गया: जिले के एक प्रखंड के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन वहां हकीकत कुछ और ही है. आज भी लोग यहां खेतों में जा रहे हैं. सरकार की दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है. वहीं, शौचालय निर्माण में ग्रामीण अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं.
जिला मुख्यालय से सटे मानपुर प्रखंड के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. सरकार की रिपोर्ट के अनुसार सभी के पास शौचालय है. लेकिन अब भी यहां लोग खेत में जाते हैं. यहां बने शौचायल की स्थिति यह है कि लोगों ने कहीं स्टोर रूम तो कही इसे जानवर के चारा रखने का घर बना दिया है.
'15 शौचालय ही काम के होंगे'
इस पंचायत के सिकहर गांव के महादलित टोला के निवासी संजय मांझी ने बताया कि इस टोला में 200 परिवार के लोग रहते हैं. यहां सभी के घर शौचालय बनाया गया. लेकिन कोई शौचालय काम के लायक नहीं है. पूरे टोला में मुश्किल से 15 शौचालय ही काम के होंगे. मुखिया के प्रतिनिधि 12 हजार लिया लेकिन शौचालय को 5 से 6 हजार रुपये में बना कर तैयार कर दिया. कई शौचालय तो अभी ही टूट कर ध्वस्त हो गया. इस स्थिति में बाहर जाने को हम लोग मजबूर हैं.
'काम में हुआ है भ्रष्टाचार'
वहीं, इस गांव के निवासी टिंकू बताते हैं कि सभी शौचालय कम लागत में बनाया है. हमलोग से अकाउंट लेकर 12 हजार रुपये का निकासी किया गया. मुखिया के प्रतिनिधि ने बैंक में ले जाकर 12 हजार रुपये का निकासी करवाया और सिर्फ 500 रुपये दे दिया. शौचालय जिस गुणवत्ता और मानक से बनाना चाहिए था, उसका कुछ भी पालन नहीं किया गया है.
शिकायत पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता को पंचायत के मुखिया ने कुछ भी जवाब स्पष्ट नहीं दिया. वहीं, बीडीओ उदय कुमार ने बताया कि मानपुर प्रखण्ड के 12 पंचायत में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. जहां भी 65 प्रतिशत से ज्यादा घरों में शौचालय बन जाता है, उसे ओडीएफ घोषित कर दिया जाता है. सिकहर गांव में अगर ओडीएफ में घोटाले को लेकर लिखित शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी.