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न नदी का जलस्तर बढ़ा..न हुई बारिश..फिर भी डूब गई धर्मनगरी

बिहार की धर्मनगरी गया (Gaya) में लोग बाढ़ से तबाह हैं. बाईपास रोड और माड़नपुर क्षेत्र के कई मुहल्ले इसकी चपेट में है. लेकिन इस बाढ़ की वजह नदियों का बढ़ता जलस्तर या भारी बारिश नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

flood in gaya
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Published : Aug 10, 2021, 10:11 PM IST

गया: बिहार के गया में 2016 के बाद इस साल बाढ़ (Gaya Flood) की स्थिति बनी है. गया शहर के बाईपास रोड और माड़नपुर क्षेत्र के कई मुहल्ले इस बाढ़ के चपेट में आ गए हैं. हालांकि इस बाढ़ के पीछे नदी का जलस्तर बढ़ना या भारी बारिश नहीं है बल्कि नाले पर अतिक्रमण और सफाई नहीं होने के कारण नाले (Mansarwa Drain In Gaya) का पानी बाढ़ का रूप ले चुका है.

यह भी पढ़ें- गया में बाढ़ के पानी ने किया बुरा हाल, जान जोखिम में डालकर जनाजा को पहुंचाया गया कब्रिस्तान

दरअसल, गया शहर के दक्षिणी छोर माड़नपुर बायपास के नजदीक बसे तीन मुहल्ले के लोग एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं. जिले में लगातार हो रही बारिश से नैली पंचायत के बेलवाटांड़ आहार बांध का टूटना और मनसरवा नाला पर पूरी तरह से अतिक्रमण हो जाने के कारण अशोक विहार कॉलोनी पंतनगर सहित तीन मोहल्लों में बाढ़ आ गया है.

साल 2016 के बाढ़ का दंश हम नहीं भूल पाए हैं. इस साल उसी तरह के बाढ़ जैसे हालात हैं. अगर एक दिन जोरदार बारिश होती है तो तीन मुहल्ले के लोगों को फर्स्ट फ्लोर छोड़ना पड़ेगा क्योंकि पानी इतनी ऊंचाई तक चढ़ जाएगा. 2016 में इन तीन मुहल्ले में हर घर मे लाखों का सामान बर्बाद हुआ था. इस साल गया नगर निगम की लापरवाही और अतिक्रमण से जो हालात बन रहे है, वो काफी भयावह हैं- अनिल कुमार,स्थानीय निवासी

पहले मनसरवा नाले की चौड़ाई 70 फीट थी. भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर नाले की चौड़ाई कहीं दस तो कहीं 5 फीट कर दी गई है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी और लोगों की परेशानी किस हद तक बढ़ जाएगी, उसकी तो कल्पना भी कर पाना मुश्किल है. नाले के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

देखें वीडियो

बाढ़ और मनसरवा नाला की सफाई नहीं होना ये सारी बातें अफवाह हैं. मनसरवा नाला की सफाई हुई है और बाढ़ जैसे हालात नहीं है. मनसरवा नाला से क्षमता से अधिक पानी आ रहा है. ऐसे में पानी निकलने में वक्त लग रहा है. जहां भी मशीन या मैनपावर की जरूरत है, वहां गया नगर निगम तत्पर है.- सावन कुमार, आयुक्त, गया नगर निगम

गया शहर के दो मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति हो गयी है. मैं लगातार नगर आयुक्त के संपर्क में हूं. एक से दो दिन में पानी निकल जायेगा. मैंने भी उनको निर्देश दिया है कि कही भी अतिक्रमण हटाने की जरूरत हो तो उसे हटाये या अन्य जरूरत हो तो उसे पूरा करें. मुझे उम्मीद है कि एक से दो दिन में पानी निकल जायेगा.- अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी

गौरतलब है कि साल 2016 में बाईपास इलाके में हुए जल जमाव की समस्या के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उस इलाके का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान जलजमाव वाले पंतनगर,अशोक विहार और मधुसूदन कॉलोनी में लोगों की पीड़ा देख उन्होंने तत्कालीन डीएम कुमार रवि से जलजमाव का मुख्य कारण मनसरवा नाला को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया था. लेकिन 5 साल बीत जाने के बावजूद आज तक सीएम के निर्देश का पालन गया जिला प्रशासन और गया नगर निगम नहीं कर सकी है.

