गया(बोधगया) : ज्ञान की भूमि बोधगया में रहने वाला 8 साल का रूद्र प्रताप सिंह आज किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है. कम उम्र में ही योगा और स्केटिंग में स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल के साथ कई मेडल अपने नाम कर लिए हैं. इसके योगा का आसन देख लोग अचंभित हो जाते हैं. रुद्र का ओलंपिक खेलने और देश के लिए गोल्ड मेडल लाने का सपना है.
रुद्र के पिता ही देते हैं ट्रेनिंग
रुद्र प्रताप सिंह की उम्र आठ साल है, लेकिन इसकी मेहनत और जुनून आपको हैरान कर देगी. रूद्र प्रताप योगा के सबसे मुश्किल आसन को यूं ही चुटकियों में कर देता है. रुद्र को कोई प्रोफेशनल तरीके से कोचिंग नहीं देता, बल्कि रुद्र के पिता ही उसे ट्रेनिंग देते हैं.
'योगा में नेशनल खिलाड़ी है रुद्र'
रुद्र के पिता राकेश कुमार बताते है कि रुद्र जब पांच साल का था तब से ही स्केटिंग कर रहा है, डेढ़ साल से योगा कर रहा है. स्केटिंग में स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और ब्राउन मेडल जीता है. वहीं, नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुका है. योगा में ये नेशनल खिलाड़ी है और आगे कई प्रतियोगिता में भाग लेगा. रुद्र ने योगा में नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में दो गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीता है.
'मैं एक निजी विद्यालय में आर्ट टीचर हूं. इसके लिए खेल के संसाधन काफी महंगे होते हैं. लेकिन रुद्र की खुशी के लिए सब करता हूं. मैंने संसाधन तो जुटा दिए हैं, लेकिन गया में अभ्यास करने के लिए जगह नहीं है. सरकार ने कोई संसाधन विकसित नहीं किया है और ना ही रुद्र को सरकारी मदद मिली है'- राकेश कुमार, रुद्र के पिता सह कोच
ओलंपिक मेडल जीतना सपना
वहीं, अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले रुद्र का ओलंपिक खेलने और देश के लिए गोल्ड मेडल लाने का सपना है. रुद्र ने बताया कि उसके पापा ही उसके कोच हैं. आज उन्हीं की दी हुई ट्रेनिंग की बदौलत नेशनल तक खेल लेता हूं.
'तीन साल पहले स्केटिंग करने वाले शु लाकर दिए थे, उसको मैं बेहतर तरीके से चलाने लगा तो पापा बहुत खुश हुए उन्होंने अच्छे वाले स्केटिंग शु लाकर दिए, आज उन्हीं की कोचिंग के बदौलत नेशनल तक खेल लेता हूं. मेरा सपना है कि मैं अपने देश के लिए ओलंपिक में खेलूं और गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन करूं- रुद्र प्रताप सिंह, खिलाड़ी
बता दें कि गया जिले में खेल को लेकर सरकार ने कोई संसाधन विकसित नहीं किए हैं. गया जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान में हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम है, जिसमें जिला ओलंपिक संघ के 16 खेलों के साथ क्रिकेट मैच के अभ्यास भी होते हैं. कम संसाधनों के बावजूद खिलाड़ी खुद को अव्वल लाने के लिए जद्दोजहद करते दिखते हैं.