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डोभी प्रखंड में डायरिया का कहर, 2 की मौत, 50 से अधिक पीड़ित

डोभी प्रखंड के पंचरत्न पंचायत बाड़ी केवाल गांव में डायरिया की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं, लगभग 50 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं.

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Published : Nov 9, 2019, 8:58 AM IST

गया: जिले के डोभी प्रखंड में डायरिया की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है. साथ ही गांव में लगभग 50 लोग इस बीमारी से पीड़ित है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गांव के सामुदायिक भवन में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर सभी का इलाज किया जा रहा है.

गांव में लगया गया है कैम्प
जिले के डोभी प्रखंड के पंचरत्न पंचायत बाड़ी केवाल गांव में छठ पूजा के आखिरी दिन से कई लोगो को दस्त और उल्टी होने लगा. इसके बाद दर्जन से अधिक लोग डायरिया के चपेट में आ गए. जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिलते ही गांव में अगले दिन से कैम्प लगाया गया, गंभीर मरीज को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल भेजा दिया गया. वहीं, ये बीमारी सिर्फ एक गांव में एक साथ इतने लोगों में कैसे फैला, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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गांव में लगाया गया है स्वास्थ्य कैम्प

गंभीर मरीज को किया गया पटना रेफर
ग्रामीण गुरुचरण ने बताया अभी तक 50 लोग से ज्यादा डायरिया बीमारी के शिकार हो चुके है. साथ ही दो लोगों की मौत मौत भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि एक गंभीर मरीज को पटना रेफर कर दिया गया. वहीं, लोगों का कहा कि गांव में इतने लोग कैसे और क्यों हुआ पता नहीं चल पा रहा है.

डायरिया का कहर

एक ही परिवार में दो लोग पीड़ित
ग्रामीण बाल कृष्ण यादव ने बताया मेरे घर में दो लोग पिताजी और मेरी छोटी बेटी डायरिया से पीड़ित थे. उन्होंने कहा कि पिताजी का इलाज गांव के कैम्प हुआ. इसके बाद यहां स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां भी ठीक नहीं हो पया और उनकी मौत हो गई. वहीं, बेटी की हालात अब ठीक है.
दूषित खाना खाने से हुआ बिमारी
ग्रामीण डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि दूषित खाना खाने से लोगों को ये बीमारी हुआ है. उन्होंने कहा कि रासायनिक और मिलावटी रिफाइन और डालडा से बना खाद्य प्रदार्थ खाने से लोगों को यह बीमारी फैली है.

gaya
ब्लीचिंग का किया जा रहा है छिड़काव
बिलीचिंग का हो रहा है छिड़काव
सिविल सर्जन ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि पंचरत्न पंचायत के बाडी केवाल गांव में कुछ लोग डायरिया के चपेट में आ गए है. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया है एक एम्बुलेंस भेजा भी गया है. साथ ही दवा और महामारी का रूप न ले इसके लिए गांव में ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं, जनजागरण के लिए डोर टू डोर काम किया जा रहा है.

गया: जिले के डोभी प्रखंड में डायरिया की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है. साथ ही गांव में लगभग 50 लोग इस बीमारी से पीड़ित है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गांव के सामुदायिक भवन में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर सभी का इलाज किया जा रहा है.

गांव में लगया गया है कैम्प
जिले के डोभी प्रखंड के पंचरत्न पंचायत बाड़ी केवाल गांव में छठ पूजा के आखिरी दिन से कई लोगो को दस्त और उल्टी होने लगा. इसके बाद दर्जन से अधिक लोग डायरिया के चपेट में आ गए. जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिलते ही गांव में अगले दिन से कैम्प लगाया गया, गंभीर मरीज को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल भेजा दिया गया. वहीं, ये बीमारी सिर्फ एक गांव में एक साथ इतने लोगों में कैसे फैला, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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गांव में लगाया गया है स्वास्थ्य कैम्प

गंभीर मरीज को किया गया पटना रेफर
ग्रामीण गुरुचरण ने बताया अभी तक 50 लोग से ज्यादा डायरिया बीमारी के शिकार हो चुके है. साथ ही दो लोगों की मौत मौत भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि एक गंभीर मरीज को पटना रेफर कर दिया गया. वहीं, लोगों का कहा कि गांव में इतने लोग कैसे और क्यों हुआ पता नहीं चल पा रहा है.

