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गया: फ्रांस की महिला ने अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मनाया जन्मदिन, चीफ गेस्ट बने 'द कैनाल मैन'

फ्रांस की महिला जेने पेरे उर्फ मम्मी जी ने गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र इमामगंज में अपना 80वां जन्मदिन मनाया. 'द कैनाल मैन' के नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुइयां जन्मदिन के लिए आयोजित कार्यक्रम के चीफ गेस्ट बने.

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Published : Nov 26, 2020, 10:27 AM IST

गया: अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में फ्रांस की महिला जेने पेरे उर्फ मम्मी जी ने अपना 80वां जन्मदिन मनाया. जन्मदिन के कार्यक्रम में 'द कैनाल मैन' नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुइयां को चीफ गेस्ट बनाया गया. जेने पेरे ने कहा कि नक्सली भी इंसान हैं. उनमें मानवता है. मैं भगवान बुद्ध का संदेश लेकर आई हूं. मुझे डर नहीं लगता.

गरीबों के बीच मनाया जन्मदिन
बोधगया में 80 वर्षीय जेने पेरे गरीब बच्चों के बीच 20 साल से शिक्षा की अलख जगा रहीं हैं. गया और उसके आसपास के क्षेत्र में जेने पेरे को लोग मम्मी जी के नाम से जानते हैं. वह सैकड़ों बच्चों को हॉस्टल में नि:शुल्क रखकर शिक्षा देती हैं. उन्होंने जन्मदिन अति नक्सल प्रभावित इलाके इमामगंज प्रखण्ड के छकरबन्धा पंचायत के विनायक गांव में गरीबों के बीच मनाया. मम्मी जी द्वारा जन्मदिन मनाने से इलाके में उत्सवी माहौल बन गया.

देखें रिपोर्ट

रियल हीरो हैं लौंगी भुइयां
जेने पेरे ने कहा "मैं अपना जन्मदिन ऐसी जगह मनाना चाहती थी जहां लोगों को खुशी मिले. मैं इस गांव में आकर खुश हूं और गांव वाले भी खुश हैं. मेरे जन्मदिन पर मुख्य अतिथि के रूप में 'द कैनाल मैन' नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुइयां शामिल हुए. वह एक रियल हीरो हैं.

Gaya
जन्मदिन के कार्यक्रम के दौरान लौंगी भुइयां को सम्मानित करतीं जेने पेरे.

"मैं नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी मर्जी से आई हूं. मैं भगवान बुद्ध द्वारा बताए गए रास्ते पर चलती हूं. इसलिए निडर रहती हूं. मैं कोई बड़ा आबंडर नहीं हूं, सामान्य महिला हूं. गरीबों की सेवा और मानवता का काम कर रही हूं. नक्सली भी इंसान हैं, उनके अंदर मानवता है. जिस दिन उनकी मानवता जागी वे हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा में प्रवेश कर जाएंगे."- जेने पेरे

गया: अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में फ्रांस की महिला जेने पेरे उर्फ मम्मी जी ने अपना 80वां जन्मदिन मनाया. जन्मदिन के कार्यक्रम में 'द कैनाल मैन' नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुइयां को चीफ गेस्ट बनाया गया. जेने पेरे ने कहा कि नक्सली भी इंसान हैं. उनमें मानवता है. मैं भगवान बुद्ध का संदेश लेकर आई हूं. मुझे डर नहीं लगता.

गरीबों के बीच मनाया जन्मदिन
बोधगया में 80 वर्षीय जेने पेरे गरीब बच्चों के बीच 20 साल से शिक्षा की अलख जगा रहीं हैं. गया और उसके आसपास के क्षेत्र में जेने पेरे को लोग मम्मी जी के नाम से जानते हैं. वह सैकड़ों बच्चों को हॉस्टल में नि:शुल्क रखकर शिक्षा देती हैं. उन्होंने जन्मदिन अति नक्सल प्रभावित इलाके इमामगंज प्रखण्ड के छकरबन्धा पंचायत के विनायक गांव में गरीबों के बीच मनाया. मम्मी जी द्वारा जन्मदिन मनाने से इलाके में उत्सवी माहौल बन गया.

देखें रिपोर्ट

रियल हीरो हैं लौंगी भुइयां
जेने पेरे ने कहा "मैं अपना जन्मदिन ऐसी जगह मनाना चाहती थी जहां लोगों को खुशी मिले. मैं इस गांव में आकर खुश हूं और गांव वाले भी खुश हैं. मेरे जन्मदिन पर मुख्य अतिथि के रूप में 'द कैनाल मैन' नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुइयां शामिल हुए. वह एक रियल हीरो हैं.

Gaya
जन्मदिन के कार्यक्रम के दौरान लौंगी भुइयां को सम्मानित करतीं जेने पेरे.

"मैं नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी मर्जी से आई हूं. मैं भगवान बुद्ध द्वारा बताए गए रास्ते पर चलती हूं. इसलिए निडर रहती हूं. मैं कोई बड़ा आबंडर नहीं हूं, सामान्य महिला हूं. गरीबों की सेवा और मानवता का काम कर रही हूं. नक्सली भी इंसान हैं, उनके अंदर मानवता है. जिस दिन उनकी मानवता जागी वे हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा में प्रवेश कर जाएंगे."- जेने पेरे

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