गया:बिहार के गया में होमगार्ड बहाली की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू (home guard recruitment process started in gaya) हो गई है. जिले में दस हजार से भी ज्यादा अभ्यर्थी हैं. पिछले 12 वर्षों से सभी अभ्यर्थी गृहरक्षक बहाली का इंतजार कर रहे थे. जब दौड़ लगाने के लिए होमगार्ड अभ्यर्थी पहुंचे तो उनकी पीड़ा छलक गई. वर्ष 2011 से गृहरक्षक बनने का सपना संजोए अभ्यर्थी बहाली के इंतजार में फोर्थ ग्रेड मजदूर, राजमिस्त्री व अन्य छोटी मोटी नौकरी कर अपना भविष्य खींच रहे हैं. गया जिले में आज पहले दिन करीब 1 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई. यह प्रक्रिया अगले 18 दिनों तक चलेगी.
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12 साल बाद हो रही बहालीः गया में वर्ष 2011 से अटकी होमगार्ड बहाली प्रक्रिया वर्ष 2023 के 24 फरवरी से शुरू की गई है. गृहरक्षक अभ्यर्थी रामजी प्रसाद की उम्र 45 वर्ष के हो चुकी है. जब उन्होंने होमगार्ड भर्ती के लिए आवेदन दिया था, तो उस समय भी बेरोजगारी से संघर्ष कर रहे थे. 2011 में आवेदन देने के बाद भी लगातार बेरोजगारी से लड़ाई चलती रही. होमगार्ड बहाली प्रक्रिया रुकी रही और अब 2023 में बहाली प्रक्रिया शुरू हुई है. इस बीच रामजी प्रसाद की बेरोजगारी ने उसे फोर्थ ग्रेड मजदूर बना दिया.
45 की उम्र में चुस्ती फुर्ती भी घटी: 45 की उम्र में उनके शरीर में चुस्ती फुर्ती भी नहीं रह गई है, जो पहले रहा करती थी. होमगार्ड बनने का सपना संजोने वाले रामजी प्रसाद फिलहाल फोर्थ ग्रेड मजदूरी का काम करते हैं. ये सरकार की नीतियों को कोसते हैं, जिसके कारण गृहरक्षक बहाली की प्रक्रिया एक दशक से भी अधिक समय तक रुकी रही. हालांकि रामजी प्रसाद के चेहरे पर अब भी आशा की किरण है, लेकिन बेरोजगारी का जो दंश से जुझे, उसकी पीड़ा साफ नजर आती है.
"अभी भी अगर होमगार्ड में चयन नहीं हुआ तो अब मजदूर ही रह जाएंगे. इसी के सहारे जिंदगी कटेगी. बताते हैं कि अब तो बेटे की भी इतनी उम्र हो चुकी है कि वह भी सिपाही आर्मी में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है. इस तरह पिता के अलावा पुत्र भी बेरोजगार है"- रामजी कुमार, होमगार्ड अभ्यर्थी
बहाली के इंतजार में राजमिस्त्री का काम करने लगेः वहीं गृहरक्षक की बहाली में आए अभ्यर्थी उमेश कुमार ने बताया कि इन 12 वर्षों में वह राजमिस्त्री बन गए हैं. इस आशा से होमगार्ड बहाली में आए हैं कि अब इस उम्र में भी गृृहरक्षक की नौकरी लग जाए, ताकि राजमिस्त्री के धंधे से मुक्ति मिल सके. यह बताते हैं कि हमारे मन में जो बड़ी भावना थी, वह कुचलकर रह गई है. 12 वर्ष वे होमगार्ड बहाली की आस में रहे और उनकी जिंदगी राजमिस्त्री पर जाकर अटक गई.
12 साल बाद दौड़ की प्रैक्टिस भी छूट गईः होमगार्ड के अभ्यर्थियों ने बताया कि ज्यादातर की उम्र काफी हो गई है. वर्ष 2011 में होमगार्ड बहाली के लिए फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों की लंबी गैपिंग के बीच होमगार्ड बनने के लिए दौड़ की प्रैक्टिस छूट गई. जवानी में किसी तरह बेरोजगारी सह ली, शादी के बाद कोई न कोई काम घर चलाने के लिए पकड़ना पड़ा.अब 2022-23 में बहाली की प्रक्रिया की घोषणा हुई तो फिर से प्रैक्टिस करनी शुरू की.
बेरोजगारी से संघर्ष कर बन गए हैं मजदूरः होमगार्ड अभ्यर्थियों ने बताया कि जवानी में बेरोजगारी सहने वाले युवक शादी होने के बाद कोई न कोई काम करना शुरू कर दिया. कोई दूसरे राज्य में कमाने चले गए, तो ज्यादातर अभ्यर्थी मजदूर बन गए हैं. अब फिर से उम्मीज जगी है. गया के गांधी मैदान में पहुंचने वाले होमगार्ड के अभ्यर्थियों में से ज्यादातर मजदूर ही नजर आए. इस तरह बड़े ख्वाब देखने वाले अभ्यर्थी मजदूर हो कर रह गए हैं, लेकिन आज भी इस आशा के साथ पहुंचे हैं,कि यदि बहाली हो गई तो शायद फिर से जिंदगी संवर जाएगी और नहीं हुई तो मजदूरी जीवन भर का रोजगार बनकर रह जाएगा.
"18 दिनों तक होमगार्ड बहाली की भर्ती प्रक्रिया चलेगी. इसके लिए आवश्यक सभी तैयारियां की गई है. 24 फरवरी से पहले दिन की बहाली गया जिले के चंदौती प्रखंड से शुरू की गई है" -मनोज कुमार, एडीएम, गया