ETV Bharat / state

गया: विष्णु घाट में चिता की आग नहीं हो रही ठंडी, निगम कर्मी के बजाए डोम राजा शवों का कर रहे हैं दाह संस्कार - विष्णु घाट पर दाह संस्कार

बिहार की धार्मिक नगरी गया में कोरोना से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले चार दिनों में 25 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. जिसके चलते विष्णु घाट पर लगातार शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. वहीं, लापरवाही का आलम यह है कि कोरोना संक्रमितों के शवों का दाह संस्कार निगम कर्मियों के बजाए डोम राजा द्वारा किया जा रहा है.

गया
गया
author img

By

Published : Apr 20, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 10:52 PM IST

गया: मोक्ष नगरी गया में कोरोना से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले चार दिन में 25 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. जिले भर में हुई मौतों के कारण विष्णु घाट पर चिता की आग ठंडी नहीं हो रही है. वहीं, कोरोना से मौत होने पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार किया जाता है. लेकिन गया के विष्णु श्मशान घाट पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मृतकों की अंत्योष्टि नहीं हो रही है. इस दौरान घाट पर ना तो स्वास्थ्य कर्मी दिख रहे हैं और ना ही गया नगर निगम कर्मी. रुपयों की चाहत में अपने जान को जोखिम में डाल कर डोमराजा बिना पीपीई किट पहने कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: बिहार में कोरोना से 24 घंटे में 27 मौतें

नहीं हो रही चिता की आग ठंडी
दरअसल, इन दिनों कोरोना के बढ़ते प्रभाव के वजह हर दिन मौत की संख्या में इजाफा हो रहा है. श्मशान घाट पर हर दिन औसतन 20 शव जलाये जाते हैं. लेकिन इन दिनों संख्या औसतन 40 तक पहुंच गयी है. विष्णु श्मशान घाट पर कोरोना संक्रमित शवों के लिए अलग स्थानों पर शवदाह की व्यवस्था की गयी है. हालात ये हैं कि यहां इन दिनों चिता की आग ठंडी नहीं हो रही है. वहीं, निगम की लापरवाही के चलते बिना कोरोना प्रोटोकॉल के यहां शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. श्मशान घाट पर बिना पीपीई किट के डोम राजा और उनके मुलाजिम शवदाह कर रहे हैं.

नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को ठहराया जिम्मेवार
इस बाबत ईटीवी भारत ने जब गया नगर निगम के आयुक्त सावन कुमार से बात की तो उन्होंने ने बताया कि गया नगर निगम का काम शव का अंत्योष्टि करवाना है. इसके लिए एक अधिकारी के अलावा पांच कर्मी को नियुक्त किया गया है. ये कर्मी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाए गए शव को अंत्योष्टि करने में सहयोग करते हैं. वहीं, शहर में होम आइसोलेट में किसी मरीज की मौत हो जाती है तो गया नगर निगम शव को घर से लाकर अंत्योष्टि करेगी. अंत्योष्टि करने के लिए लावारिस शवों या होम आइसोलेट मृतक जिनका कोई नहीं है. उनके भी दाह संस्कार का पूरा खर्च भी गया नगर निगम उठाती है.

वहीं, परिजनों और डोम राजा को पीपीई किट देने के सवाल पर गया नगर निगम के नगर आयुक्त ने बताया कि यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है. हमारी जिम्मेदारी सिर्फ अपने नगर निगम के कर्मी को सुरक्षित रखने के लिए है.

यह भी पढ़ें:CORONA: बोले डिप्टी CM- नहीं टूटी कोरोना की चेन तो उठाएंगे जरूरी कदम

यह भी पढ़ें:कोरोना से लड़ने के लिए 40 डॉक्टर्स के नंबर जारी, समस्या होने पर यहां करें संपर्क

यह भी पढ़ें:पटना: बाढ़ एनटीपीसी में फैला कोरोना, 29 कर्मचारी संक्रमित

गया: मोक्ष नगरी गया में कोरोना से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले चार दिन में 25 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. जिले भर में हुई मौतों के कारण विष्णु घाट पर चिता की आग ठंडी नहीं हो रही है. वहीं, कोरोना से मौत होने पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार किया जाता है. लेकिन गया के विष्णु श्मशान घाट पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मृतकों की अंत्योष्टि नहीं हो रही है. इस दौरान घाट पर ना तो स्वास्थ्य कर्मी दिख रहे हैं और ना ही गया नगर निगम कर्मी. रुपयों की चाहत में अपने जान को जोखिम में डाल कर डोमराजा बिना पीपीई किट पहने कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: बिहार में कोरोना से 24 घंटे में 27 मौतें

नहीं हो रही चिता की आग ठंडी
दरअसल, इन दिनों कोरोना के बढ़ते प्रभाव के वजह हर दिन मौत की संख्या में इजाफा हो रहा है. श्मशान घाट पर हर दिन औसतन 20 शव जलाये जाते हैं. लेकिन इन दिनों संख्या औसतन 40 तक पहुंच गयी है. विष्णु श्मशान घाट पर कोरोना संक्रमित शवों के लिए अलग स्थानों पर शवदाह की व्यवस्था की गयी है. हालात ये हैं कि यहां इन दिनों चिता की आग ठंडी नहीं हो रही है. वहीं, निगम की लापरवाही के चलते बिना कोरोना प्रोटोकॉल के यहां शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. श्मशान घाट पर बिना पीपीई किट के डोम राजा और उनके मुलाजिम शवदाह कर रहे हैं.

नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को ठहराया जिम्मेवार
इस बाबत ईटीवी भारत ने जब गया नगर निगम के आयुक्त सावन कुमार से बात की तो उन्होंने ने बताया कि गया नगर निगम का काम शव का अंत्योष्टि करवाना है. इसके लिए एक अधिकारी के अलावा पांच कर्मी को नियुक्त किया गया है. ये कर्मी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाए गए शव को अंत्योष्टि करने में सहयोग करते हैं. वहीं, शहर में होम आइसोलेट में किसी मरीज की मौत हो जाती है तो गया नगर निगम शव को घर से लाकर अंत्योष्टि करेगी. अंत्योष्टि करने के लिए लावारिस शवों या होम आइसोलेट मृतक जिनका कोई नहीं है. उनके भी दाह संस्कार का पूरा खर्च भी गया नगर निगम उठाती है.

वहीं, परिजनों और डोम राजा को पीपीई किट देने के सवाल पर गया नगर निगम के नगर आयुक्त ने बताया कि यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है. हमारी जिम्मेदारी सिर्फ अपने नगर निगम के कर्मी को सुरक्षित रखने के लिए है.

यह भी पढ़ें:CORONA: बोले डिप्टी CM- नहीं टूटी कोरोना की चेन तो उठाएंगे जरूरी कदम

यह भी पढ़ें:कोरोना से लड़ने के लिए 40 डॉक्टर्स के नंबर जारी, समस्या होने पर यहां करें संपर्क

यह भी पढ़ें:पटना: बाढ़ एनटीपीसी में फैला कोरोना, 29 कर्मचारी संक्रमित

Last Updated : Apr 20, 2021, 10:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.