गया: बिहार के गया (Gaya) जिले में सैंकड़ों परिवारों ने अंधविश्वास के चक्कर में आकर धर्म परिवर्तन (Religion Conversion) करा लिया है. अब ऐसे परिवारों को घर वापसी लाने की तैयारी चल रही है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) इन महादलित टोलों में दौरा करेंगे. वहीं हिन्दू जागरण मंच 25 जुलाई को कई परिवारों का घर वापसी कराएगा.
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बता दें कि जिले से सटे नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोला, वाजितपुर और बेलवाटांड़ में कई परिवारों ने अंधविश्वास के चक्कर में आकर धर्म परिवर्तन करा लिया है. आषाढ़ी पूजा के बाद धर्मांतरण का मामला प्रकाश में आया. उसके बाद आरएसएस से जुड़े संगठन लगातार धर्मांतरण हुए परिवारों से मिल रहे हैं. संगठन सरल स्वभाव से घर वापसी के लिए लोगों को मना रहे हैं.
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धर्मांतरण मामले को लेकर हिन्दू जागरण मंच (Hindu Jagran Manch) के सदस्यों ने गांव का दौरा किया. ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें हिंदू धर्म के बारे में जानकारी दी. इस बैठक में कई परिवारों ने 25 जुलाई को घर वापसी के लिए सहमति जताई. बता दें कि इस मामले को लेकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया था.
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'धर्मांतरण की बातें सामने आ रही हैं. इस पर हमलोग गंभीर है. मैं भी दलित हूं. धर्मांतरण करने की क्या वजह है, मैं जानता हूं. अगर अंधविश्वास से जुड़ा मामला होगा तो उनकी स्वेच्छा है. किसी भी धर्म को लेकर रोक-टोक नहीं है. लेकिन सरकार के विकास कार्यों की कमी या उपेक्षा से वो धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. इसे लेकर हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी खुद जाकर लोगों से मिलेंगे. हम पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो गरीबों के लिए सरकार के साथ रहकर लड़ती है.' -नंदलाल मांझी, राष्ट्रीय सचिव, हम पार्टी
बता दें कि गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव के सटे कई दलित बस्तियों में पिछले 15 सालों से हिंदू धर्म को इसाई धर्म में परिवर्तन करवाया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड रिपोर्ट पर जाकर पूरी सच्चाई का पड़ताल किया तो पता चला कि अंधविश्वास के आड़ में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.
धर्मांतरण का खुलासा धान रोपणी के पहले आषाढ़ी पूजा में हुआ था. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हो पाई तो अन्य समाज के लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली. तब जाकर पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.