डायरिया का कहर

एक ही परिवार में दो लोग पीड़ित
ग्रामीण बाल कृष्ण यादव ने बताया मेरे घर में दो लोग पिताजी और मेरी छोटी बेटी डायरिया से पीड़ित थे. उन्होंने कहा कि पिताजी का इलाज गांव के कैम्प हुआ. इसके बाद यहां स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां भी ठीक नहीं हो पया और उनकी मौत हो गई. वहीं, बेटी की हालात अब ठीक है.
दूषित खाना खाने से हुआ बिमारी
ग्रामीण डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि दूषित खाना खाने से लोगों को ये बीमारी हुआ है. उन्होंने कहा कि रासायनिक और मिलावटी रिफाइन और डालडा से बना खाद्य प्रदार्थ खाने से लोगों को यह बीमारी फैली है.

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ब्लीचिंग का किया जा रहा है छिड़काव
बिलीचिंग का हो रहा है छिड़काव
सिविल सर्जन ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि पंचरत्न पंचायत के बाडी केवाल गांव में कुछ लोग डायरिया के चपेट में आ गए है. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया है एक एम्बुलेंस भेजा भी गया है. साथ ही दवा और महामारी का रूप न ले इसके लिए गांव में ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं, जनजागरण के लिए डोर टू डोर काम किया जा रहा है.
Intro:गया जिला का एक ऐसा गांव जहाँ छठ पूजा के सुबह का अर्ध्य के बाद डायरिया के चपेट में आने लगे। एक या दो डायरिया से बीमात नही पड़े ये संखया 50 के पार हो गया और सभी आयु के लोग इस बीमारी के प्रभाव में आये। गाँव के दो लोगों की मौत भी डायरिया से हो गया है। जिला प्रशासन ने गांव के सामुदायिक भवन में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर सभी का इलाज कर रहा है।


Body:गया के डोभी प्रखंड के पंचरत्न पंचायत बाड़ी केवाल गांव में छठ पूजा के आखिरी दिन से कई लोगो को दस्त और उल्टी होने लगा,पहले दिन तीन दर्जन से अधिक लोग डायरिया के शिकार होंगे। ग्रामीण समझ नही पा रहे थे आखिर गांव में कौन रोग फैला है। जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिलते ही गांव में अगले दिन से कैम्प लगाया गया , गंभीर मरीज को अनुमंडल अस्पताल शेरघाटी भेजा गया। बड़ी बात ये है ये बीमारी सिर्फ एक गांव में एक साथ इतने लोगो मे कैसा फैला, इसका जवाब किसी के पास नही है। ना ग्रामीण बता पा रहे है ना ही सिविल सर्जन

ग्रामीण गुरुचरण ने बताया अभी तक 50 लोग से ज्यादा डायरिया के शिकार हुए हैं। दो लोगो का मौत इसी बीमारी से हुआ एक मरीज बहुत गंभीर है उसे पटना रेफर किया गया है उसका हालात नाजुक है। गांव में इतने लोग कैसे और क्यों हुआ पता नही पर हमलोग दवा और दुआ दोनो कर रहे हैं। माँ भगवती के पास सभी ग्रामीण मिलकर रात भजन करते हैं उनपर विशेष चढ़वा चढ़ाते हैं। इस प्रकोप से हमलोग को निजात दिलाया जाए।

ग्रामीण बाल कृष्ण यादव ने बताया मेरे घर मे दो लोग पिताजी और मेरी छोटी बेटी डायरिया के शिकार हुए । पिताजी का इलाज गांव के कैम्प हुआ फिर यहां सुधार नही हुआ तो डोभी, गया और शेरघाटी ले गए कही सुधार नही हुआ तो घर लाये उनका मौत हो गया। छोटी वाली बेटी का हालात अब ठीक है खाना भी खा रही है।

ग्रामीण डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया छठ पूजा के दूषित प्रसाद खाने से ये बीमारी हुआ है। रासायनिक और मिलावटी रिफाइन और डालडा से बना प्रसाद से हुआ होगा। आसपास के बाजार से सभी लोग तेल या डालडा लाये होंगे । सभी उसी से प्रसाद बनाये होंगे। इतनी मात्रा में एक साथ फैलने का वजह यही हो सकता है।

सिविल सर्जन ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया पंचरत्न पंचायत के बाडी केवाल गांव में कुछ लोग डायरिया के चपेट में आ गए है। वहां सूचना मिलते ही स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया है एक एम्बुलेंस भेजा गया है। प्राप्त मात्रा दवा और साथ ही ये महामारी का रूप न ले इसके लिए गांव में बिलीचिंग का छिड़काव किया गया है जनजागरण के डोर टू डोर काम किया जा रहा है। 90 प्रतिशत मरीज अब ठीक है 10 प्रतिशत का फॉलोअप चल रहा है।

इतनी मात्रा डायरिया तीन नवम्बर से हुआ है दूषित प्रसाद खाने से लगता है इतने लोग प्रभावित हुए हैं। मरीजो के संख्या में अब बढ़ोतरी नही हो उसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। मैं खुद एक दिन पूरा रहकर हर स्तर का व्यवस्था समुचित किया हूं।


Conclusion:
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