गया: झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा पर प. बंगाल पुलिस (West Bengal Police) के सहयोग से बड़ी कामयाबी मिली है. आर्मी इंटेलिजेंस की गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कोलकाता से गया जाने वाली बस से बड़ी संख्या में बम बरामद (Bombs Recovered From Bus) किए हैं. इस मामले में दो संदिग्धों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह पूरा मामला गया से जुड़ा है, लेकिन गया पुलिस इस मामले पर गंभीर नहीं दिख रही है. गया की पुलिस अभी तक बस के गंतव्य का पता नहीं लगा पाई है.
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दरअसल, कोलकाता के बाबू घाट से महारानी एक्सप्रेस (2एच 5211) नाम की बस बिहार के गया जा रही थी. इसमें 18 यात्री सवार थे, सूचना पर झारखंड-प. बंगाल की सीमा पर डीबुडीह चेकपोस्ट पर पुलिस ने बस रोका और जांच की. इस बस से पुलिस ने 30 बम बरामद किए. बस में दो काले रंग के बैग में बम रखे हुए थे. बैग में बम रिसीव करने वाले का नाम भी कागज में लिखकर रखा गया था. कोड नम्बर 12461 भी एक पर्ची पर लिखा था.
पर्ची पर बम की कीमत प्रति पीस एक हजार और पांच हजार रुपये एडवांस देने का भी जिक्र किया गया था. पुलिस की मानें तो बैग में करीब 30 देसी बम रखे हुए थे. जिसे कोलकाता से बिहार सप्लाई किया जाना था. बम बिहार के किस जिले में जाना था और इसका किस तरह से उपयोग जाना था. इसका अब तक खुलासा नहीं हो सका है.
हालांकि, सभी बम देसी और जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनाये हुए हैं. इन बमों का उपयोग अक्सर नक्सली और आपसी विवाद में दहशत फैलाने के लिए किया जाता है. गया में इस बम बरामदगी से सीधे तौर पर कनेक्शन हैं, लेकिन गया पुलिस इस मामले में बस जांच करने की बात कहकर टाल दे रही है.
इस मामले में गया में सिटी एसपी राकेश कुमार की नेतृत्व में जांच चल रही है. गया सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि अभी तक बस गंतव्य स्थल स्पष्ट नहीं हुआ है. फिर भी गया पुलिस इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क में है और संभावित बिंदुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है.
बात दें कि पुलिस बैग में रखे पेपर जिस पर रिसीव करने वाले व्यक्ति का नाम लिखा हुआ है, उसके आधार पर जांच पड़ताल कर रही है. इस मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है, जिन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस रिमांड पर ले सकती है. बस में कुल 18 यात्री सवार थे. पुलिस का अनुमान है कि जान बूझकर ज्यादा यात्रियों को बस में नहीं बैठाया गया था.
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