गया: जिले के समाहरणालय से कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्यान और आत्मा योजना को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान डॉ. कुमार ने कहा कि प्रकृति ने बिहार को मखाना, लीची, जरदालु आम, दीघा मालदा आम, कतरनी चावल, अन्नानास, मालभोग केला, मगही पान, जैसे उच्च कोटि की फसलों के लिये स्थानीय विशेषता प्रदान की है. इसके अतिरिक्त बिहार के किसानों ने मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन में भी अपनी अलग पहचान बनाई है.
कृषि मंत्री ने सूबे के किसानों की उपलब्धि बताते हुए कहा कि सूबे में उत्पादित शहद सुदूर देश मोरक्को, सउदी अरब तक जा रहा है. इन देशों में बिहार के शहद को अधिक पसन्द किया जा रहा है. डॉ. कुमार ने कहा कि इन सभी फसलों और उत्पादों का क्षेत्र विस्तार किया जाए. इससे बिहार में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा और किसानों की आय बढे़गी. कृषि विभाग की तरफ से पहली बार जरदालु आम और शाही लीची की होम डिलीवरी करायी गई है.
लाॅकडाउन की स्थिति में पान, फूल और चुकन्दर की खपत नहीं होने पर किसानों को चिन्हित कर उनके नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया है.
'आयोजित होंगे आम महोत्सव'
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वेबिनार के माध्यम से आम महोत्सव आयोजित किया जाए और आम उत्पादक किसानों को सम्मानित किया जाए. साथ ही मधुमक्खी पालक, पान, केला, मशरूम, अन्नास, ड्रैगन फ्रूट, मखाना, शहजन, मेंथा, लेमनग्रास और स्ट्राबेरी के किसानों के लिए वेब पोर्टल बनाकर उनको ऑनलाइन जोड़े जाने का निर्देश दिया है. वहीं छत और अलान पर बागवानी करने के लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने का भी आदेश दिया.