गया: आजादी के सात दशक बाद गया नगर निगम के प्रयास से शहर के पथरीली इलाकों में पानी पहुंचाया गया है. नगर के वारिसनगर धोबिया घाट स्थित वाटर पंपिंग केंद्र का उद्घाटन मेयर गणेश पासवान और डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने किया. इसके बाद उन्होंने दो 40-40 एचपी का मोटर शुरू किया. मोटर चालू होते ही सात दशक बाद पानी के तरस रहे मुहल्ले में पहुंचना शुरु हो गया. वही मोहल्लेवासियों में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी.
पहाड़ी क्षेत्रों में वाटर स्पलाई शुरू
बता दें कि गया शहर में गर्मी की आहट भर से पानी की समस्या पैदा हो जाती थी. इस मुहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा रहता था. मुहल्ले वासियों ने पानी संकट को लेकर कई बार आंदोलन भी किया लेकिन आश्वासन ही मिलता रहा. गया नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर से लोगों ने गुहार लगाया था. गया नगर निगम में पहाड़ी क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए धोबिया घाट पंपिंग केंद्र बनवाया. पंपिंग केंद्र का उद्घाटन मेयर गणेश पासवान और डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने किया. पंपिग केंद्र में स्थित दो वाटर सप्लाई मोटर शुरुआत करते ही शहर के पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की गुलामी खत्म हो जाएगी. वहीं मोहल्लेवासियों में खुशी का ठिकाना नहीं है.
पहाड़ी क्षेंत्रों में तेजी से काम
इस संबंध में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि शहर के कई हिस्सा पहाड़ी क्षेत्र में आते हैं. जहां सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई थी, लेकिन हम सब लगतार उन क्षेत्रों में दौरा कर रहे थे. इस समस्या को दूर करने के लिए संबंधित कई बार निर्देश देने के बाद आज काफी प्रयास के बाद धोबिया घाट में पंपिंग केंद्र का शुभारंभ हुआ. उन्होंने कहा कि कॉटन मिल स्थित बोरिंग कार्य चालू है. करीब 1 सप्ताह के अंदर वहां भी पेयजल की समस्या दूर हो जाएगा. इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय स्थित पंपिंग केंद्र में बोरिंग हो गया है. जहां पानी निकलना शुरू हो गया है.
भूमिगत जल मिलना बड़ी समस्या
गौरतलब है कि गया शहर पथरीला इलाका है यहां भूमिगत जलस्रोत नहीं है. फिर भी गया नगर निगम ने पहाड़ी क्षेत्र से 5 किलोमीटर दूर फल्गु नदी के तट पर पम्पिंग केंद्र बनाया है. पानी के लिए मोटर फल्गु नदी के बीच मे किया गया है. गया में भूमिगत जल मिलना बड़ी समस्या है. वही पानी मिलने के बाद घर- घर पानी पहुंचाना बड़ी दिक्कतें है. इन सभी समस्याओं को निदान कर गया नगर निगम पहाड़ी क्षेत्रों में पानी पहुंचाने में सफल रहा है.