ETV Bharat / state

मांझी का छलका दर्द, बोले- कसक तो है.. सभी पार्टियों की सहमति से नहीं हुआ NDA में सीटों का बंटवारा

हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी (HAM President Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि जब हम राजद के साथ महागठबंधन में थे, तो वहां भी हमसे बिना कोई बात किए लोग खुद निर्णय ले लेते थे. यही वजह है कि हम महागठबंधन (Mahagathbandhan) से अलग हो गए. अभी एनडीए में भी एमएलसी चुनाव को लेकर हमसे कोई राय नहीं ली गई. पढ़ें पूरी खबर

RAW
RAW
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 3:47 PM IST

गया: बिहार में 24 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग (Seat Sharing in NDA) का ऐलान हुए कई दिन हो गए हैं. लेकिन एनडीए में शामिल हम और वीआईपी को सीट नहीं मिलने की टीस अब भी दिख रही है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी के बाद अब हम अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan ram manjhi on mlc elections) ने भी कहा है कि सीट बंटवारे से पहले एनडीए में शामिल सभी नेताओं से बात करनी चाहिए थी.

ये भी पढ़ें: मुकेश सहनी का छलका दर्द, बोले- 'हमें NDA से एक तरह से कर दिया बाहर, फिर भी दूंगा नीतीश का साथ'


बोधगया में मांझी ने कहा कि सीट बंटवारे पर एनडीए में चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अगर चर्चा होती भी तो हम अपने लिए कोई सीट नहीं मांगते. हम सभी की सहमति पर अपनी सहमति दे देते, लेकिन हम लोगों की अनदेखी की गई, यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हम राजद के साथ महागठबंधन में थे, तो वहां भी हमसे बिना कोई बात किए लोग खुद निर्णय ले लेते थे. यही वजह है कि हम महागठबंधन से अलग हो गए. अभी एनडीए में भी एमएलसी चुनाव को लेकर हमसे कोई राय नहीं ली गई.

ये भी पढ़ें: हो गई बगावत! VIP ने बिहार विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर लड़ने का किया एलान

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनने में आया है कि एमएलसी चुनाव में 40 से 50 हजार रुपये लेकर वोट खरीदे जा रहे हैं. हमारे पास ऐसे कोई उम्मीदवार नहीं हैं, जो इतना पैसा दे. विधायक और सांसद के चुनाव में भी हमलोग कोई पैसा खर्च नहीं करते हैं. हमलोग जनता के प्यार से जीतते हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा गरीबों की पार्टी है, ऐसे में अगर हमें एक सीट मिलती भी तो हम चुनाव नहीं लड़ते. क्योंकि हमारी पार्टी पैसे देकर वोट लेने में सक्षम नहीं है. जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे लोग पैसे के माध्यम से वोट बनाने में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: विधान परिषद चुनाव: HAM-VIP की अनदेखी पर मांझी और सहनी को RJD का ऑफर- 'अब NDA छोड़ने का समय आ गया'

वहीं आने वाले बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि बजट में महंगाई को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए. सभी लोग यही उम्मीद रखते हैं कि बजट में सामानों के दाम ना बढ़े, क्योंकि गरीब, मजदूर और मध्यम वर्ग के लोगों के सामने महंगाई आज सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा जीएसटी सहित कई तरह के टैक्स से व्यापारी परेशान हैं. इसलिए हम सरकार से यह मांग करते हैं कि बजट में महंगाई पर कंट्रोल करने की दिशा में काम करें.

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: ...तो क्या मुकेश सहनी को NDA से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है?

मांझी ने कहा कि पूरे देश की बात करें तो बिहार में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यह संभव नहीं है कि सभी को रोजगार दिया जा सके, लेकिन बिहार के युवाओं के नियोजन की प्रक्रिया अविलंब पूरी होनी चाहिए. अभी तरह-तरह की बातें आ रही हैं. सरकार नियोजन में क्या कर रही है? पता नहीं? लेकिन हर हाल में युवाओं को नियोजित करना चाहिए, ताकि युवाओं को रोजगार मिले.

