गया: बिहार के गया जिले के वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के सुदूर इलाके में विकास का बयार नहीं दिखता है. वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के सुदूर क्षेत्र परसावा गांव के दलित बस्ती में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. सुशासन के 15 साल की सरकार में दलित बस्ती में एक भी इंसान को पक्का मकान नहीं बना. ग्रामीण कहते है कि मिट्टी के मकान में रहने में डर लगता है.
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वजीरगंज के जनता नाराज
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया गया है. चुनावी रण में हर राजनीति दल में अपने उम्मीदवार को मैदान में उतार रहे है. चुनाव की तिथियों का घोषणा होते ही संभावित प्रत्याशी और विधायक अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार-प्रसार कर रहे है. नेताओं के चुनाव जनसंपर्क से वजीरगंज विधानसभा की जनता नाराज है. जनता ने कहा जिस तरह से कोरोना से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया जाता है.उसी तरह भ्रष्ट नेताओं से बचाव के लिए पूरे चुनाव सोशल डिस्टेसिंग का पालन करेंगे.
ईटीवी भारत पहुंची वजीरगंज
बिहार विधानसभा चुनाव में जनप्रतिनिधि ने अपने क्षेत्र में कितना विकास किया है. इसका जायजा लेने ईटीवी भारत वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के सुदूर इलाका में पहुंचा. पहाड़ के तलहटी में बसा परसावा गांव के ग्रामीणों से बात किया . ग्रामीणों ने कहा इस साल चुनाव को लेकर सड़क बना दिया गया है. वहीं हमलोग के पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं है. हर घर नल से जल भी सिर्फ दिखावा रह गया है.
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पक्का मकान नहीं मिला
ग्रामीण ने बताया कि गांव में विकास के नाम पर बिजली पहुंच गया है. बिजली तो आई लेकिन कच्चा मकान रहने के कारण टीवी नहीं रखते है. इनकी समस्याओं को सुनने भासपा के प्रत्याशी चितरंजन कुमार पहुंचे. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि यहां के लोगो को नेताओं से बड़ी दिक्कत है क्योंकि सब लोग वादा किये. आगामी चुनाव में जीत हासिल हुई तो इस गांव की तस्वीर बदल जाएगी.