गया: बिहार के गया में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद उनके इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया है. जिले में रविवार को हिंदू संगठनों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ शहर के टावर चौक पर प्रदर्शन किया और उनकी इस्तीफे की मांग की. इस दौरान जमकर उनके खिलाफ नारे लगे. धर्म रक्षा मंच, हिंदू युवा शक्ति एवं राष्ट्रीय सनातन योद्धा मंच के द्वारा गया के आजाद पार्क में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के द्वारा रामचरित्र मानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन (Hindu organizations protest in Gaya) हुआ है.
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गया में शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन : मिली जानकारी के अनुसार हिंदू संगठनों के मंच द्वारा शिक्षा मंत्री को बर्ख़ास्त करने की मांग की गई. इस दौरान शिक्षा मंत्री हाय-हाय के नारे लगे. हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसे अनर्गल बयान देकर समाज को बांटने का काम शिक्षा मंत्री द्वारा किया जा रहा है. जिसका संगठन के सभी साथियों ने खुलकर विरोध किया. उनके द्वारा दिया गया बयान अच्छी शिक्षा के बजाय समाज को बांटने वाला बयान है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि शिक्षा मंत्री का काम लोगों को अच्छी शिक्षा देना होता है, पर बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा ऐसे बयान देकर हिन्दू समाज में भेदभाव और जात-पात में बांटने का प्रयास किया जा रहा है. इसे हिंदू समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.
'बर्खास्त नहीं किया तो उग्र आंदोलन होगा' : हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार द्वारा शिक्षा मंत्री को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को बर्खास्त नहीं किया जाएगा तो तमाम हिंदू संगठन उग्र होकर आगे इस लड़ाई को जारी रखेगा. प्रदर्शन के दौरान छोटू बारिक, रोहम सिंह, महंथ राजिव रंजन दास, नीरज त्रिपाठी, शैलेश श्रीवास्तव, सचिन राज, किशोर कुमार, राहुल कुमार समेत काफी संख्या में हिंदू संगठन के लोग मौजूद थे.
शिक्षा मंत्री ने दिया था विवादित बयान : गौरतलब है कि बीजेपी बिहार में विपक्ष में है. और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद लगातार उन पर निशाना साध रही है. बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रेशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि- 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उनके इस स्टेटमेंट के बाद बिहार में हंगामा मचा है. उनपर दिल्ली से लेकर बिहार तक में कई परिवाद दर्ज हो चुका है. लेकिन शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अभी भी कायम हैं.