गया: जिले में एईएस-जेई बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिये जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने 5 जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये रथ बोधगया और गया शहरी क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. बच्चों को होने वाली जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को सचेत किया जाएगा. इन रथों के जरिए एईएस-जेई, चमकी बुखार के प्रति सावधानियां बरतने को कहा गया है.
एईएस-जेई बीमारी से जागरुकता के लिए रथ रवाना
एईएस-जेई बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता के लिए जिलाधिकारी ने 5 रथों को रवाना किया है. इन रथों के माध्यम से इस रोग के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसके माध्यम से बताया जा रहा है कि बच्चों में तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें ताकि बुखार 100 डिग्री सेल्सियस से कम हो सके. कोई भी दवा मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही दें. यदि बच्चा बेहोश नहीं है तब साफ और पीने योग्य पानी में ओआरएस का घोल बनाकर पिलाएं. इस तरह की जानकारियां इस रोग से बचाव में काफी कारगर साबित हो सकती हैं.
दी जा रही ये जरूरी जानकारियां
इस रथ के माध्यम से लोगों को जानकारियां दी जा रही हैं. बताया जा रहा है कि बेहोशी की हालत में छायादार और हवादार जगह पर बच्चे को लिटाएं. बच्चे को खाली पेट लीची न खिलाएं. अधपके लीची या कच्चे लीची के सेवन से बचें. चमकी के लक्षण होने पर बच्चों को कंबल और गर्म कपड़े में न लपेटें. बच्चों की नाक बंद न करें. बेहोशी की हालत में बच्चों को मुंह में कुछ न दें. रात में बच्चों को खिलाकर ही सुलाएं. आपात स्थिति में निशुल्क एंबुलेंस जिसका टोल फ्री नंबर 102 है उसे डायल करें.
लोगों में फैलाई जा रही जागरुकता
बहरहाल बता दें कि गया जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की ओर से एईएस-जेई बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए रवाना किए गए रथ काफी अहम है. लोगों को इससे जरूरी जानकारी मिल रही है. इसके पालन से इस बीमारी से बचा जा सकता है. इस मौके पर जिलाधिकारी के अलावा उप निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह, डीपीएम स्वास्थ्य निलेश कुमार भी मौजूद रहे.