देते ही भय का माहौल बन जाता है.