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"कैद में जीवनदायिनी" खबर के समर्थन में उतरी कांग्रेस, एम्बुलेंस मामले में जांच की मांग की

ईटीवी भारत की कैद में जीवनदायिनी खबर को कांग्रेस ने समर्थन दिया है. कांग्रेस नेताओं ने एम्बुलेंस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.

gaya ambulance news
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Published : Jun 6, 2021, 8:57 PM IST

गया: पूर्व सांसद हरि मांझी ने सांसद निधि से दो एम्बुलेंस दिया था. लेकिन दोनों एम्बुलेंस महज एक आदेश के लिए कोविड अस्पताल में सड़ रही हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कांग्रेस ने ईटीवी भारत की खबर का समर्थन करते हुए सरकार से जांच की मांग की है.

यह भी पढ़ें: Exclusive: गया में भी एम्बुलेंस चहारदीवारी में कैद, सिविल सर्जन आवास में बनी शोभा की वस्तु

इन नेताओं ने की मांग
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिठू, पूर्व मंत्री बिहार सरकार जी.एस रामचंद्र दास, पूर्व विधायक मो. खान अली, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव डॉ. हामिद हुसैन, डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, प्रो. अरुण कुमार प्रसाद, अशोक सिंह, अमरजीत कुमार, धीरेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र मांझी, श्रवण पासवान, युगल किशोर सिंह, विद्या शर्मा, सकलदेव चंद्रवंशी, कृष्णा प्रकाश आदि ने इसकी जांच की मांग की है.

सिविल सर्जन आवास में सड़ रहा एम्बुलेंस
इसके साथ ही मामले की अविलंब जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. नेताओं ने कहा कि गया के पूर्व सांसद हरि मांझी ने अपने संसदीय फंड से सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोगों की सुविधा और इलाज करने के उद्देश्य से एक करोड़ रुपये में तीन एम्बुलेंस की खरीदारी की थी. इसे गया जिला स्वास्थ्य समिति को दिया गया था. लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी एक अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में और दूसरा सिविल सर्जन आवास में सड़ रहा है. जबकि तीसरे का कोई अता-पता नहीं है.

ठेला से भेजा गया शमशान घाट
नेताओं ने कहा कि एक ओर कोरोना वायरस महामारी के कारण जिले के कई अस्पतालों में एम्बुलेंस के आभाव के परिजन गंभीर बीमार होने पर मरीजों को रिक्शा, ठेला और खाट पर अस्पताल ले गए. कितने मृत व्यक्तियों को ठेला से श्मशान भेजा गया. वहीं दूसरी ओर जनता के पैसे की खरीदी हुई मिनी अस्पताल युक्त एम्बुलेंस शोभा की वस्तु बनी हुई है.

यह भी पढ़ें- बिहार: एंबुलेंस विवाद में ईटीवी भारत संवाददाता पर 10 पन्नों की FIR

एम्बुलेंस से ढोया जा रहा बालू
नेताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आप हमेशा बिहार में सुशासन और कानून राज की दुहाई देते थकते नहीं हैं. कोरोना काल में एक तरफ सारण के सांसद द्वारा खरीदी एम्बुलेंस से बालू ढोया जा रहा है. बक्सर में केंद्रीय मंत्री के द्वारा भाड़े के एम्बुलेंस का बार-बार उद्घाटन किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले सिवान में सात लाख का एम्बुलेंस 21 लाख में खरीदा जा रहा है.

अब गया में सांसद कोटे से खरीदी गई एम्बुलेंस वर्षों से चालक और आदेश के बिना सड़ रहा है. कांग्रेस नेताओं ने बिहार एम्बुलेंस प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की अनुशंसा की है.

गया: पूर्व सांसद हरि मांझी ने सांसद निधि से दो एम्बुलेंस दिया था. लेकिन दोनों एम्बुलेंस महज एक आदेश के लिए कोविड अस्पताल में सड़ रही हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कांग्रेस ने ईटीवी भारत की खबर का समर्थन करते हुए सरकार से जांच की मांग की है.

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इन नेताओं ने की मांग
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिठू, पूर्व मंत्री बिहार सरकार जी.एस रामचंद्र दास, पूर्व विधायक मो. खान अली, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव डॉ. हामिद हुसैन, डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, प्रो. अरुण कुमार प्रसाद, अशोक सिंह, अमरजीत कुमार, धीरेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र मांझी, श्रवण पासवान, युगल किशोर सिंह, विद्या शर्मा, सकलदेव चंद्रवंशी, कृष्णा प्रकाश आदि ने इसकी जांच की मांग की है.

सिविल सर्जन आवास में सड़ रहा एम्बुलेंस
इसके साथ ही मामले की अविलंब जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. नेताओं ने कहा कि गया के पूर्व सांसद हरि मांझी ने अपने संसदीय फंड से सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोगों की सुविधा और इलाज करने के उद्देश्य से एक करोड़ रुपये में तीन एम्बुलेंस की खरीदारी की थी. इसे गया जिला स्वास्थ्य समिति को दिया गया था. लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी एक अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में और दूसरा सिविल सर्जन आवास में सड़ रहा है. जबकि तीसरे का कोई अता-पता नहीं है.

ठेला से भेजा गया शमशान घाट
नेताओं ने कहा कि एक ओर कोरोना वायरस महामारी के कारण जिले के कई अस्पतालों में एम्बुलेंस के आभाव के परिजन गंभीर बीमार होने पर मरीजों को रिक्शा, ठेला और खाट पर अस्पताल ले गए. कितने मृत व्यक्तियों को ठेला से श्मशान भेजा गया. वहीं दूसरी ओर जनता के पैसे की खरीदी हुई मिनी अस्पताल युक्त एम्बुलेंस शोभा की वस्तु बनी हुई है.

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एम्बुलेंस से ढोया जा रहा बालू
नेताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आप हमेशा बिहार में सुशासन और कानून राज की दुहाई देते थकते नहीं हैं. कोरोना काल में एक तरफ सारण के सांसद द्वारा खरीदी एम्बुलेंस से बालू ढोया जा रहा है. बक्सर में केंद्रीय मंत्री के द्वारा भाड़े के एम्बुलेंस का बार-बार उद्घाटन किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले सिवान में सात लाख का एम्बुलेंस 21 लाख में खरीदा जा रहा है.

अब गया में सांसद कोटे से खरीदी गई एम्बुलेंस वर्षों से चालक और आदेश के बिना सड़ रहा है. कांग्रेस नेताओं ने बिहार एम्बुलेंस प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की अनुशंसा की है.

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