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बिना मुआवजा दिए NH-83 के चौड़ीकरण के लिए तोड़ दिए दर्जनों घर, ग्रामीणों ने लगाई न्याय की गुहार

बोधगया थाना क्षेत्र के जिंदापुर गांव में एनएच 83 के चौड़ीकरण के लिए दर्जनों घरों को तोड़ दिया गया. पीड़ित न्याय की गुहार लगा रहे हैं. गांव के लोगों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए प्रशासन ने उनके घरों को तोड़ा. मकान तोड़ने से पहले न तो कोई नोटिस दी गई और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया गया.

Bodhgaya
एनएच 83 के चौड़ीकरण के लिए दर्जनों घरों को तोड़ा
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Published : Mar 3, 2021, 6:29 PM IST

गया: जिले के बोधगया थाना क्षेत्र के जिंदापुर गांव में डोभी-गया-पटना एनएच 83 के चौड़ीकरण के लिए दर्जनों घरों को तोड़ दिया गया. पीड़ित न्याय की गुहार लगा रहे हैं. गांव के लोगों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए प्रशासन ने उनके घरों को तोड़ा. घर तोड़ने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें- गया: स्कूल जा रही छात्रा को ट्रैक्टर ने रौंदा, मौके पर मौत

जिंदापुर गांव निवासी असगर आलम ने कहा कि प्रशासन के कुछ लोग आए और जबरन उनके 8 भाइयों सहित अन्य कई ग्रामीणों का मकान तोड़ दिया. मकान तोड़ने से पहले न तो कोई नोटिस दी गई और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया गया.

देखें रिपोर्ट

विरोध पर दी जेल भेजने की धमकी
असगर ने कहा कि हमलोगों ने घर तोड़े जाने का विरोध किया तो केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी गई. कोर्ट द्वारा भूमि अधिग्रहण के एवज में प्रशासन को प्रति डिसमिल 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.

इस संबंध में 2017 में मुकदमा किया गया था तब से मामला अधर में लटका हुआ है. न तो हमें मुआवजा मिला और न ही किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति की गई. अब उल्टे हमारे मकानों को तोड़ा जा रहा है. हम अधिकारियों से मांग करते हैं कि उचित मुआवजा देकर हमारे मकानों को तोड़ा जाए. हम विकास के कार्यों में बाधक नहीं बनना चाहते हैं.

houses broken
अपना घर टूटते देखते लोग.

खुले आसमान के नीचे जीने को हुए मजबूर
जिंदापुर गांव निवासी रफीक आलम ने कहा कि अचानक हमें पता चला कि हमारे मकान को तोड़ा जा रहा है. जब हम घर पहुंचे तो हमने अधिकारियों से मकान न तोड़ने का अनुरोध किया तो हमें डंडे से पीटने की धमकी दी गई. बिना मुआवजा लिए हम आखिर कहां जाएंगे? हमारे घरों को तोड़ दिया गया. अब हम खुले आसमान के नीचे परिवार के साथ जिंदगी जीने को मजबूर हैं. अगर सरकार जमीन लेना ही चाहती है तो हमें उसका मुआवजा दे.

गया: जिले के बोधगया थाना क्षेत्र के जिंदापुर गांव में डोभी-गया-पटना एनएच 83 के चौड़ीकरण के लिए दर्जनों घरों को तोड़ दिया गया. पीड़ित न्याय की गुहार लगा रहे हैं. गांव के लोगों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए प्रशासन ने उनके घरों को तोड़ा. घर तोड़ने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया.

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जिंदापुर गांव निवासी असगर आलम ने कहा कि प्रशासन के कुछ लोग आए और जबरन उनके 8 भाइयों सहित अन्य कई ग्रामीणों का मकान तोड़ दिया. मकान तोड़ने से पहले न तो कोई नोटिस दी गई और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया गया.

देखें रिपोर्ट

विरोध पर दी जेल भेजने की धमकी
असगर ने कहा कि हमलोगों ने घर तोड़े जाने का विरोध किया तो केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी गई. कोर्ट द्वारा भूमि अधिग्रहण के एवज में प्रशासन को प्रति डिसमिल 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.

इस संबंध में 2017 में मुकदमा किया गया था तब से मामला अधर में लटका हुआ है. न तो हमें मुआवजा मिला और न ही किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति की गई. अब उल्टे हमारे मकानों को तोड़ा जा रहा है. हम अधिकारियों से मांग करते हैं कि उचित मुआवजा देकर हमारे मकानों को तोड़ा जाए. हम विकास के कार्यों में बाधक नहीं बनना चाहते हैं.

houses broken
अपना घर टूटते देखते लोग.

खुले आसमान के नीचे जीने को हुए मजबूर
जिंदापुर गांव निवासी रफीक आलम ने कहा कि अचानक हमें पता चला कि हमारे मकान को तोड़ा जा रहा है. जब हम घर पहुंचे तो हमने अधिकारियों से मकान न तोड़ने का अनुरोध किया तो हमें डंडे से पीटने की धमकी दी गई. बिना मुआवजा लिए हम आखिर कहां जाएंगे? हमारे घरों को तोड़ दिया गया. अब हम खुले आसमान के नीचे परिवार के साथ जिंदगी जीने को मजबूर हैं. अगर सरकार जमीन लेना ही चाहती है तो हमें उसका मुआवजा दे.

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