गया: मोक्ष की धरती कहे जाने वाले गया के विष्णुपद मंदिर में में देश-विदेश से श्रद्धालु पिंडदान करने आते हैं. हर रोज यहां लगभग 2 हजार श्रद्धालु मंदिर में पिंडदान करते हैं. पिंडदान में उपयोग हुए सामग्री को नगर निगम कचरा में डाल देता था लेकिन अब इसी कचरे का रिसाइक्लिंग कर नगर निगम जैविक खाद बनाएगा.
आधुनिक युग में कचरा प्रबंधन बड़ी समस्या बन गई है. शहर के बाहरी इलाकों में कचरे का पहाड़ बना रहता है. दुनिया के कई देश कचरे का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन भारत अभी कचरा प्रबंधन के क्षेत्र काफी पीछे है. हालांकि इधर कुछ सालो में प्रशासन की तरफ से इस दिशा में कार्य शुरू किया है. गया नगर निगम ने भी अच्छी पहल करते हुए विष्णुपद मंदिर से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद बनाने का फैसला लिया है.
5 ग्रीन कंपोस्टर लगाये गये हैं
विष्णुपद मंदिर व अक्षयवट में अब कचरे से जैविक खाद बनेगा. इसके लिए विष्णुपद मंदिर परिसर में तीन और अक्षयवट परिसर में दो ग्रीन कंपोस्टर लगाए गए हैं.एक कंपोस्टर 500 किलो कचरे से 24 घंटे में 100 किलो जैविक खाद तैयार करेगा. इस मशीन में प्लास्टिक कचरा का उपयोग नहीं होगा. पिंडदान के सामग्री और पूजा के सामग्री से जैविक खाद बनेगा. इंडियन ऑयल ने सीएसआर के तहत 5 ग्रीन कंपोस्टर 53 लाख के लागत से लगाये गये हैं.
नगर निगम को होगा आर्थिक लाभ
नगर निगम के सफाई कर्मचारी ने बताया कि जैविक खाद अधिक मात्रा में तैयार होने से व कम कीमत में मिलने से लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे लोगों को रसायनिक खाद और प्रदूषण से भी छुटकारा मिलेगा. पहले कचरे से खाद बनाने में 45 दिन का समय लगता था अब वह एक दिन में तैयार हो जाएगा. इससे आसपास का इलाके भी साफ रहेंगे. साथ ही खाद तैयार होने से नगर निगम को आर्थिक लाभ भी मिलेगा. ग्रीन कंपोस्टर के जरिए तैयार किया जाने वाला जैविक खाद ₹6 प्रति किलो की दर से नगर निगम बेचेगा. एसआईपी (स्वच्छ आईकॉनिक प्लेस) के तहत बिहार में यह पहला धार्मिक स्थल है जिसका चयन कर इस तरह की मशीन लगाई गई है.
24 घंटे में तैयार होगा खाद
नगर आयुक्त ने बताया कि पितृपक्ष मेले के दौरान काफी संख्या में पिंडदान किया जाता है. पिंडदान में प्रयोग में आने वाले अनाज, पूजा के सामग्री व अन्य गीले कचरे एकत्रित किये जाते हैं. इसे नैली और जीआरडीए के परिसर में भेजा जाता था. मशीन लगने से नगर निगम को कचरे को ढ़ोने का खर्च बचेगा. साथ ही 24 घंटे में जैविक खाद तैयार हो जाने से निगम को आमदनी होगा. इसका पूरा संचालन नगर निगम करेगा. पंडा समाज ने नगर निगम के इस कार्य को खूब सराहा है. उनका कहना है कि यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. यहाँ कचरा का समुचित व्यवस्था ना देखकर उन्हें उदासी होती थी. इस मशीन के आने से मंदिर में साफ-सफाई दिखेगा.