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पितृपक्ष को लेकर गया को भारत बंद से मुक्त रखा गया, विपक्ष ने निकाला सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च

पितृपक्ष को लेकर गया शहर को भारत बंद से मुक्त रखा गया था. हालांकि कई जगहों पर बंद समर्थकों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. यहां बंद का कोई खास असर नहीं रहा.

भारत बंद
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Published : Sep 27, 2021, 6:42 PM IST

गयाः तीन कृषि कानून (Three Farm Laws) के खिलाफ आज किसानों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का एलान किया था. लेकिन शहर में इन दिनों पितृपक्ष के दौरान विभिन्न राज्यों से हजारो पिंडदानी आ रहे हैं. पिंडदानियों को बंद के दौरान असुविधा नहीं हो इसीलिए बन्द समर्थकों ने गया शहर को बंद मुक्त रखा था. हालांकि बंद समर्थकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रतिरोध मार्च निकाला और नारेबाजी की.

ये भी पढ़ेंः 'भारत बंद' का राजधानी में मिलाजुला असर, RJD-कांग्रेस ने की केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

दरअसल सनातन पञ्चाङ्ग के अनुसार पितृपक्ष प्रतिपदा शुरू होते ही गया में देश- विदेश श्रदालु गया जी में पिंडदान करने पहुंचते हैं. इस साल भी भारी संख्या में पिंडदानी गया में पहुंचे हैं. वहीं, भारत बंद के दौरान गया में किसान विरोधी काले कानून को निरस्त कराने, डीजल-पेट्रोल, घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी, कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ विपक्ष के लोग सड़क पर उतरे. बंद समर्थकों ने शहर को बंद से मुक्त रखा था.

जिले में कांग्रेस, राजद और वामदल के नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला. मगध क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता विजय कुमार मिठू ने बताया कि गया पूरे विश्व में अतिथि देवो भवः के लिए प्रसिद्ध है. गया जी में आये पिंडदानी हमारे अतिथि हैं, उन्हें किसी तरह का परेशानी नहीं हो इसके लिए गया शहर को बंद से मुक्त रखा गया है. कांग्रेस जिला इकाई ने जिला के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि पिंडदान के लिए जानेवाले किसी भी वाहन को रोका नहीं जाए.

वामदल की नेत्री रितु वर्णवाल ने कहा कि देश के अन्नदाता किसान बीते दस महीने से लगातार किसान विरोधी कानून को निरस्त कराने की मांग कर रहे हैं. जिसके समर्थन में सभी विपक्षी पार्टी के नेता संसद से सड़क तक लड़ाई रहे हैं. आज किसानों के समर्थन में संपूर्ण भारत बन्द है.

बता दें कि कि गया के मानपुर प्रखण्ड में वामदलों ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया. गुरारू और गुरुआ प्रखण्ड के दोनों बाजारों को राजद समर्थकों ने बन्द कराया. इमामगंज और शेरघाटी में बंद समर्थक सड़क पर उतरे. गया में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला.

ये भी पढ़ेंः पटना में भारत बंद का असर, वामदलों की दिखी सर्वाधिक सक्रियता

रेल यातायात की बात करें तो सुबह 9 बजे तक रेल यातायात सुचारू रूप से संचालित हुआ. वहीं गया-पटना रूट में पैसेंजर ट्रेन को रोकने से पटना-गया रूट पर यातायात थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुई. गया जिले में कोई ट्रेन नहीं रोकी गई.

गयाः तीन कृषि कानून (Three Farm Laws) के खिलाफ आज किसानों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का एलान किया था. लेकिन शहर में इन दिनों पितृपक्ष के दौरान विभिन्न राज्यों से हजारो पिंडदानी आ रहे हैं. पिंडदानियों को बंद के दौरान असुविधा नहीं हो इसीलिए बन्द समर्थकों ने गया शहर को बंद मुक्त रखा था. हालांकि बंद समर्थकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रतिरोध मार्च निकाला और नारेबाजी की.

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दरअसल सनातन पञ्चाङ्ग के अनुसार पितृपक्ष प्रतिपदा शुरू होते ही गया में देश- विदेश श्रदालु गया जी में पिंडदान करने पहुंचते हैं. इस साल भी भारी संख्या में पिंडदानी गया में पहुंचे हैं. वहीं, भारत बंद के दौरान गया में किसान विरोधी काले कानून को निरस्त कराने, डीजल-पेट्रोल, घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी, कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ विपक्ष के लोग सड़क पर उतरे. बंद समर्थकों ने शहर को बंद से मुक्त रखा था.

जिले में कांग्रेस, राजद और वामदल के नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला. मगध क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता विजय कुमार मिठू ने बताया कि गया पूरे विश्व में अतिथि देवो भवः के लिए प्रसिद्ध है. गया जी में आये पिंडदानी हमारे अतिथि हैं, उन्हें किसी तरह का परेशानी नहीं हो इसके लिए गया शहर को बंद से मुक्त रखा गया है. कांग्रेस जिला इकाई ने जिला के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि पिंडदान के लिए जानेवाले किसी भी वाहन को रोका नहीं जाए.

वामदल की नेत्री रितु वर्णवाल ने कहा कि देश के अन्नदाता किसान बीते दस महीने से लगातार किसान विरोधी कानून को निरस्त कराने की मांग कर रहे हैं. जिसके समर्थन में सभी विपक्षी पार्टी के नेता संसद से सड़क तक लड़ाई रहे हैं. आज किसानों के समर्थन में संपूर्ण भारत बन्द है.

बता दें कि कि गया के मानपुर प्रखण्ड में वामदलों ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया. गुरारू और गुरुआ प्रखण्ड के दोनों बाजारों को राजद समर्थकों ने बन्द कराया. इमामगंज और शेरघाटी में बंद समर्थक सड़क पर उतरे. गया में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला.

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रेल यातायात की बात करें तो सुबह 9 बजे तक रेल यातायात सुचारू रूप से संचालित हुआ. वहीं गया-पटना रूट में पैसेंजर ट्रेन को रोकने से पटना-गया रूट पर यातायात थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुई. गया जिले में कोई ट्रेन नहीं रोकी गई.

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