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गया: BDO आत्महत्या मामले में जीतन राम मांझी ने की CBI जांच की मांग - गया न्यूज

जीतन राम मांझी ने कहा कि बीडीओ राजीव रंजन जब दूसरे जिले में थे, तो उन्हें बेहतर काम के लिए पुरस्कार से नवाजा गया था. लेकिन, गया जिला जिले में ट्रांसफर होने के बाद भ्रष्ट नेताओं के साथ उनकी सांठ-गांठ नहीं मिली, जिस कारण दबाव में उन्होंने आत्महत्या कर ली.

मांझी
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Published : Nov 1, 2019, 5:00 PM IST

Updated : Nov 1, 2019, 5:25 PM IST

गया: जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन की आत्महत्या पर न्याय की मांग बढ़ने लगी है. हम प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने पुलिस को बरामद सुसाइड नोट को भी सार्वजनिक करने की मांग की है.

'भ्रष्ट अधिकारी है आत्महत्या का जिम्मेदार'
जीतन राम मांझी ने कहा कि बीडीओ राजीव रंजन जब दूसरे जिले में थे, तो उन्हें बेहतर काम के लिए पुरस्कार से नवाजा गया था. लेकिन, गया जिला जिले में ट्रांसफर होने के बाद भ्रष्ट नेताओं के साथ उनकी सांठ-गांठ नहीं मिली, जिस कारण दबाव में उन्होंने आत्महत्या कर ली. मांझी ने बताया कि राजीव रंजन की हत्या का जिम्मेदार यहां के भ्रष्ट अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की निश्चित सीबीआई से जांच होनी चाहिए.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

संबंधित खबर:- गया: कोंच BDO की आत्महत्या मामले में फूटा अधिकारियों का गुस्सा, DM को बताया जिम्मेदार

क्या कहते हैं जीतन मांझी?
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि उन्हे यहां एक पदस्थापित सीडीपीओ ने जानकारी दी कि राजीव रंजन से हर महीने 2 लाख रूपये वरीय अधिकारी मांगते थे. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि जिले में अधिकारी कितने बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जो लोग अधिकारियों को पैसा नहीं देते, उन्हें उसका बुरा प्रभाव झेलना पड़ता है. मांझी ने बताया कि यही वजह है कि जिस बीडीओ ने दूसरे जिले में बेहतर काम के लिए अवार्ड दिया गया, उसी अधिकारी पर परिपत्र जारी किया गया. जिस कारण उन्होंने आत्महत्या की.

संबंधित खबर:- गया: कोंच प्रखंड के BDO राजीव कुमार ने छत से कूद कर दी जान, जांच में जुटी पुलिस

छत से कूदकर दी जान
बता दें कि गुरुवार को जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजने ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिकसे बाद जिले के सभी अधिकारियों ने बीडीओ के खिलाफ न्याय जांच की मांग की. वहीं, अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं.

गया: जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन की आत्महत्या पर न्याय की मांग बढ़ने लगी है. हम प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने पुलिस को बरामद सुसाइड नोट को भी सार्वजनिक करने की मांग की है.

'भ्रष्ट अधिकारी है आत्महत्या का जिम्मेदार'
जीतन राम मांझी ने कहा कि बीडीओ राजीव रंजन जब दूसरे जिले में थे, तो उन्हें बेहतर काम के लिए पुरस्कार से नवाजा गया था. लेकिन, गया जिला जिले में ट्रांसफर होने के बाद भ्रष्ट नेताओं के साथ उनकी सांठ-गांठ नहीं मिली, जिस कारण दबाव में उन्होंने आत्महत्या कर ली. मांझी ने बताया कि राजीव रंजन की हत्या का जिम्मेदार यहां के भ्रष्ट अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की निश्चित सीबीआई से जांच होनी चाहिए.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

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क्या कहते हैं जीतन मांझी?
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि उन्हे यहां एक पदस्थापित सीडीपीओ ने जानकारी दी कि राजीव रंजन से हर महीने 2 लाख रूपये वरीय अधिकारी मांगते थे. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि जिले में अधिकारी कितने बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जो लोग अधिकारियों को पैसा नहीं देते, उन्हें उसका बुरा प्रभाव झेलना पड़ता है. मांझी ने बताया कि यही वजह है कि जिस बीडीओ ने दूसरे जिले में बेहतर काम के लिए अवार्ड दिया गया, उसी अधिकारी पर परिपत्र जारी किया गया. जिस कारण उन्होंने आत्महत्या की.

