गया: देश में अभी कुछ महीनों पहले अहमदाबाद के कोविड अस्पताल में शॉट सर्किट लगने के कारण बड़ी अगलगी की घटना हुई थी. लेकिन उसके बाद भी मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल ने इससे कोई सबक नहीं लिया है. अस्पताल प्रशासन का सुस्त रवैया किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है.अस्पताल मुख्य भवन के द्वार पर मुख्य बिजली पैनल आग को आमंत्रण देता है. लेकिन अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने कहा आगलगी की घटना से निपटने की पूरी अस्पताल प्रशासन की पूरी तैयारी है.
कहीं तारों का मकड़जाल, तो कहीं फाइर टैंक नहीं
गया में स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल का प्रशासन मरीजों के हित और जान की सुरक्षा के लिए सजग नही है. ईटीवी भारत ने देश मे तीन अस्पताल में आगलगी घटना के बाद गया में स्थित कोविड अस्पताल एएनएमएमसीएच की पड़ताल किया. ईटीवी भारत के पड़ताल में आग या अन्य किसी भी तरह कि आपदा से निपटने के अस्पताल प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम नहीं दिखे. वहीं, अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर स्थित बिजली पैनल के आसपास तारो का मकड़जाल फैला हुआ है जो सीधे तौर पर आगलगी की घटना को दावत देता है. वहीं, अस्पताल के शिशु वार्ड छोड़कर किसी वार्ड में फायर टैंक नही है.
अस्पताल प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह दुरूस्त
वहीं, अस्पताल में आपदा से निपटने के लिए किए गए इंतजाम पर जब इस बाबत अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल से जानकारी ली गई, तो उन्होने बताया कि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन अगलगी की घटना से निपटने के लिए तैयार है. हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं. अस्पताल प्रशासन जिला अग्निशमन विभाग से लगातार संपर्क में रहता है. अस्पताल के सभी पुरानी बिल्डिंग में नई बिजली वायरिंग हो गई है. अस्पताल के मुख्य स्थानों पर सीओटू गैस का टैंक भी रख दिया गया है. वहीं, उन्होने बताया कि अस्पताल के मुख्य दरवाजा पर बिजली का पैनल स्थापित है. इस पैनल को तीन हिस्सों में बदलने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इस जगह से पैनल को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा.
कई जिलों के कोविड मरीजों का हो रहा यहां ईलाज
बता दें कि मगध क्षेत्र के पांच जिलों के सहित कैमूर व रोहतास जिले के लिए कोविड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को बनाया गया है. कोविड अस्पताल में एएनएमएमसीएच में कोरोना मरीजो के लिए लेबल एक ,लेबल दो और लेबल तीन वार्ड बनाया गया है. इन वार्डो में किसी को जाने की अनुमति नहीं है. इन वार्डो के लिए अस्पताल प्रशासन के अनुसार व्यवस्था समुचित है.