गया: राष्ट्रीय स्वछाग्रही संघ के बैनर तले स्वच्छता प्रेरकों ने अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. इसको लेकर स्वच्छता प्रेरकों द्वारा शहर के धर्म सभा भवन में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. जहां कई स्वच्छता प्रेरक उपस्थित रहे.
"पूरे बिहार में लगभग 50 हजार स्वच्छाग्रही हैं. लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत हम लोगों को वर्ष 2017 में बहाली ली गई थी. हमलोग बिहार सरकार के विभिन्न स्वच्छता योजनाओं पर कार्य करते रहे. लेकिन आज तक हम लोगों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया. इस कारण हमारे परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति है. जब कभी वेतन भुगतान की राशि मांगते हैं, तो अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. हमें कार्यमुक्त करने की धमकी दी जाती है. इतना ही नहीं कई लोगों को कार्य से मुक्त भी कर दिया गया"- संजय मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय स्वच्छाग्रही संघ
वेतन भुगतान का आग्रह
राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर तमाम विभाग के मंत्री और अधिकारियों से वेतन भुगतान का आग्रह कर चुके हैं. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि आज हमारी बदौलत पूरे बिहार को शौच मुक्त घोषित किया गया है. हम लोगों ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य किया. लेकिन हमारे वेतन का भुगतान नहीं किया गया. हमारी मांग है कि वेतन भुगतान करते हुए हमें एक संविदा कर्मी का दर्जा दिया जाए. ताकि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर सके.
"सरकार के विभिन्न स्वच्छता मिशन की योजनाओं में हम लोग पूरी ईमानदारी से कार्य करते रहे. लेकिन अभी तक एक बार भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया. इस बारे में कई बार अधिकारियों से गुहार भी लगाई गई. लेकिन इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. अगर शीघ्र हमारे वेतन का भुगतान नहीं होता है, तो हमलोग विधानसभा का घेराव करेंगे"- इरफाना नाज, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वच्छाग्रही संघ
वेतन भुगतान की मांग
बता दें लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत कार्य करने वाले पूरे बिहार के लगभग 50 हजार स्वक्षता प्रेरकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. राष्ट्रीय स्वच्छाग्रही संघ के सचिव संजय मिश्रा ने कहा कि वेतन भुगतान की मांग करने पर अधिकारियों के द्वारा कई लोगों को प्रताड़ित करते हुए कार्य मुक्त कर दिया गया.