गया: कोरोना देश भर में एक बार फिर कहर बरपा रहा है. खुशहाल घरों में मातम पसर गया है. इस बार संक्रमण का कहर सबसे अधिक घर के चिरागों पर पड़ा है. वहीं, इस संक्रमण काल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां पूरा परिवार कोरोना के कारण तबाह हो गया है. कई मामलों में तो परिजन दाह संस्कार करने के लिए आगे नहीं आये. इसके चलते प्रशासन को शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा.
ताजा मामला गया रामपुर थाना क्षेत्र निवासी आशुतोष का है. कोरोना पीड़ित 32 वर्षीय आशुतोष की दो दिनों पहले मौत हो गई. उसकी डेड बॉडी मगध मेडिकल कॉलेज की मॉर्चरी में दो दिनों तक पड़ी रही. लेकिन कोई भी रिश्तेदार शव लेने नहीं आया. ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए जिला स्वास्थ्य प्रशासन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग ने निगम कर्मियों की मदद से उसका दाह संस्कार कराया.
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25 अप्रैल से था भर्ती, 4 मई को हुई मौत
मिली जानकारी के अनुसार, 25 अप्रैल को कोरोना पीड़ित आशुतोष को मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में वह अकेले ही कोरोना से जंग लड़ता रहा. चार मई को उसकी मौत हो गई.
इस बात की सूचना अस्पताल प्रबंधन की ओर से मेडिकल पर्ची पर दर्ज मोबाइल नंबर पर दी गई. लेकिन परिवार का कोई सदस्य शव लेने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचा.
अंत में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने पहल करते हुए बॉडी को एंबुलेंस से विष्णुपद स्थित श्मशान घाट भेजवाया. वहीं, नगर निगम की ओर से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गयी.
जब परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा तो निगम कर्मियों ने ही मुखाग्नि दी. वहीं, जानकारी के अनुसार मृतक के परिजन भी कोरोना पॉजिटिव हैं. इसके कारण ही वे अपने बेटे के अंतिम संस्कार में नहीं आ सके.
शव का दाह संस्कार निशुल्क
गया नगर निगम आयुक्त सावन कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच विशेष अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. कोरोना पीड़ित की मौत होने पर अंत्योष्टि का पूरा खर्च नगर निगम उठायेगा. होम आइसोलेटेड में किसी मरीज की मौत होने पर गया नगर निगम द्वारा अपने क्षेत्र के शवों का दाह संस्कार निशुल्क कराया जा रहा है.
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