गयाः दुनिया का प्रतिष्ठित संस्थान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) ने बिहार के गया की बेटी प्रतीक्षा सिंह (Pratiksha Singh) को सॉफ्ट रोबोटिक टूल किट (Soft Robotic Tool Kit) के बेहतर डिजाइन इजाद करने को लेकर चुना है. हार्वर्ड ने देशभर से महज 7 प्रतिभावान छात्रों को चुना है, जिसमें बिहार से केवल प्रतीक्षा का चयन हुआ है. अब प्रतीक्षा की प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखी और सराही जा सकेगी.
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प्रतीक्षा का डिजाइन बेस्ट
गया जिला स्कूल में संचालित अटल टिकरिंग लैब में हावर्ड यूनिवर्सिटी की देखरेख में सॉफ्ट रोबोटिक टूल किट प्रोजेक्ट का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. प्रशिक्षण के बाद प्रतियोगिता में दो छात्रों का चयन हुआ था. जिसमें 10+2 जिला स्कूल में पढ़ने वाली प्रतीक्षा के फाइनल प्रेजेंटेशन के तहत बनाए गए क्रिएटिव डिजाइन को हार्वर्ड ने बेस्ट माना है. इस आधार पर प्रतीक्षा का चयन हुआ है.
"रोबोटिक्स मुछे बचपन से ही बहुत पसंद हैं. स्कूल में रोबोटिक टूल किट प्रोजेक्ट आने के बाद मैंने उसमें हिस्सा लिया. इसके बाद तीन महीने तक हार्वर्ड के द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के बाद सॉफ्ट रोबोटिक टूल किट के तहत अपना एक प्रेजेंटेशन देना था. मेरे द्वारा तैयार किए गए मॉडल को यूनिवर्सिटी के विश्लेषकों ने क्रिएटिव माना. मेरे प्रोजेक्ट के तहत सूई से लेकर बड़े-बड़े सामान का मूवमेंट कम उर्जा में संभव हो सकता है. मेरी हार्वर्ड में पढ़ने की लालसा है, इसलिए दिन रात मेहनत कर रही हूं. मैं इसरो में काम करना और अंतरिक्ष में जाना चाहती हूं." -प्रतीक्षा सिंह, छात्रा, कक्षा-9
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देशभर से 7 बच्चों का चयन
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में देशभर से महज 7 बच्चों का चयन हुआ है. इसके बाद चुने गए इन सभी सात प्रतिभागियों के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. इनमें जिसकी डिजाइन सबसे ज्यादा क्रिएटिव होगी, उसे हार्वर्ड में पढ़ने का मौका मिलेगा.
"एयर वाटर जेनरेटर की सफलता के बाद नीति आयोग ने तय किया कि जिला स्कूल के बच्चों को सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए भी मौका दिया जाएगा. बच्चों को प्रशिक्षण देने से पहले इस स्कूल के दो शिक्षकों को हावर्ड यूनिवर्सिटी ने दो महीने तक प्रशिक्षण दिया था. प्रशिक्षण लेने के बाद स्कूल के 12 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद 2 छात्र कुणाल गौतम और प्रतीक्षा को सेमीफाइनल प्रेजेंटेशन के लिए चयनित किया गया. दोनों बच्चों में बेस्ट डिजाइन के आधार पर प्रतीक्षा का आगे के स्टेज के लिए चयन किया गया."- देवेंद्र सिंह, एटीएल इंचार्ज और विज्ञान शिक्षक, जिला स्कूल
गया जिले का एक सरकारी स्कूल विश्वस्तर पर अपना परचम लहरा रहा है. सॉफ्ट रोबोटिक्स पर काम कर रहे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इस स्कूल से जहां एक 9वीं कक्षा की छात्रा को चुना है, वहीं स्कूल के अन्य छात्र भी बेहतर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट को अमेरिका की मल्टीनेशनल कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कंपनी डेल ने पेटेंट कर लिया है. प्रेम सागर, प्रीतम और श्रेया को कचड़े की रिसाइक्लिंग करके बनाए गए प्रोजेक्ट के लिए साल 14 नवंबर 2019 को राष्ट्रपति से पुरस्कार भी मिल चुका है.
बच्चों को मिलेगा सम्मान
देशभर में चयनित इन बच्चों को अटल इनोवेशन मिशन की ओर से कोरोना के कारण बिगड़े हालात सामान्य होने के बाद नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.
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रोबोटिक्स क्या है?
रोबोटिक, इंजीनियरिंग की एक अध्ययन शाखा है जिसमें रोबोट अवधारणा, रचना, उत्पादन, तथा संचालन का अध्ययन करवाया जाता है. इस शाखा में इलेक्ट्रॉनिक, कम्प्यूटर साइंस, नैनोटेक्नालॉजी, मैकाट्रॉनिक्स, बायोटेक्नालॉजी तथा आर्टिफियल इंटेलिजेन्ट भी शामिल होते हैं. सॉफ्ट रोबोटिक्स के तहत बनाए गए उपकरण के जरिए हाथ की तरह लचीले काम किया जाना संभव है. प्रतीक्षा ने इसमें क्रिएटिव डिजाइन इजाद की है.