यह भी पढ़ें- Patna Flood: बाढ़ के पानी से मोरहर नदी पर बना पुल टूटा, 12 गांवों का कटा संपर्क

यह भी पढ़ें- भागलपुर विश्वविद्यालय के टिलहाकोठी पहुंचे सैकड़ों बाढ़ प्रभावित परिवार, हर साल होता है यही हाल

गया: बिहार के गया में 2016 के बाद इस साल बाढ़ (Gaya Flood) की स्थिति बनी है. गया शहर के बाईपास रोड और माड़नपुर क्षेत्र के कई मुहल्ले इस बाढ़ के चपेट में आ गए हैं. हालांकि इस बाढ़ के पीछे नदी का जलस्तर बढ़ना या भारी बारिश नहीं है बल्कि नाले पर अतिक्रमण और सफाई नहीं होने के कारण नाले (Mansarwa Drain In Gaya) का पानी बाढ़ का रूप ले चुका है.

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दरअसल, गया शहर के दक्षिणी छोर माड़नपुर बायपास के नजदीक बसे तीन मुहल्ले के लोग एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं. जिले में लगातार हो रही बारिश से नैली पंचायत के बेलवाटांड़ आहार बांध का टूटना और मनसरवा नाला पर पूरी तरह से अतिक्रमण हो जाने के कारण अशोक विहार कॉलोनी पंतनगर सहित तीन मोहल्लों में बाढ़ आ गया है.

साल 2016 के बाढ़ का दंश हम नहीं भूल पाए हैं. इस साल उसी तरह के बाढ़ जैसे हालात हैं. अगर एक दिन जोरदार बारिश होती है तो तीन मुहल्ले के लोगों को फर्स्ट फ्लोर छोड़ना पड़ेगा क्योंकि पानी इतनी ऊंचाई तक चढ़ जाएगा. 2016 में इन तीन मुहल्ले में हर घर मे लाखों का सामान बर्बाद हुआ था. इस साल गया नगर निगम की लापरवाही और अतिक्रमण से जो हालात बन रहे है, वो काफी भयावह हैं- अनिल कुमार,स्थानीय निवासी

पहले मनसरवा नाले की चौड़ाई 70 फीट थी. भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर नाले की चौड़ाई कहीं दस तो कहीं 5 फीट कर दी गई है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी और लोगों की परेशानी किस हद तक बढ़ जाएगी, उसकी तो कल्पना भी कर पाना मुश्किल है. नाले के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

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बाढ़ और मनसरवा नाला की सफाई नहीं होना ये सारी बातें अफवाह हैं. मनसरवा नाला की सफाई हुई है और बाढ़ जैसे हालात नहीं है. मनसरवा नाला से क्षमता से अधिक पानी आ रहा है. ऐसे में पानी निकलने में वक्त लग रहा है. जहां भी मशीन या मैनपावर की जरूरत है, वहां गया नगर निगम तत्पर है.- सावन कुमार, आयुक्त, गया नगर निगम

गया शहर के दो मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति हो गयी है. मैं लगातार नगर आयुक्त के संपर्क में हूं. एक से दो दिन में पानी निकल जायेगा. मैंने भी उनको निर्देश दिया है कि कही भी अतिक्रमण हटाने की जरूरत हो तो उसे हटाये या अन्य जरूरत हो तो उसे पूरा करें. मुझे उम्मीद है कि एक से दो दिन में पानी निकल जायेगा.- अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी

गौरतलब है कि साल 2016 में बाईपास इलाके में हुए जल जमाव की समस्या के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उस इलाके का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान जलजमाव वाले पंतनगर,अशोक विहार और मधुसूदन कॉलोनी में लोगों की पीड़ा देख उन्होंने तत्कालीन डीएम कुमार रवि से जलजमाव का मुख्य कारण मनसरवा नाला को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया था. लेकिन 5 साल बीत जाने के बावजूद आज तक सीएम के निर्देश का पालन गया जिला प्रशासन और गया नगर निगम नहीं कर सकी है.

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