गया: कोरोना वायरस संक्रमण के चेन तोड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस कारण सभी स्कूल बन्द है. लेकिन, स्कूल संचालक अभिभावकों पर लॉकडाउन की अवधि की फीस मांग रहे हैं. स्कूल प्रबंधन के दबाव से छात्रों के अभिभावक परेशान हैं. इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया है.
ऑनलाइन पढ़ाई को बना रहे हथियार
लॉकडाउन के कारण सरकारी नौकरी वालों को छोड़ कर ज्यादातर लोगों को खाने के लाले पड़ गए. ऐसे में बिहार सरकार ने कहा था कि स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस भरने के लिए दबाव नहीं बना सकते हैं. अगर फीस लेनी भी हो तो ऑनलाइन पढ़ाई करवाकर सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते हैं. स्कूल संचालकों ने इसी ऑनलाइन पढ़ाई को हथियार बनाकर लॉकडाउन की फीस मांगनी शुरू कर दी है.
अभिभावकों ने बताई परेशानी
बोधगया के अभिभावक मनोरंजन ने बताया कि निजी स्कूल एक व्यवसाय बन गया है. ऑनलाइन पढ़ाई तो एक बहाना है फीस लेने का, मेरे 2 बच्चे निजी स्कूल में पढ़ते हैं उनसे फीस मांगा जा रहा है. ट्यूशन फी तक ठीक है. लेकिन, ट्रांसपोर्ट फी छोड़कर सभी तरह की फीस ली जा रही है.
मेल आईडी पर करें शिकायत
इस संबंध में ईटीवी भारत ने जिला शिक्षा पदाधिकारी मुस्तफा हुसैन मंसूरी से बात की. उन्होंने कहा कि एक महीने का फीस देना है. बाकी 2 महीने का फीस देने के लिए दबाव नहीं बना सकते हैं. अगर कोई अभिभावक देना चाहता है तो उस पर किसी तरह की रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी एक शिकायत जी.डी गोयनका स्कूल से आयी है, उन पर शॉ कॉज नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा अगर कोई स्कूल संचालक फीस के लिए दबाव बनाता है तो deogaya@gmail.com पर शिकायत करें. उस पर कारवाई की जाएगी.