गया: जिले में लॉकडाउन को लेकर की जा रही व्यवस्था के संबंध में सभी पॉलीटिकल पार्टी के जिला प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की गई. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में सभी पार्टियों से फीडबैक लेने के उद्देश्य से यह बैठक की गई. बैठक में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष एवं जिला महामंत्री शामिल हुए.
डीएम ने लॉकडाउन के दौरान और उससे पहले कोविड-19 से जिले को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से किए गए कार्यों का विवरण रखा. उन्होंने कहा कि जिले में लॉकडाउन लगाए जाने के बहुत पहले ही कई सावधानियां बरती गयी. उन्होंने बताया कि गया एक अंतरराष्ट्रीय स्थल है. यहां रोज हजारों की संख्या में दूसरे देशों से लोग आते रहते हैं. गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जनवरी के अंत से ही विदेशी आगंतुकों की स्क्रीनिंग कराई जाने लगी तथा विदेशी लोगों पर नजर रखी जाने लगी. यहां आने वाले लोगों में कोरोना के कोई भी लक्षण मिलने पर उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा गया. उन्होंने कहा कि जिले में आम लोगों, सभी राजनीतिक दलों, एनजीओ एवं विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से ही जिला प्रशासन कोरोना वायरस पर काबू पाने में सफल हुआ है.
जिला प्रशासन ने किया तत्परता से काम
उन्होंने कहा कि गया में पहला मामला 29 मार्च को पहाड़पुर में मिला था, जो मुंगेर जिले के संक्रमित व्यक्ति से संबंधित था. दूसरा मामला गुरुद्वारा से मिला जो दुबई से संबंधित था. इससे जुड़े सभी पॉजिटिव मामले ठीक हो चुके हैं. साथ ही तीसरा मामला 24 अप्रैल को मिला जहां एक व्यक्ति दिल्ली से टिकारी आया था. उसे 2 घंटे के अंदर आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा दिया गया. यही कारण है कि अन्य लोगों में इसका संक्रमण नहीं फैल सका. डीएम ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा क्वॉरेंटाइन सेंटर गया जिला में है. यहां लगभग 1700 लोगों को क्वॉरेंटीन कर रखा गया है. वहीं 12,500 से ज्यादा लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है.
कई मुद्दों पर हुई चर्चा
डीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले में कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों को 24 घंटे के अंदर खोज लिया गया. साथ ही फंसे हुए लोगों के लिए राहत आपदा केंद्र चलाया गया, जहां उन्हें भोजन आवासन की सुविधा दी गई. वहीं जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं था वैसे 1,500 से 2,000 लोगों को प्रतिदिन सूखा राशन का पैकेट उपलब्ध कराया जाता रहा है. इसके साथ ही डीएम ने जिले के कंटेनमेंट जोन, सेनेटाइजेशन कार्य, राशन वितरण कार्य, कोटा में फंसे छात्रों को घर वापस लाने आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.