गया: बिहार के गया में छठ पूजा (Chhath Puja in Gaya) के आखिरी दिन लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन किया. इस दौरान बौधगया के घाटों पर भारतीय सनातन धर्म की संस्कृति से प्रभावित हुए विदेशी मेहमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देते नजर आए. बोधगया के घाट पर भारतीय पारंपरिक वेशभूषा में विदेशी मेहमानों का एक दल पहुंचा. जिसने छठ पूजा के मौके पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर इस त्यौहार को उत्साह के साथ मनाया.
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एक महीने के लिए आए हैं ये विदेशी मेहमान: बता दें कि यह विदेशी महिलाएं पहली बार इंडिया पहुंची हैं और यहां की संस्कृति से काफी प्रभावित हैं. यह छठ पर्व को लेकर काफी उत्सुक दिखी और हर जानकारी लेती रही. पर्व की पवित्रता, शुद्धता और लोगों की भगवान सूर्य के प्रति आस्था से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने भी बोधगया में छठ घाट पर पहुंच, व्रतियों के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.
इटली और जर्मनी से पहुंची हैं: यह विदेशी महिलाएं इटली और जर्मनी से पहुंची हैं. रविवार को यह बोधगया में छठ घाट पर भारतीय वेशभूषा में पारंपरिक साड़ियां पहनकर पहुंची और उन्होंने अर्घ्य दिया. उनका कहना है कि वे काफी प्रभावित हैं और भारतीय संस्कृति के बारे में सब कुछ जानना चाहती हैं. वहीं विदेशी मेहमानों को छठ घाट पर देखकर लोगों की उत्सुकता भी काफी बढ़ी हुई थी और स्थानीय लोग इसे आश्चर्य के रूप में देख रहे थे. वहीं, भगवान भास्कर को अर्घ्य देते वक्त विदेशी महिलाएं काफी खुश दिख नजर आई.
"मैं यहां ककी संस्कृति से काफी प्रभावित हूं और भारतीय संस्कृति के बारे में सब कुछ जानना चाहती हूं. मुझे यहां आकर काफी काफी अच्छा लगा, मैने भी सभी के साथ मिलकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया."-इलस, विदेशी महिला
भोजन के बाद खत्म करते हैं 36 घंटे का व्रत: छठ में पारण कब करें? तो छठ घाट से लौटने के बाद साफ-सफाई के साथ भोजन बनाया जाता है. इस भोजन को खाकर परवैतिन अपना व्रत खत्म करती हैं, जिसे पारण कहा जाता है. थोड़ा सा प्रसाद खाकर भी व्रत खोला जा सकता है. इस तरह 36 घंटों के उपवास के बाद परवैतिन का व्रत पूरा होता है. सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल देने वाले इस महापर्व पर लोगों की आस्था इतनी गहरी होती जा रही है कि दूसरे धर्म, भाषा और राज्य के लोग भी इसे करने लगे हैं.
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