ETV Bharat / state

गया में मांझी की हार से ज्यादा चर्चा NOTA की, मतगणना में तीसरे नंबर पर आया

गया संसदीय क्षेत्र में गुरुवार 14 घंटे में मतगणना संपन्न हुई. इस चुनाव में नोटा तीसरे नंबर पर आया. जिसके बाद जिले में नोटा के उपयोग को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.

gaya
author img

By

Published : May 24, 2019, 3:28 PM IST

Updated : May 24, 2019, 4:58 PM IST

गया: जिला प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों ने मतदान करने के लिए लोगों से अपील की. साथ ही जागरूकता अभियान के तहत लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया. संसदीय क्षेत्र के मतदाता भी इस चुनाव में मतदान किये. लेकिन कुल मतदान में 3.14 प्रतिशत लोगों ने नोटा का प्रयोग किया.

किसको कितनी मिली वोट?
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जदयू प्रत्याशी विजय कुमार मांझी ने 1 लाख 52 हजार 426 मतों से पराजित किया. जेडीयू प्रत्याशी विजय मांझी को 4 लाख 67 हजार सात मत मिले, वहीं, पूर्व सीएम को 3 लाख 14 हजार 581 मत प्राप्त हुए. इसके साथ ही तीसरे नंबर पर नोटा का उपयोग किया गया. आयोग के मुताबिक 3 लाख 30 मत नोटा पर गिरा.

गया से सुजीत पांडेय की रिपोर्ट

नाराज कार्यकर्ता
बता दें कि गया में लगातार दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेपी की परंपरागत सीट जदयू के खाते में चली गई. ऐसा मानना है कि बीजेपी के खाते में सीट नहीं आने से नाराज कार्यकर्ताओं ने नोटा का बटन दबाना उचित समझा.

2014 की तुलना में इस साल मिले ज्यादा वोट
बहरहाल, इतने नोटा पर वोट गिरने के बावजूद एनडीए खेमे में कोई परेशानी देखने को नहीं मिली. साल 2014 की तुलना की जाए तो एनडीए प्रत्याशी विजय मांझी को 36,932 वोट ज्यादा मिले हैं.

गया: जिला प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों ने मतदान करने के लिए लोगों से अपील की. साथ ही जागरूकता अभियान के तहत लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया. संसदीय क्षेत्र के मतदाता भी इस चुनाव में मतदान किये. लेकिन कुल मतदान में 3.14 प्रतिशत लोगों ने नोटा का प्रयोग किया.

किसको कितनी मिली वोट?
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जदयू प्रत्याशी विजय कुमार मांझी ने 1 लाख 52 हजार 426 मतों से पराजित किया. जेडीयू प्रत्याशी विजय मांझी को 4 लाख 67 हजार सात मत मिले, वहीं, पूर्व सीएम को 3 लाख 14 हजार 581 मत प्राप्त हुए. इसके साथ ही तीसरे नंबर पर नोटा का उपयोग किया गया. आयोग के मुताबिक 3 लाख 30 मत नोटा पर गिरा.

गया से सुजीत पांडेय की रिपोर्ट

नाराज कार्यकर्ता
बता दें कि गया में लगातार दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेपी की परंपरागत सीट जदयू के खाते में चली गई. ऐसा मानना है कि बीजेपी के खाते में सीट नहीं आने से नाराज कार्यकर्ताओं ने नोटा का बटन दबाना उचित समझा.

2014 की तुलना में इस साल मिले ज्यादा वोट
बहरहाल, इतने नोटा पर वोट गिरने के बावजूद एनडीए खेमे में कोई परेशानी देखने को नहीं मिली. साल 2014 की तुलना की जाए तो एनडीए प्रत्याशी विजय मांझी को 36,932 वोट ज्यादा मिले हैं.

Intro:गया संसदीय क्षेत्र में कल 14 घण्टे में मतगणना संपन्न हुआ, मतगणना संपन्न होते ही क्रमशः में तीसरे नंबर पर नोटा के आने से मतगणना कर्मी और उपस्थित लोग चर्चा करने लगे। विजय मांझी पहले नंबर पर, जितनराम मांझी दूसरे नंबर पर, और नोटा तीसरे नंबर पर रह।


Body:जिला प्रशासन और राजनीतिक पार्टियों ने अधिक से अधिक मतदान करने के लिए लोगो से अपील की और जागरूकता अभियान के तहत कई कार्यक्रम करके लोगो वोट देने के लिए प्रेरीत किया। संसदीय क्षेत्र के मतदाता इस चुनाव में मतदान किये लेकिन कुल मतदान में 3.14 प्रतिशत लोगो ने नोटा का प्रयोग किया। नोटा 11 प्रत्याशियों को छोड़ते हुए तीसरे नंबर पर कब्जा कर लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जदयू प्रत्याशी विजय कुमार मांझी ने 1,52,426 मतों से पराजित किया।जदयू प्रत्याशी विजय मांझी को चार लाख 67 हजार सात मत मिले, वही पूर्व सीएम को 3,14,581 मत प्राप्त हुए , इसके साथ ही तीसरे नंबर पर नोटा में 30,00,30 मत पड़े।

ईवीएम के सबसे आखरी वाला बटन अब मतगणना में आगे की ओर बढ़ते हुए दिख रहा है। गया में ही नही पहले चरण का चुनाव जहां पड़ते हैं वहां नोटा का प्रयोग ज्यादा होता हैं। इस बार नोटा दबाने को लेकर कैम्पेन भी सोशल मीडिया पर चलाया गया था। इस कैम्पेन के विरोध में भाजपा के छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने देशभर कई कार्यक्रम कर नोटा का प्रयोग नही करना का अपील किया था।

गया में लगातार दो बार बीजेपी ने जीत हासिल किया था, बीजेपी के परंपरागत सीट जदयू के खाते में चला गया। जिस सीट को बीजेपी ने अपने सांसद को खोकर परंपरागत सीट बनाया था उसको जदयू खाते में दे देना ,भाजपा और आरएसएस कैडर वोट को नही भाया। ज्यादातर लोग का यही मानना है भाजपा के वोटर ही नोटा का प्रयोग किया होगा। इस डर का एहसास पहले भाजपा को हो गया था भाजपा अंदरूनी तौर बहुत खफा हुए नेता और जनता को मनाने लगा हुआ था। लेकिन सफलता हासिल नही हुआ। बहरहाल नोटा ने एनडीए के खेल नही बिगाड़ा 2014 के तुलना में 2019 में एनडीए प्रत्याशी को 36,932 मत ज्यादा मिले हैं।


Conclusion:
Last Updated : May 24, 2019, 4:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.