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कोरोना संक्रमण के कारण मार्केट में बढ़ी मिट्टी के घड़ों की डिमांड, फ्रिज के पानी से बच रहे हैं लोग

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मिट्टी के घड़ों की डिमांड बढ़ गई है. गया में इन दिनों वे लोग भी घड़े खरीद रहे हैं जिनके घरों में फ्रिज है. लोगों का मानना है कि घड़े का पानी कोरोना से बचाव में सहायक है.

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Published : Apr 15, 2021, 5:49 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 2:47 PM IST

gaya
मार्केट में बड़ी मिट्टी के घड़ों की डिमांड

गया: जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. ऐसे में लोग इस बीमारी से बचाव को लेकर भी स्वजागरूक हो रहे हैं. इसी बीच लोग डॉक्टरों की सलाह पर ठंडी चीजों से भी परहेज कर रहे है. इनमें से एक सलाह फ्रीज के पानी को लेकर भी जुड़ी हुई है. ऐसे में लोग अब पूरानी संस्कति की ओर वापस मुड रहे हैं. जी आप सही समझ रहे है. जिले में इन दिनों घड़े की डिमांड हाई है. जिनके घरों में फ्रिज है या नहीं है, दोनों तरह के लोग अब घड़ें के पानी को ही स्वास्थ्य वर्धक मान रहे है और इसी कारण घड़ों की डिमांड बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ें: गया में कोरोना बरपा रहा कहर, मिले 528 नए संक्रमित

घड़ों की बढ़ रही है डिमांड
जिले में पानी के घड़ों की बढ़ती डिमांड को लेकर ईटीवी के रिपोर्टर ने जमीनी हकि​कत को जानने का प्रयास किया है. इस दौरान हमने पाया कि आम लोग गर्मी से बचने के लिए घड़े का पानी ज्यादा उपयोग कर रहे है. लोगो का कहना है कि घड़े के पानी से शीतलता भी मिलती है और खांसी होने का भी डर नही रहता है. वैसे तो गर्मी के दिनों में घड़े का उपयोग करना आम बात है, लेकिन ये बात आम नही लगती जब आपके घर में फ्रिज हो और आप घड़े का पानी प्रेफर करें. लेकिन ईटीवी के रिपोर्ट में ऐसे कई लोग मिली ​जो फ्रिज से ज्यादा अच्छा घड़े के पानी को मान रहे हैं.

मिट्टी के घड़ों की डिमांड बढ़ गई

लोग मानते हैं, घड़े के पानी से नहीं होती है खांसी.
लोगों का मानना है कि मिट्टी का बर्तन मानव जीवन से जुड़ा हुआ है. घड़े के पानी से खांसी नहीं होती जबकि फ्रिज के पानी से खांसी होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. जो कोरोना को दावत देने जैसा है. इसलिए घड़े का पानी का उपयोग लोग ज्यादा कर रहे हैं. गया में इन दिनों भीषण गर्मी और कोरोना से बचाव को लेकर तकरीबन हर घर मे घड़े का ही उपयोग किया जा रहा है. शहर में घड़े का दुकान आपको हर चौके चौराहे पर मिल जाएगा.

gaya
वे लोग भी घड़े खरीद रहे हैं जिनके घरों में फ्रिज है

हमने भी शहर के नादरगंज मुहल्ले में घड़ा खरीदने आए ग्राहक मोहम्मद लड्डन से बात की. उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से गले मे कोई दिक्कत नही होती है. इसकी शीतलता संतुलित रहती है. वहीं फ्रीज के पानी पीने से गले मे दिक्कत होती है. खांसी भी हो जाती है. उनका मानना है कि घड़े का पानी पीने से कोरोना और गर्मी से बचाव होता है.

कोरोना के कारण बढी घड़ों की बिक्री
वहीं जिले में बढ़े घड़ों की मांग को लेकर दुकानदार श्रवण कुमार बताते है कि पिछले साल की तुलना में इस साल घड़े की बिक्री अच्छी है. गर्मी में लोग पहले भी ले जाते थे. लेकिन इस साल फ्रीज के पानी से खांसी न हो इसलिए ज्यादा लोग घड़े की खरीदारी कर रहे है. कई ऐसे ग्राहक है जो डॉक्टर की सलाह पर घड़ा खरीदने आते है. पहले घड़ा में नल नही लगा रहता था, लोग हाथ डालकर पानी निकालते थे. अब घडो में नल लागकर हम लोग बेच रहे है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है.

gaya
मार्केट में बड़ी मिट्टी के घड़ों की डिमांड

देशी फ्रिज माना जाता है घड़ा
गौरतलब है देशी फ्रिज कहलाने वाला घडे का पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है. जिसे पीने से शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है. घडों में बारीक छिद्र होते हैं, पानी इन छिद्रों से रिसता रहता है. वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार जब पानी का वाष्पीकरण होता है तो ठंडक महसूस होती है और घडों में पानी ऐसे ही ठंडा होता है. गर्मी के दिनों में घड़े का मिट्टी की सोंधी खुशबू वाला पानी लोगों के लिए अमृत से कम नहीं माना जाता है.

