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Chaitri Navratri 2023: गया में संकटा माई के मंदिर में भव्य पूजा, श्रद्धालुओं की होती है भारी भीड़ - गया में संकटा माई मंदिर

गया के संकटा माई मंदिर में चैत्र नवरात्रि में काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमती है. यहां माई के मंदिर में दर्शन करने के लिए कई बार लोगों रात के समय से ही लाइन लगाकर तैयार रहते हैं. मान्यता है कि यहां से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता. जानकारी है कि यह मंदिर सिर्फ दो ही जगह पर है. पढ़ें पूरी खबर...

संकटा माई के मंदिर में भव्य पूजा
संकटा माई के मंदिर में भव्य पूजा
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Published : Mar 24, 2023, 9:16 AM IST

गया के संकटा माई मंदिर

गया: बिहार के गया में संकटा माई का मंदिर (Sankata Mai Temple In Gaya) है. जहां नवरात्र के दिनों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. बताया जाता है कि गया में 5 देवी की प्रतिमाएं काफी पौराणिक हैं. जिसमें एक संकटा माई का मंदिर भी है. जानकार लोगों का कहना है कि इस मंदिर में मनुष्यों के अलावे कभी शेर-बाघ भी दंडवत करने आते थे. यहां पर प्रतिमा रामायण कालीन है.गया की पहचान धार्मिक नगरी के रूप में शुरू से ही है. धर्म की इस नगरी में कई प्राचीन देवी देवताओं की प्रतिमाएं लगाई गई है.

ये भी पढे़ं- Chaitra Navratri 2023: तारा माई के दरबार में अटल समेत कई दिग्गज नेता लगा चुके अर्जी, एकांतवास में दिन-रात चलती है आराधना

लखनपुरा गांव में संकटा माई का मंदिर: गया के लखनपुरा में माता संकटा माई का मंदिर है. यह रामायण कालीन है. इस मंदिर के संबंध में कई धार्मिक मान्यताएं हैं. यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं, वह कभी भी यहां से वापस खाली हाथ नहीं लौटते. माता संकटा माई सभी के संकटों को दूर करती है. इस मंदिर में माता की प्रतिमा वर मुद्रा में है. नवरात्रि के दिनों में यहां काफी श्रद्धालुओं की भीङ उमड़ती है.

भगवान लक्ष्मण ने किया प्रतिमा स्थापित: इस मंदिर की काफी धार्मिक महत्व भी बतायी गई है. मां संकटा माई की प्रतिमा को भगवान लक्ष्मण ने स्थापित किया था. मान्यता यह भी है, कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जब वनवास गए तब ही उन पर संकट था. ऐसे में माता भगवती का आह्वान किया गया. माता भगवती के आदेश के बाद लक्ष्मण जी ने संंकटा माई की प्रतिमा की स्थापना की.

हर दिन जलती है अखंड ज्योति: इस मंदिर में एक अखंड ज्योति कई युगों से जल रही है. इस अग्नि का यह लौ आज भी प्रज्वलित है. इस मंदिर की पुजारिन रेशमी देवी बताती है कि यह ज्योति कभी नहीं बुझती है. पुजारिन के अनुसार इस मंदिर की महिमा अपरंपार है. यहां कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

वाराणसी में है संकटा माई का मंदिर: पुजारिन रेशमी देवी के अनुसार संकटा माई का मंदिर देश में दो जगह पर है. एक बनारस में और दूसरा गया जिले के लखनपुरा गांव में स्थित है. बताया जाता है कि रामायण कालीन प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है. यहां मां अपने दरबार से किसी को खाली हाथ नहीं जाने देती. यही वजह है कि यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं. माता संकटा माई के दर्शन करते हैं.

शेर और बाघ भी करते हैं दंडवत: मंदिर की महिमा के अनुसार यहां मनुष्य ही नहीं बल्कि शेर और बाघ भी दंडवत करने के लिए आते थे. बताया जाता है कि लखनपुरा गांव जब जंगल से भरा था तब शेर और बाघ अहले सुबह एक बार आकर यहां माता के सामने दंडवत करते थे. फिर दहाड़ मारकर वापस लौटते थे. इनके द्वारा कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. गांव के लोगों के मुताबिक पूर्वज इस सच्चाई को बताते थे. हालांकि मनुष्य के लिए आज भी लखनपुरा में माता संकटा माई की प्रतिमा आशीर्वाद देती है और उनके संंकट-कष्टों को हरती है.

