गया: बिहार के गया में कुछ किसानों ने बड़े सपने बुने थे, कुछ चुनिंदा किसानों ने पहली दफा मोती की खेती शुरू की थी. सपना बड़ा था अच्छी आमदनी की पूरी उम्मीद थी, लेकिन अरमान पूरे होने से पहले ही चकनाचूर हो गए. दरअसल गया के जिन किसानों ने मोती की खेती करनी शुरू की थी. उनके इस खेती में सीप के रूप में डाली गई फसल में कीड़े लग गए. ऐसे में उन्हें भारी क्षति का सामना करना पड़ रहा है.
पारंपरिक खेती से हटकर शुरू की थी मोती की खेती: कुछ किसानों ने पारंपरिक खेती जैसे धान-गेहूं को छोड़कर मोती की खेती शुरू की थी. किसानों की इस मोती की खेती को देखकर अन्य किसान भी इसके बारे में जानकारियां ले रहे थे और इसे करने की सोच रहे थे. हालांकि जिन चुनिंदा किसानों ने मोती की खेती करनी शुरू की उनके ही सपने चकनाचूर हो गए. उनके मोती की खेती में लगाए गए सीप में कीड़े लग गए. कीड़े लगने से सीप में ऑपरेशन कर डाले गए लेकिन सांचा मोती बनने से पहले ही बेकार हो गए.
पांच से छह लाख की हुई क्षति: नैली के रहने वाले किसान उदय कुमार ने भी मोती की खेती की थी. उन्हें अच्छी आमदनी की पूरी उम्मीद थी. डेढ़ साल पहले मोती की खेती करनी शुरू की थी. ऑपरेशन कर सीप में सांचा डाला गया था. हाॅज नुमा छोटे-छोटे तालाब जैसे बनाए गए थे. सब कुछ ठीक चल रहा था. वहीं इसी बीच अचानक से सीप में कीड़े लगने शुरू हो गए. सीप का मुंह कीड़े से खुल गया और फिर इस तरह सारी फसल बर्बाद हो गई. उदय कुमार बताते हैं कि उन्होंने कोलकाता से 4000 सीप लाकर मोती की खेती की शुरुआत की थी जो बर्बाद हो गए हैं. 500 सीप बचे हैं, वह भी धीरे-धीरे बर्बाद होते जा रहे हैं. ऐसे में उन्हें लाखों की क्षति हुई है.
"मेरे साथ कई और किसानों ने भी मोती की खेती शुरू की थी. हालांकि उनका भी यही हश्र हुआ है. हम लोगों ने व्हाट्सएप ग्रुप से एक दूसरे से मोती की खेती के बारे में जानकारियों का आदान-प्रदान किया, लेकिन धीरे-धीरे सभी की मोती की फसल बर्बाद होने की बात सामने आई. गया के कई किसानों के मोती की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है."- उदय कुमार, किसान
किस्मत ने नहीं, ट्रेनर ने दिया धोखा: किसानों का आरोप है कि उन्हें किस्मत ने नहीं बल्कि ट्रेनर ने धोखा दिया है. आशंका है कि हरियाणा में प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर ने मोती की खेती करने की ट्रेनिंग देने का व्यवसाय शुरू किया था. वह पूरी तरह से ट्रेंड नहीं थे. हरियाणा में उनकी ट्रेनिंग हुई थी, लेकिन कीड़े के बारे में नहीं बताया गया था. कहीं न कहीं हमसे यह बात छुपा दी, जिसके कारण हम किसान ठगी के शिकार हो गए और उनकी मोती की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई.