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गयाः 2 साल बाद भी नहीं हुई अमरजीत मौत मामले में कार्रवाई, CBI जांच की मांग

गुजरात के सूरत में हिंदी भाषियों पर हुए हमले में गया के युवक की मौत हो गई थी. घटना के दो साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं है. सूरत पुलिस इसे सड़क हादसा बता रही है.

गया
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Published : Jul 6, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 10:06 PM IST

गया(कोंच): 12 अक्टूबर 2018 को गुजरात के सूरत में गया के रहने वाले अमरजीत की मौत हो गई थी. अमरजीत की मौत को सूरत पुलिस रोड एक्सीडेंट बताती है. जबकि उसके परिजन इसे हत्या मान रहे हैं. घटना के वक्त विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया था और प्रदेश सहित पूरे देश से सीबीआई जांच की मांग उठ रही थी.

दरअसल गया जिले के कोंच थाना क्षेत्र अंतर्गत कौड़िया गांव के निवासी अमरजीत सूरत में फैक्ट्री में काम करता था. 2018 के अक्टूबर में गुजरात मे हिंदी भाषियों पर हुए हमले में उसकी संदेहास्पद मौत हो गई थी.

गया
मृतक के भाई और पिता

2 साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
मृतक के पिता राजदेव सिंह, जोकि बीएसएफ में मेजर के पद से रिटायर्ड हुए हैं, उन्होंने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही वे सूरत गए. शव को देखकर नहीं लग रहा था कि मौत सड़क हादसे में हुई है. उसके शरीर पर चोट के निशान थे. सिर का पिछला हिस्सा बुरी तरह चोटिल था. उन्होंने कहा कि वहां के प्रशासन से बात की गई. लेकिन उन लोगों से कोई सहयोग नहीं मिला. सीएम को पत्र लिख कर घटना से अवगत कराया, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया. तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र लिखा था. वहां से जवाब मिला कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

पेश है रिपोर्ट

सांसद ने दिलाया था जांच का भरोसा
वहीं, मृतक के भाई राकेश कुमार ने बताया मामले का एफआईआर दर्ज कराने थाने गया तो सूरत पुलिस ने भगा दिया था. शव घर पहुंचा तो नेताओं का तांता लग गया था. बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने सीबीआई जांच का भरोसा दिलाया था. इसके लिए उन्होंने गुजरात और बिहार के सीएम को पत्र भी लिखा था, लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है. उन्होंने बताया कि भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव मृतक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं.

गया(कोंच): 12 अक्टूबर 2018 को गुजरात के सूरत में गया के रहने वाले अमरजीत की मौत हो गई थी. अमरजीत की मौत को सूरत पुलिस रोड एक्सीडेंट बताती है. जबकि उसके परिजन इसे हत्या मान रहे हैं. घटना के वक्त विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया था और प्रदेश सहित पूरे देश से सीबीआई जांच की मांग उठ रही थी.

दरअसल गया जिले के कोंच थाना क्षेत्र अंतर्गत कौड़िया गांव के निवासी अमरजीत सूरत में फैक्ट्री में काम करता था. 2018 के अक्टूबर में गुजरात मे हिंदी भाषियों पर हुए हमले में उसकी संदेहास्पद मौत हो गई थी.

गया
मृतक के भाई और पिता

2 साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
मृतक के पिता राजदेव सिंह, जोकि बीएसएफ में मेजर के पद से रिटायर्ड हुए हैं, उन्होंने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही वे सूरत गए. शव को देखकर नहीं लग रहा था कि मौत सड़क हादसे में हुई है. उसके शरीर पर चोट के निशान थे. सिर का पिछला हिस्सा बुरी तरह चोटिल था. उन्होंने कहा कि वहां के प्रशासन से बात की गई. लेकिन उन लोगों से कोई सहयोग नहीं मिला. सीएम को पत्र लिख कर घटना से अवगत कराया, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया. तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र लिखा था. वहां से जवाब मिला कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

पेश है रिपोर्ट

सांसद ने दिलाया था जांच का भरोसा
वहीं, मृतक के भाई राकेश कुमार ने बताया मामले का एफआईआर दर्ज कराने थाने गया तो सूरत पुलिस ने भगा दिया था. शव घर पहुंचा तो नेताओं का तांता लग गया था. बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने सीबीआई जांच का भरोसा दिलाया था. इसके लिए उन्होंने गुजरात और बिहार के सीएम को पत्र भी लिखा था, लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है. उन्होंने बताया कि भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव मृतक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं.

Last Updated : Jul 6, 2020, 10:06 PM IST
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