"संकटा माई का मंदिर देश में दो जगह पर है. एक बनारस में और दूसरा गया जिले के लखनपुरा गांव में स्थित है. बताया जाता है कि रामायण कालीन प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है. यहां मां अपने दरबार से किसी को खाली हाथ नहीं जाने देती".- रेशमी देवी, मंदिर की पुजारिन

गया के संकटा माई मंदिर

गया: बिहार के गया में संकटा माई का मंदिर (Sankata Mai Temple In Gaya) है. जहां नवरात्र के दिनों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. बताया जाता है कि गया में 5 देवी की प्रतिमाएं काफी पौराणिक हैं. जिसमें एक संकटा माई का मंदिर भी है. जानकार लोगों का कहना है कि इस मंदिर में मनुष्यों के अलावे कभी शेर-बाघ भी दंडवत करने आते थे. यहां पर प्रतिमा रामायण कालीन है.गया की पहचान धार्मिक नगरी के रूप में शुरू से ही है. धर्म की इस नगरी में कई प्राचीन देवी देवताओं की प्रतिमाएं लगाई गई है.

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लखनपुरा गांव में संकटा माई का मंदिर: गया के लखनपुरा में माता संकटा माई का मंदिर है. यह रामायण कालीन है. इस मंदिर के संबंध में कई धार्मिक मान्यताएं हैं. यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं, वह कभी भी यहां से वापस खाली हाथ नहीं लौटते. माता संकटा माई सभी के संकटों को दूर करती है. इस मंदिर में माता की प्रतिमा वर मुद्रा में है. नवरात्रि के दिनों में यहां काफी श्रद्धालुओं की भीङ उमड़ती है.

भगवान लक्ष्मण ने किया प्रतिमा स्थापित: इस मंदिर की काफी धार्मिक महत्व भी बतायी गई है. मां संकटा माई की प्रतिमा को भगवान लक्ष्मण ने स्थापित किया था. मान्यता यह भी है, कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जब वनवास गए तब ही उन पर संकट था. ऐसे में माता भगवती का आह्वान किया गया. माता भगवती के आदेश के बाद लक्ष्मण जी ने संंकटा माई की प्रतिमा की स्थापना की.

हर दिन जलती है अखंड ज्योति: इस मंदिर में एक अखंड ज्योति कई युगों से जल रही है. इस अग्नि का यह लौ आज भी प्रज्वलित है. इस मंदिर की पुजारिन रेशमी देवी बताती है कि यह ज्योति कभी नहीं बुझती है. पुजारिन के अनुसार इस मंदिर की महिमा अपरंपार है. यहां कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

वाराणसी में है संकटा माई का मंदिर: पुजारिन रेशमी देवी के अनुसार संकटा माई का मंदिर देश में दो जगह पर है. एक बनारस में और दूसरा गया जिले के लखनपुरा गांव में स्थित है. बताया जाता है कि रामायण कालीन प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है. यहां मां अपने दरबार से किसी को खाली हाथ नहीं जाने देती. यही वजह है कि यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं. माता संकटा माई के दर्शन करते हैं.

शेर और बाघ भी करते हैं दंडवत: मंदिर की महिमा के अनुसार यहां मनुष्य ही नहीं बल्कि शेर और बाघ भी दंडवत करने के लिए आते थे. बताया जाता है कि लखनपुरा गांव जब जंगल से भरा था तब शेर और बाघ अहले सुबह एक बार आकर यहां माता के सामने दंडवत करते थे. फिर दहाड़ मारकर वापस लौटते थे. इनके द्वारा कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. गांव के लोगों के मुताबिक पूर्वज इस सच्चाई को बताते थे. हालांकि मनुष्य के लिए आज भी लखनपुरा में माता संकटा माई की प्रतिमा आशीर्वाद देती है और उनके संंकट-कष्टों को हरती है.

"संकटा माई का मंदिर देश में दो जगह पर है. एक बनारस में और दूसरा गया जिले के लखनपुरा गांव में स्थित है. बताया जाता है कि रामायण कालीन प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है. यहां मां अपने दरबार से किसी को खाली हाथ नहीं जाने देती".- रेशमी देवी, मंदिर की पुजारिन

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