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Lockdown Effect: महाबोधि मंदिर की आय पर पड़ा असर, पहले के दान के पैसे से लग रहा भोग

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का असर बिहार के बोधगया में महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में भी देखने को मिला है. मार्च 2020 से ही विदेशी श्रद्धालु मंदिर नहीं आए हैं, जिसकी वजह से मंदिर की दान पेटी खाली है. देखिए ये रिपोर्ट.

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Published : Jul 3, 2021, 8:50 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 10:05 PM IST

गया
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गया: कोरोना काल (Corona Period) में आम इंसान के साथ-साथ भगवान को भी नुकसान हो रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) ने सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है. मंदिर बंद होने से मंदिरों में दान नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से भगवान को भोग लगाने के लिए दान में आए पहले के पैसों उपयोग किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Lockdown Effect: बोधगया में कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग तबाह, अब तक 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में पिछले साल से विदेशी श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. जिसकी वजह से मंदिर की दान पेटी खाली है. महाबोधि मंदिर की आय पर भी भारी असर पड़ा है. दरअसल, महाबोधि मंदिर कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए साल 2020 के मार्च माह में बंद कर दिया गया था. उसके बाद 16 जुलाई को फिर से बंद कर दिया गया था. उसके बाद साल 2021 में अप्रैल माह में बिहार में लॉकडाउन लागू होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था, जो आज तक बंद है.

महाबोधि मंदिर
महाबोधि मंदिर

डेढ़ साल में 3 महीने के लिए खुला मंदिर
मुश्किल से मंदिर इन डेढ़ साल में तीन माह के लिए खुला था. इसके बावजूद भी मंदिर की दान पेटी खाली है, क्योंकि अंतराष्ट्रीय उड़ानें बंद थी. जिसकी वजह से विदेशी श्रद्धालु महाबोधि मंदिर नहीं आ सकें.

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BTMC का मासिक खर्च करीब 24 लाख
बीटीएमसी (BTMC) की खर्च की बात करें तो हर माह महाबोधि मंदिर का पूजा, रख रखाव, स्वच्छता अन्य चीजों में लगभग 24 लाख रुपए खर्च होता है. बीटीएमसी के मासिक खर्च का करीब 24 लाख में से कर्मचारियों के वेतन में 17 लाख खर्च होते हैं.

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वहीं, दैनिक वेतन भोगी कर्मी का वेतन में तीन लाख, बिजली बिल में तीन लाख, बौद्ध भिक्षु के भोजन में 46 हजार, ऑडिट में 36 हजार, सफाई साम्रगी में 50 हजार, वाहन ईंधन में 10 हजार और जेनरेटर में 20 हजार खर्च है. वहीं, बोधिवृक्ष के रख रखाव में सालाना करीब 5 लाख रुपए खर्च होते हैं.

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महाबोधि मंदिर की दान पेटी खाली
महाबोधि मंदिर परिसर में कई स्थानों पर दान पेटी रखी हुई है. सबसे ज्यादा महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में स्थित दान पेटी और बोधि वृक्ष के पास स्थित दान पेटी से राशि निकाली जाती है. ऐसे में सामान्य दिनों में साल में चार बार दान पेटी खोला जाता था, लेकिन कोविड काल में एक बार खोला गया. साल 2017 में 3 करोड़ 87 लाख रुपए दान में आए थे. साल 2018 में 4 करोड़ 63 लाख दान आया था. 2019 में 4 करोड़ 14 लाख दान आया था. साल 2020 में मात्र 71 लाख रुपये दान आया है.

ये भी पढ़ें- गया: कोरोना वैक्सीन लगवाओ, साड़ी-छाता और राशन के साथ 1 दिन होटल में फ्री स्टे पाओ

बता दें कि महाबोधि मंदिर में कोविड काल में करोड़ों का नुकसान होने के बावजूद अपने सभी नियमित स्टाफ को मासिक वेतन भुगतान करते रहा है. वहीं, महाबोधि मंदिर सामाजिक दायित्व निभाते हुए सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ और फूड पैकेट में 35 लाख रुपए खर्च किए हैं.

गया: कोरोना काल (Corona Period) में आम इंसान के साथ-साथ भगवान को भी नुकसान हो रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) ने सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है. मंदिर बंद होने से मंदिरों में दान नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से भगवान को भोग लगाने के लिए दान में आए पहले के पैसों उपयोग किया जा रहा है.

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बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में पिछले साल से विदेशी श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. जिसकी वजह से मंदिर की दान पेटी खाली है. महाबोधि मंदिर की आय पर भी भारी असर पड़ा है. दरअसल, महाबोधि मंदिर कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए साल 2020 के मार्च माह में बंद कर दिया गया था. उसके बाद 16 जुलाई को फिर से बंद कर दिया गया था. उसके बाद साल 2021 में अप्रैल माह में बिहार में लॉकडाउन लागू होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था, जो आज तक बंद है.

महाबोधि मंदिर
महाबोधि मंदिर

डेढ़ साल में 3 महीने के लिए खुला मंदिर
मुश्किल से मंदिर इन डेढ़ साल में तीन माह के लिए खुला था. इसके बावजूद भी मंदिर की दान पेटी खाली है, क्योंकि अंतराष्ट्रीय उड़ानें बंद थी. जिसकी वजह से विदेशी श्रद्धालु महाबोधि मंदिर नहीं आ सकें.

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BTMC का मासिक खर्च करीब 24 लाख
बीटीएमसी (BTMC) की खर्च की बात करें तो हर माह महाबोधि मंदिर का पूजा, रख रखाव, स्वच्छता अन्य चीजों में लगभग 24 लाख रुपए खर्च होता है. बीटीएमसी के मासिक खर्च का करीब 24 लाख में से कर्मचारियों के वेतन में 17 लाख खर्च होते हैं.

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वहीं, दैनिक वेतन भोगी कर्मी का वेतन में तीन लाख, बिजली बिल में तीन लाख, बौद्ध भिक्षु के भोजन में 46 हजार, ऑडिट में 36 हजार, सफाई साम्रगी में 50 हजार, वाहन ईंधन में 10 हजार और जेनरेटर में 20 हजार खर्च है. वहीं, बोधिवृक्ष के रख रखाव में सालाना करीब 5 लाख रुपए खर्च होते हैं.

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महाबोधि मंदिर की दान पेटी खाली
महाबोधि मंदिर परिसर में कई स्थानों पर दान पेटी रखी हुई है. सबसे ज्यादा महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में स्थित दान पेटी और बोधि वृक्ष के पास स्थित दान पेटी से राशि निकाली जाती है. ऐसे में सामान्य दिनों में साल में चार बार दान पेटी खोला जाता था, लेकिन कोविड काल में एक बार खोला गया. साल 2017 में 3 करोड़ 87 लाख रुपए दान में आए थे. साल 2018 में 4 करोड़ 63 लाख दान आया था. 2019 में 4 करोड़ 14 लाख दान आया था. साल 2020 में मात्र 71 लाख रुपये दान आया है.

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बता दें कि महाबोधि मंदिर में कोविड काल में करोड़ों का नुकसान होने के बावजूद अपने सभी नियमित स्टाफ को मासिक वेतन भुगतान करते रहा है. वहीं, महाबोधि मंदिर सामाजिक दायित्व निभाते हुए सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ और फूड पैकेट में 35 लाख रुपए खर्च किए हैं.

Last Updated : Jul 3, 2021, 10:05 PM IST
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