हम अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को मजदूरों के प्रति भी ध्यान देना चाहिए. क्योंकि जो संगठित मजदूर हैं वे तो हड़ताल कर अपनी मांग पूरी करा लेते हैं, लेकिन जो असंगठित हैं, उनकी स्थिति दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है, ऐसी स्थिति में मजदूरों के लिए भी बजट में ध्यान देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनाव: BJP-12, JDU-11 और RLJP एक सीट पर लड़ेगी, HAM और VIP के हाथ खाली

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

गया: बिहार में 24 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग (Seat Sharing in NDA) का ऐलान हुए कई दिन हो गए हैं. लेकिन एनडीए में शामिल हम और वीआईपी को सीट नहीं मिलने की टीस अब भी दिख रही है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी के बाद अब हम अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan ram manjhi on mlc elections) ने भी कहा है कि सीट बंटवारे से पहले एनडीए में शामिल सभी नेताओं से बात करनी चाहिए थी.

ये भी पढ़ें: मुकेश सहनी का छलका दर्द, बोले- 'हमें NDA से एक तरह से कर दिया बाहर, फिर भी दूंगा नीतीश का साथ'


बोधगया में मांझी ने कहा कि सीट बंटवारे पर एनडीए में चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अगर चर्चा होती भी तो हम अपने लिए कोई सीट नहीं मांगते. हम सभी की सहमति पर अपनी सहमति दे देते, लेकिन हम लोगों की अनदेखी की गई, यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हम राजद के साथ महागठबंधन में थे, तो वहां भी हमसे बिना कोई बात किए लोग खुद निर्णय ले लेते थे. यही वजह है कि हम महागठबंधन से अलग हो गए. अभी एनडीए में भी एमएलसी चुनाव को लेकर हमसे कोई राय नहीं ली गई.

ये भी पढ़ें: हो गई बगावत! VIP ने बिहार विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर लड़ने का किया एलान

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनने में आया है कि एमएलसी चुनाव में 40 से 50 हजार रुपये लेकर वोट खरीदे जा रहे हैं. हमारे पास ऐसे कोई उम्मीदवार नहीं हैं, जो इतना पैसा दे. विधायक और सांसद के चुनाव में भी हमलोग कोई पैसा खर्च नहीं करते हैं. हमलोग जनता के प्यार से जीतते हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा गरीबों की पार्टी है, ऐसे में अगर हमें एक सीट मिलती भी तो हम चुनाव नहीं लड़ते. क्योंकि हमारी पार्टी पैसे देकर वोट लेने में सक्षम नहीं है. जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे लोग पैसे के माध्यम से वोट बनाने में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: विधान परिषद चुनाव: HAM-VIP की अनदेखी पर मांझी और सहनी को RJD का ऑफर- 'अब NDA छोड़ने का समय आ गया'

वहीं आने वाले बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि बजट में महंगाई को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए. सभी लोग यही उम्मीद रखते हैं कि बजट में सामानों के दाम ना बढ़े, क्योंकि गरीब, मजदूर और मध्यम वर्ग के लोगों के सामने महंगाई आज सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा जीएसटी सहित कई तरह के टैक्स से व्यापारी परेशान हैं. इसलिए हम सरकार से यह मांग करते हैं कि बजट में महंगाई पर कंट्रोल करने की दिशा में काम करें.

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: ...तो क्या मुकेश सहनी को NDA से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है?

मांझी ने कहा कि पूरे देश की बात करें तो बिहार में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यह संभव नहीं है कि सभी को रोजगार दिया जा सके, लेकिन बिहार के युवाओं के नियोजन की प्रक्रिया अविलंब पूरी होनी चाहिए. अभी तरह-तरह की बातें आ रही हैं. सरकार नियोजन में क्या कर रही है? पता नहीं? लेकिन हर हाल में युवाओं को नियोजित करना चाहिए, ताकि युवाओं को रोजगार मिले.

हम अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को मजदूरों के प्रति भी ध्यान देना चाहिए. क्योंकि जो संगठित मजदूर हैं वे तो हड़ताल कर अपनी मांग पूरी करा लेते हैं, लेकिन जो असंगठित हैं, उनकी स्थिति दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है, ऐसी स्थिति में मजदूरों के लिए भी बजट में ध्यान देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनाव: BJP-12, JDU-11 और RLJP एक सीट पर लड़ेगी, HAM और VIP के हाथ खाली

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Jan 31, 2022, 3:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.