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छत से कूदकर दी जान
बता दें कि गुरुवार को जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजने ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिकसे बाद जिले के सभी अधिकारियों ने बीडीओ के खिलाफ न्याय जांच की मांग की. वहीं, अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं.

Intro:पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कोंच प्रखंड के बीडियो के आत्महत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग की,
कहा- भ्रष्ट अधिकारियों के कारण बीडियो ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग की,
साथ ही विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के आय-व्यय को सार्वजनिक करते हुए उसके लेखा-जोखा की सीबीआई जांच की मांग की।


Body:गया: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गत बुधवार को जिले के कोंच प्रखंड के बीडियो राजीव रंजन द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने बीडियो के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को भी सार्वजनिक करने की मांग की है।
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी आज गया शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने पैतृक आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कोंच प्रखंड के बीडियो राजीव रंजन जब दूसरे जिले में थे, तो उन्हें बेहतर कार्य के लिए अवार्ड मिला था। लेकिन गया जिले में जब वे पद स्थापित हुए तो यहां के भ्रष्ट तंत्र का सर्पदंश झेलने को मिला। यही वजह है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली।उन्होंने कहा कि यहां के भ्रष्ट अधिकारी ही बीडियो की आत्महत्या के लिए जिम्मेवार है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही उनके सुसाइड नोट को पुलिस प्रशासन ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। उसे भी मीडिया एवं जन नेताओं व परिजनों के समक्ष सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां एक पदस्थापित सीडीपीओ ने उन्हें जानकारी दी है कि उससे प्रतिमाह 2 लाख रूपये ऊपर के अधिकारी मांगते हैं। अब इसी से पता चलता है कि जिले में अधिकारी कितने बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जो लोग अधिकारियों को पैसा नहीं देते। उन्हें उसका बुरा प्रभाव झेलना पड़ता है। यही वजह है कि जिस बीडियो को दूसरे जिले में बेहतर कार्य के लिए अवार्ड दिया गया। उसी बीडियो को परिपत्र 'क' जारी किया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि उसके ऊपर अधिकारियों के द्वारा कितना दबाव दिया गया। इस वजह से उसने आत्महत्या कर ली।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के आय-व्यय एवं लेखा-जोखा का हिसाब-किताब बिहार सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोधगया में देश-विदेश के लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। जो नगद सहित बेशकीमती पत्थर गोपनीय दान देते हैं। लेकिन इसका लेखा-जोखा अब तक नहीं किया गया। जो भी अधिकारी यहां आते हैं वह करोड़पति बनकर चले जाते हैं। ऐसे अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के तिरुपति मंदिर का लेखा-जोखा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है। लेकिन महाबोधि मंदिर का लेखा-जोखा आखिर क्या वजह है कि जारी नहीं किया जाता ? इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
वहीं उन्होंने कहा कि गया जिले के इमामगंज, डुमरिया प्रखंड में जो अधिकारी हैं। वे अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों का काम नहीं हो पाता। ग्रामीण घंटों सरकारी कार्यालयों का चक्कर काटते हैं। लेकिन उनकी अधिकारियों से मुलाकात हो पाती और ना ही कोई काम हो पाता है। गत दिनों जिलाधिकारी अभिषेक सिंह डुमरिया इमामगंज गए। लेकिन उन्होंने क्या जांच की ? यह पता नहीं चला। स्थानीय लोगों को उनसे मिलने तक नहीं दिया गया। जो वहां पर अधिकारी थे, उन्हें समझा-बुझाकर वापस लेते आए। ऐसे में सरकारी तंत्र द्वारा कार्य में पारदर्शिता नहीं हो पाती है। इसलिए जिलाधिकारी को चाहिए सभी ब्लॉक में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लें और दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

बाइट- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार सरकार।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया





Conclusion:
Last Updated : Nov 1, 2019, 5:25 PM IST
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