गया: जैसे-जैसे तापमान नीचे गिरता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों को ठंड महसूस हो रही है. ठंड के इस मौसम में भक्तों को ही नहीं बल्कि, 'भगवान को भी ठंड' लग रही है. शहर के जीबी रोड स्थित गौड़िया मठ में ठंड के दस्तक देते ही सभी भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाया गया है. मठ में लगे राधा-कृष्ण, जगणनाथ, बलराम और सुभद्रा की प्रतिमा पर ऊनी वस्त्र और सिर पर ऊनी टोपी पहनाई गई है. श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ हर साल भक्त भगवान को ठंड में ऊनी वस्त्र चढ़ाते हैं.
इस संबंध के मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दासजी ने बताया कि ऐसी परम्परा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. मंदिर में गर्मी के दिनों में एसी चलाया जाता है और ठंड के दिनों में शाम होते ही भगवान को कम्बल और स्वेटर पहनाया जाता है. उन्होंने बताया कि गौड़िया मठ में माघ शीर्ष शुक्ल पक्ष षष्टी से भगवान का गर्म पानी से अभिषेक किया जाता है और गर्म दूध का भोग चढ़ाया जाता है.
'भगवान को ओढ़ाया जाता है कम्बल'
उन्होंने बताया कि इन ऊनी वस्त्रों को विशेष रूप से कोलकाता से मंगाया जाता है. इन वस्त्रों का निर्माण भी गौड़िया सम्प्रदाय के लोग ही करते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि जिस प्रकार मनुष्य को गर्मी में गर्म और ठंड के दिनों में ठंड लगती है. उसी प्रकार भगवान को भी ठंड और गर्मी का एहसास होता है. इसलिए ठंड के दिनों में दिन में भगवान सिर्फ टोपी पहनते हैं और सूर्य ढलते ही उन्हें कंबल ओढ़ाया जाता है.