गया: कोंच प्रखंड के सिंदुआरी गांव में हुई गोलीबारी की घटना ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. इस मामले को लेकर भाजपा और जदयू आमने-सामने है. हालांकि जदयू ने भाजपा नेताओं के आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है. बता दें कि पिछले दिनों सिंदुआरी गांव में आपसी विवाद को लेकर दो पक्षों में गोलीबारी हुई थी. इस घटना में 4 लोगों को गोली लग गई थी. इस घटना में सिंदुआरी गांव निवासी उदय शर्मा और गिरिजेश शर्मा की मौत हो गई थी. जबकि श्रीनाथ शर्मा और वीरेंद्र कुमार घायल हुए थे. जिनका इलाज पटना में कराया गया था.
पुलिस ने अभियुक्तों को किया गिरफ्तार
घटना के बाद मुख्य आरोपी राकेश यादव और संजीव यादव सहित अन्य अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. घटना के बाद डीएम अभिषेक सिंह और जदयू जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए सिंदुआरी गांव पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. घटना के बारे में डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि यह एक दुखद घटना है. इसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती. घटना को लेकर पीड़ित परिजनों के द्वारा एक आवेदन दिया गया है. आवेदन के आलोक में जो हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना को लेकर एसआईटी का गठन किया गया है. स्वयं सिटी एसपी के नेतृत्व में पुलिस अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है. घटना में शामिल अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
'सोची समझी साजिश के तहत हुई गोलीबारी'
इस मामले पर भाजपा नेता राजीव कुमार कन्हैया ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत एक पक्ष की गोली मारकर हत्या की गई है. जिसमें आरोपी को सत्ता पक्ष के एक विधायक का संरक्षण प्राप्त है. उन्होंने कहा कि मुख्य अभियुक्त राकेश यादव युवा जदयू का जिला महासचिव है. जिस वजह से आरोपी को स्थानीय थाना और पार्टी का सहयोग प्राप्त है. उन्होंने पूरे मामले में दोषियों को गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराकर सजा देने की मांग की है. ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके.
'जदयू का आरोपी से कोई लेना-देना नहीं'
वही, इस संबंध में युवा जदयू जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा ने कहा कि मुख्य आरोपी राकेश यादव वर्ष 2018 में युवा जदयू का महासचिव था. लेकिन वर्ष 2019 में जब नई कमेटी का गठन हुआ तो राकेश यादव को महासचिव के पद से हटा दिया गया था. उसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी गई है. स्वयं डीजीपी ने गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के द्वारा भी पीड़ित परिजनों को हरसंभव मदद दी जाएगी. जो भी दोषी हैं, उनकी अविलंब गिरफ्तारी की मांग करते हैं. जिन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, उन्हें कड़ी सजा देने की भी मांग प्रशासन से करते हैं.