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गया: महाबोधि मंदिर की सुरक्षा हुई और सख्त, बनाई जा रही है 7 फीट ऊंची शीशे की दीवार

मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार अब लोगों को शीशे की दीवार पर बने गेट से अंदर प्रवेश करना पड़ेगा. एक बार मंदिर में प्रवेश करने के बाद बाहरी लोगें से संपर्क नहीं हो पाएगा.

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Published : Aug 29, 2019, 7:35 PM IST

महाबोधि मंदिर,गया

गया: विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इंट्री प्वाइंट पर शीशे की दीवार बनाई जा रही है. 7 फीट ऊंची और 8 एमएम मोटी यह दीवार बीटीएमसी कार्यालय के पास डीएफएमडी चेकिंग प्वाइंट से लेकर लाल पत्थर पर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक खड़ी की जा रही है.

बढ़ाई जा रही महाबोधि मंदिर की सुरक्षा

बाहर के लोगों से नहीं हो पाएगा संपर्क
मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार अब लोगों को शीशे की दीवार पर बने गेट से अंदर प्रवेश करना पड़ेगा. एक बार मंदिर में प्रवेश करने के बाद बाहरी लोगों से संपर्क नहीं हो पाएगा. शीशे की ऊंची दीवार बनने के बाद सुरक्षा-व्यवस्था अब और भी सख्त हो जाएगी. पहले यहां पर तीन फीट की ग्रिल की बैरिकेटिंग थी. जिस वजह से लोग बाहर रहने वाले लोगों से संपर्क कर सामान का आसानी से आदान-प्रदान कर लेते थे. जिस कारण सुरक्षा व्यवस्था पर हर समय सवाल उठते रहे थे.

बन रही शीशे की दीवार
महाबोधि मंदिर,गया
महाबोधि मंदिर, गया

सुरक्षा को लेकर गंभीर है सरकार
मंदिर पर आंतकी खतरे को देखते हुए सरकार इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है. फिलहाल मंदिर सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएमपी के चार कंपनियों के जिम्मे है. जिसमें 3 बटालियन पुरुष और 1 कंपनी महिला बटालियन और जिला बल की है.

शीशे की दीवार
बन रही शीशे की दीवार

गौरतलब है कि 7 जुलाई 2013 को माहाबोधि मंदिर में कुल 9 सीरियल बम धमाका हुआ था. धमाकों को इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था. धमाकों के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा चाक-चौबंद की जा रही है.

गया: विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इंट्री प्वाइंट पर शीशे की दीवार बनाई जा रही है. 7 फीट ऊंची और 8 एमएम मोटी यह दीवार बीटीएमसी कार्यालय के पास डीएफएमडी चेकिंग प्वाइंट से लेकर लाल पत्थर पर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक खड़ी की जा रही है.

बढ़ाई जा रही महाबोधि मंदिर की सुरक्षा

बाहर के लोगों से नहीं हो पाएगा संपर्क
मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार अब लोगों को शीशे की दीवार पर बने गेट से अंदर प्रवेश करना पड़ेगा. एक बार मंदिर में प्रवेश करने के बाद बाहरी लोगों से संपर्क नहीं हो पाएगा. शीशे की ऊंची दीवार बनने के बाद सुरक्षा-व्यवस्था अब और भी सख्त हो जाएगी. पहले यहां पर तीन फीट की ग्रिल की बैरिकेटिंग थी. जिस वजह से लोग बाहर रहने वाले लोगों से संपर्क कर सामान का आसानी से आदान-प्रदान कर लेते थे. जिस कारण सुरक्षा व्यवस्था पर हर समय सवाल उठते रहे थे.

बन रही शीशे की दीवार
महाबोधि मंदिर,गया
महाबोधि मंदिर, गया

सुरक्षा को लेकर गंभीर है सरकार
मंदिर पर आंतकी खतरे को देखते हुए सरकार इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है. फिलहाल मंदिर सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएमपी के चार कंपनियों के जिम्मे है. जिसमें 3 बटालियन पुरुष और 1 कंपनी महिला बटालियन और जिला बल की है.

शीशे की दीवार
बन रही शीशे की दीवार

गौरतलब है कि 7 जुलाई 2013 को माहाबोधि मंदिर में कुल 9 सीरियल बम धमाका हुआ था. धमाकों को इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था. धमाकों के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा चाक-चौबंद की जा रही है.

Intro:Body:विश्व विख्यात बोधगया महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को व चाक-चौबंद बनाने के को लेकर इंट्री प्वाइंट पर शीशे की दीवार बनाई जा रही है l
यह दीवार बीटीएमसी कार्यालय के पास स्थित डीएफएमडी चेकिंग प्वाइंट से लेकर लाल पत्थर पर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक खड़ी की जायेगी
दीवार बनने के बाद महाबोधि मंदिर परिसर से बाहर निकलने तक किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क होने की संभावना खत्म हो जायेगी और मुकम्मल सुरक्षा भी होगी। दीवार की ऊंचाई सात फुट और आठ एमएम मोटा शीशा होगा।
खाश तौर पर महबोधी मन्दिर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी बिहार मिलिट्री पुलिस की चार कम्पनी को लगाया है तिन कम्पनी ने पुरुष व एक कम्पनी महिला बटालियन व जिला वल की मौजुद रहती है
सुरक्षा की देख रेख करने के लिये एक डीएसपी और एक इस्पेक्टर के अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है
7 जुलाई 2013 को माहाबोधी मन्दिर मे एक के बाद एक 9 सिरियल बम धमाका करके अफरा तफरी मचा दिया गया था
उसके बाद से सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है साथ ही साथ अधिकारीयो के द्वारा हर समय मोनेटट्रिंग किया जाता रहा है
ताकी सुरक्षा मे कोई चूक न हो इसकी पूरी ध्यान रखा जाता है Conclusion:
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