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गयाः सुविधा के अभाव में मरीजों को किया जा रहा रेफर, गर्भवती महिलाओं की बढ़ी परेशानी - प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पते रहते हैं मरीज

एएनएमएमसीएच के गायनिक वार्ड, शिशु वार्ड को शहर के सिविल लाइन थाना के पास स्थित प्रभावती अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. दोनों विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी भी यहीं लगा दी गई है, लेकिन अस्पताल में मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है.

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Published : Apr 15, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 1:26 PM IST

गयाः जिले में कोविड 19 के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सुरक्षित किया गया है. गर्भवती महिला और शिशुओं को शहर के प्रभावती अस्पताल में भेजा जा रहा है, लेकिन इस अस्पताल में मरीजों की भीड़ होने के कारण इलाज के नाम पर पटना रेफर कर दिया जा रहा है. गरीब मरीज पटना तक की दूरी गर्भावस्था में तय नहीं कर सकते. इसके बावजूद उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पते रहते हैं मरीज
दरअसल एएनएमएमसीएच के गायनिक वार्ड, शिशु वार्ड को शहर के सिविल लाइन थाना के पास स्थित प्रभावती अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. दोनों विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी भी यहीं लगा दी गई है, लेकिन अस्पताल में मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है. लॉक डाउन की स्थिति में मरीज को पटना रेफर कर दिया जा रहा है. ऐसे में मरीज प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पते रहते हैं.

देखें रिपोर्ट

किया गया पटना रेफर
डुमरिया थाना क्षेत्र से डिलीवरी के लिए आए मरीज के परिजन राज कुमार ने बताया मैं अपने मरीज को लेकर चार घंटे पहले आया था. डॉक्टरों ने खून की कमी बताई है. हम लोग खून देने के लिए तैयार हैं, फिर भी ये लोग मरीज को पटना रेफर कर रहे हैं.

ब्लड के लिए जाना पड़ता है एएनएमएमसीएच
अस्पताल के मैनेजर विमलेश कुमार ने बताया मरीज को डॉक्टर देखते हैं, इसमें मेरा कहीं रोल नहीं है. उन्होंने बताया कि मरीज के बारे में मुझे पता लगा तो ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने कहा कि मरीज के शरीर में खून की कमी है पहले के डॉक्टर ने रेफर कर दिया है. इस अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है. ऐसे केस में ब्लड की जरूरत पड़ने पर मरीजों को एएनएमएमसीएच जाना पड़ता है.

गयाः जिले में कोविड 19 के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सुरक्षित किया गया है. गर्भवती महिला और शिशुओं को शहर के प्रभावती अस्पताल में भेजा जा रहा है, लेकिन इस अस्पताल में मरीजों की भीड़ होने के कारण इलाज के नाम पर पटना रेफर कर दिया जा रहा है. गरीब मरीज पटना तक की दूरी गर्भावस्था में तय नहीं कर सकते. इसके बावजूद उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पते रहते हैं मरीज
दरअसल एएनएमएमसीएच के गायनिक वार्ड, शिशु वार्ड को शहर के सिविल लाइन थाना के पास स्थित प्रभावती अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. दोनों विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी भी यहीं लगा दी गई है, लेकिन अस्पताल में मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है. लॉक डाउन की स्थिति में मरीज को पटना रेफर कर दिया जा रहा है. ऐसे में मरीज प्रसव पीड़ा से घंटों तड़पते रहते हैं.

देखें रिपोर्ट

किया गया पटना रेफर
डुमरिया थाना क्षेत्र से डिलीवरी के लिए आए मरीज के परिजन राज कुमार ने बताया मैं अपने मरीज को लेकर चार घंटे पहले आया था. डॉक्टरों ने खून की कमी बताई है. हम लोग खून देने के लिए तैयार हैं, फिर भी ये लोग मरीज को पटना रेफर कर रहे हैं.

ब्लड के लिए जाना पड़ता है एएनएमएमसीएच
अस्पताल के मैनेजर विमलेश कुमार ने बताया मरीज को डॉक्टर देखते हैं, इसमें मेरा कहीं रोल नहीं है. उन्होंने बताया कि मरीज के बारे में मुझे पता लगा तो ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने कहा कि मरीज के शरीर में खून की कमी है पहले के डॉक्टर ने रेफर कर दिया है. इस अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है. ऐसे केस में ब्लड की जरूरत पड़ने पर मरीजों को एएनएमएमसीएच जाना पड़ता है.

Last Updated : Apr 15, 2020, 1:26 PM IST
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