गया: जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र में पांच वर्षों बाद बड़ा खुलासा हुआ है. जहां, दिनदहाड़े लूट और अपहरण मामले में एनसीबी के आठ अधिकारी संलिप्त पाए गए हैं. वर्ष 2015 में काहूदाग गांव निवासी कौशल्या देवी के मकान में दिनदहाड़े चोरी हुई थी. इस दौरान तीन लोगों का अपहरण भी कर लिया गया था. घटना में एक बोलेरो, बैंक पासबुक, जेवरात और अन्य सामानों की दिनदहाड़े चोरी को अंजाम दिया गया था.
गौरतलब है कि गया जिला प्रशासन ने गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है. इसके बाद एनसीबी के अधिकारी जांच के लिए गया पहुंचे हैं. जो लोग फरार हैं, उनके घर पुलिस ने कुर्की-जब्ती के लिए इश्तेहार भी चस्पा कर दिया है. डकैती और अपहरण मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों पर अब कार्रवाई होने जा रहा है. इस पूरे मामले में 11 लोगों के नाम शामिल हैं. अब पुलिस इनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की तैयारी में है.
नामजद प्राथमिकी दर्ज
मामले का उद्भेदन जिले के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने की थी. मनु महाराज ने चौपारण टॉल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो उन्हें कुछ सुराग मिला, इसके बाद जांच को सही दिशा और गति मिली. उसके बाद झारखंड नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उच्चाधिकारीयों व सिपाहियों का नाम आया. इसी क्रम में कांड संख्या 448-15 में पर्यवेक्षण प्रतिवेदन के आधार पर धारा 452, 386, 395, 364, 504, 34 भादवि के अंतर्गत नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई.
'एनसीबी ऑफिसर के खिलाफ मिले पुख्ता सबूत'
मामले में पीड़िता कौशल्या देवी ने बताया कि मुझे बाराचट्टी थाना में बुलाया गया था. अब मुझसे बयान बदलने का दबाव बनाया जा रहा है. सादे कागज पर अंगूठे का निशान लगाने को कहा जा रहा है. मामले में गया सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में बाराचट्टी थाना क्षेत्र में लूटपाट की घटना घटी थी. जिसमें अज्ञात के खिलाफ बाराचट्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अनुसंधान के क्रम में परत-दर-परत सच्चई सामने आई और 11 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई. घटना में शामिल 11 लोगों में से 8 एनसीबी के ऑफिसर थे. अनुसंधान में इनके खिलाफ पुख्ता सबूत भी मिले हैं.