गया: जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. ऐसे में लोग इस बीमारी से बचाव को लेकर भी स्वजागरूक हो रहे हैं. इसी बीच लोग डॉक्टरों की सलाह पर ठंडी चीजों से भी परहेज कर रहे है. इनमें से एक सलाह फ्रीज के पानी को लेकर भी जुड़ी हुई है. ऐसे में लोग अब पूरानी संस्कति की ओर वापस मुड रहे हैं. जी आप सही समझ रहे है. जिले में इन दिनों घड़े की डिमांड हाई है. जिनके घरों में फ्रिज है या नहीं है, दोनों तरह के लोग अब घड़ें के पानी को ही स्वास्थ्य वर्धक मान रहे है और इसी कारण घड़ों की डिमांड बढ़ गई है.

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घड़ों की बढ़ रही है डिमांड
जिले में पानी के घड़ों की बढ़ती डिमांड को लेकर ईटीवी के रिपोर्टर ने जमीनी हकि​कत को जानने का प्रयास किया है. इस दौरान हमने पाया कि आम लोग गर्मी से बचने के लिए घड़े का पानी ज्यादा उपयोग कर रहे है. लोगो का कहना है कि घड़े के पानी से शीतलता भी मिलती है और खांसी होने का भी डर नही रहता है. वैसे तो गर्मी के दिनों में घड़े का उपयोग करना आम बात है, लेकिन ये बात आम नही लगती जब आपके घर में फ्रिज हो और आप घड़े का पानी प्रेफर करें. लेकिन ईटीवी के रिपोर्ट में ऐसे कई लोग मिली ​जो फ्रिज से ज्यादा अच्छा घड़े के पानी को मान रहे हैं.

मिट्टी के घड़ों की डिमांड बढ़ गई

लोग मानते हैं, घड़े के पानी से नहीं होती है खांसी.
लोगों का मानना है कि मिट्टी का बर्तन मानव जीवन से जुड़ा हुआ है. घड़े के पानी से खांसी नहीं होती जबकि फ्रिज के पानी से खांसी होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. जो कोरोना को दावत देने जैसा है. इसलिए घड़े का पानी का उपयोग लोग ज्यादा कर रहे हैं. गया में इन दिनों भीषण गर्मी और कोरोना से बचाव को लेकर तकरीबन हर घर मे घड़े का ही उपयोग किया जा रहा है. शहर में घड़े का दुकान आपको हर चौके चौराहे पर मिल जाएगा.

gaya
वे लोग भी घड़े खरीद रहे हैं जिनके घरों में फ्रिज है

हमने भी शहर के नादरगंज मुहल्ले में घड़ा खरीदने आए ग्राहक मोहम्मद लड्डन से बात की. उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से गले मे कोई दिक्कत नही होती है. इसकी शीतलता संतुलित रहती है. वहीं फ्रीज के पानी पीने से गले मे दिक्कत होती है. खांसी भी हो जाती है. उनका मानना है कि घड़े का पानी पीने से कोरोना और गर्मी से बचाव होता है.

कोरोना के कारण बढी घड़ों की बिक्री
वहीं जिले में बढ़े घड़ों की मांग को लेकर दुकानदार श्रवण कुमार बताते है कि पिछले साल की तुलना में इस साल घड़े की बिक्री अच्छी है. गर्मी में लोग पहले भी ले जाते थे. लेकिन इस साल फ्रीज के पानी से खांसी न हो इसलिए ज्यादा लोग घड़े की खरीदारी कर रहे है. कई ऐसे ग्राहक है जो डॉक्टर की सलाह पर घड़ा खरीदने आते है. पहले घड़ा में नल नही लगा रहता था, लोग हाथ डालकर पानी निकालते थे. अब घडो में नल लागकर हम लोग बेच रहे है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है.

gaya
मार्केट में बड़ी मिट्टी के घड़ों की डिमांड

देशी फ्रिज माना जाता है घड़ा
गौरतलब है देशी फ्रिज कहलाने वाला घडे का पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है. जिसे पीने से शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है. घडों में बारीक छिद्र होते हैं, पानी इन छिद्रों से रिसता रहता है. वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार जब पानी का वाष्पीकरण होता है तो ठंडक महसूस होती है और घडों में पानी ऐसे ही ठंडा होता है. गर्मी के दिनों में घड़े का मिट्टी की सोंधी खुशबू वाला पानी लोगों के लिए अमृत से कम नहीं माना जाता है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 2:47 PM IST
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